श्रीनगर, 09 जून 2022। जम्मू कश्मीर मे΄ आत΄कियो΄ द्वारा टारगेट किलि΄ग कर हि΄दुओ΄ को निशाना बनाए जाने का बाद से वहा΄ की स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। लेकिन कश्मीरी प΄डितो΄ की आस्था आत΄क पर भारी पड़ती नजर आ रही है। गा΄दरबल मे΄ आयोजित होने वाले खीर भवानी मेले करीब 18 हजार कश्मीरी प΄डितो΄ के पहु΄चने से यह साबित हो गया है कि आत΄कवाद के आगे आस्था भारी पड़ी है΄।
के΄द्रीय गृह म΄त्रालय द्वारा जारी आ΄कड़ो΄ के मुताबिक लगभग 18 हजार कश्मीरी प΄डितो΄ और भक्तो΄ ने जम्मू-कश्मीर के गा΄दरबल मे΄ माता खीर भवानी के म΄दिर मे΄ ज्येष्ठ अष्टमी के अवसर पर अपने पूजनीय देवता की पूजा की है। दरअसल, खीर भवानी मेला गा΄दरबल के तुलमुल्ला मे΄ माता खीर भवानी म΄दिर मे΄ हर साल ज्येष्ठ अष्टमी के अवसर पर आयोजित किया जाता है, जिसमे΄ जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सो΄ से श्रद्धालु पवित्र म΄दिर मे΄ आते है΄। यह आयोजन वषोर्΄ से कश्मीर घाटी मे΄ सा΄प्रदायिक सद्भाव और भाईचारे का प्रतीक माना जाता है लेकिन पिछले दो वषोर्΄ से महामारी के कारण आयोजित नही΄ किया जा सका।
हाला΄कि इस बार कश्मीर मे΄ जारी टारगेट किलि΄ग की घटनाओ΄ के चलते यहा΄ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने खुद पूरे आयोजन की निगरानी की। मेले के बाद सरकार ने बयान जारी कर बताया कि ज्येष्ठ अष्टमी पर करीब 18000 कश्मीरी प΄डितो΄ और भक्तो΄ ने माता खीर भवानी म΄दिर के दर्शन किए। शाम की आरती मे΄ करीब 2500 कश्मीरी प΄डितो΄ ने हिस्सा लिया।
माता खीर भवानी को कश्मीरी प΄डितो΄ की देवी माना जाता है। कश्मीर मे΄ हो रही टारगेट किलि΄ग की घटनाओ΄ को देखते हुए गृह म΄त्री अमित शाह ने म΄गलवार को कश्मीर मे΄ सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हाइलेवल मीटि΄ग की थी। इसमे΄ अमरनाथ यात्रा से लेकर खीर भवानी मेले तक की तैयारियो΄ के बारे मे΄ जानकारी ली गई। अमरनाथ के बाद खीर भवानी म΄दिर की ही सबसे ज्यादा मान्यता है।
बताया जा रहा है कि खीर भवानी कार्यक्रम की सफलता आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए भी शुभ स΄केत है, जो दो साल के अ΄तराल के बाद हो रही है।
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