अम्बिकापुर 08 जून 2022 (घटती-घटना)। आरआरवीयूएनएल और अडाणी फाउंडेशन के प्रयासों की बदौलत आज सुरगुजा क्षेत्र के विद्यार्थी अपनी पढाई और भविष्य को ले कर पहले से ज्यादा आत्मविश्वास से भरे हुए हैं और उनके अभिवावकों में भी एक उत्साह देखा गया है। छत्तीसगढ़ के आदवासी बहुल क्षेत्र के बच्चे न सिर्फ खेल कूद में आगे हैं, बल्कि अगर समुचित अवसर मिले तो ये बड़े-बड़े शहरों के स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थिओं की बराबरी भी कर सकते हैं। इसी कथन को चरितार्थ करते हुए, सुरगुजा ज़िले के तारा गांव में स्तिथ गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल ने एक अनोखी मिसाल पेश की है। पिछले तीन साल में एक तरफ तो इस स्कूल अपने पास प्रतिशत को आश्चर्यजनक तरीके से सुधारा है, दूसरी तरफ फर्स्ट डिवीज़न और 80 – 90 प्रतिशत के साथ पास होने वाले विद्यार्थिओं की संख्या में भी इजाफ़ा किया है। अभी हाल ही में आये कक्षा 12 के बोर्ड परीक्षा के परिणाम में इस स्कूल ने 100 प्रतिशत का आंकड़ा प्राप्त किया, वहीँ कक्षा दसवीं के 90 प्रतिशत बच्चे उत्तीर्ण हुए।
पिछले साल भी कक्षा दसवीं में सारे बच्चे उत्तीर्ण हुए थे, और कुल 64 बच्चों में से 59 ने फस्र्ट डिवीज़न हासिल किया था। 2021 में हुए कक्षा 10 के बोर्ड परीक्षा में घटबर्रा गांव के ओम प्रकाश ने 89.5 प्रतिशत के साथ पहला स्थान प्राप्त किया था, और दूसरे स्थान पर घटबर्रा की ही पूजा यादव – 89.3 प्रतिशत थी। लेकिन कुछ साल पहले तक इस विद्यालय की हालत प्रदेश के आदवासी बहुल इलाकों में पाए जाने वाले बाकी स्कूलों की तरह ही थी, जहाँ पर बच्चे मूलभूत संसाधनों के अभाव में अपनी काबिलियत दिखाने से वंचित रह जाते थे। तारा के इस सरकारी स्कूल के कायाकल्प पीछे राजस्थान राज्य विद्युत् उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) की वो प्रगतिशील विचारधारा है जिसके तहत वो दूर-दराज़ के इलाकों में अपने सीएसआर कार्यक्रम के माध्यम से समाज की हर धारा में परिवर्तन लाने में जुटा हुआ है। अपनी इसी सोच को वास्तविकता का रूप देने के लिए आरआरवीयूएनएल ने तीन साल पहले अडाणी फाउंडेशन के साथ मिल कर प्रोजेक्ट उत्थान की शुरुआत की थी। प्रोजेक्ट उत्थान के अंतर्गत अडाणी फाउंडेशन कक्षा 10 और बारहवीं के बच्चो के लिए स्पेशल ट्यूटोरिअल या फिर कोचिंग प्रोग्राम चलाता है। विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा चलाये जाने वाली इन कक्षाओं में दसवीं और बारहवीं के बच्चो को गणित, विज्ञान तथा अंग्रेजी के पाठ्यक्रमों की अलग से तैयारी कराई जाती है। ये सुविधा उन बच्चों के लिए ख़ास कर उपयोगी साबित हो रही है जो की ज़िले के बाहर जा कर महंगी कोचिंग का खर्च वहन नहीं कर सकते हैं। अब इस प्रोजेक्ट की अपार सफलता को देख कर तारा के आस पास-गांव-जनार्दनपुर, घटबर्रा, काटारोल के विद्यार्थी भी इस प्रोग्राम में भर्ती हो रहे हैं। प्रोग्राम की सफलता और शिक्षकों की प्रतिबध्धता को देखते हुए स्कूल ने पिछले साल अडाणी फाउंडेशन के नाम एक प्रशंसा पत्र भी भेजा था।
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