अम्बिकापुर 05 जून 2022 (घटती-घटना)। वर्ष 2013 में अम्बिकापुर स्थित बास्केटबॉल ग्राउण्ड में बास्केटबॉल का स्किल सीखने आई उर्वशी बघेल के पिता के निधन के बाद पुन: वर्ष 2015 में पुन: वापसी की थी। जिसके बाद उसने कभी पीछे मुडकर नहीं देखा। सात नेशनल खेल चुकी उर्वशी को खेल कोटे से रेलवे में नौकरी दी गई। सरगुजा की बेटी को रेलवे में खेल कोटे से नौकरी मिलने पर जिलेवासियों में हर्ष है। उर्वर्शी के उपलब्धि से बास्केटबॉल संघ के अध्यक्ष आदितेश्वर शरण सिंहदेव , कोच राजेश प्रताप सिंह ने उज्जवल भविष्य की कामना की है।
उर्वशी शहर के नमानाकला पावर हाउस के पास की रहने वाली है। जिसने शुरुआत में संघ के ग्राउण्ड में प्रशिक्षक राजेश प्रताप सिंह के निगरानी में बास्केटबॉल के गुर सीखा, लेकिन अम्बिकापुर में अच्छा ग्राउण्ड और सुविधाएं ना होने के कारण कोच ने उसकी खेल प्रतिभा को तराशने के लिए भिलाई भेजा था। उर्वशी 2015 में बास्केटबॉल के सब जूनियर नेशनल टूर्नामेंट में छत्तीसगढ़ का नेतृत्व किया और गोल्ड मेडल प्राप्त किया। जिसके बाद 2016 में भी सब जूनियर खेलकर छत्तीसगढ़ के लिए गोल्ड मेडल हासिल की। 2017 में यूथ नेशनल खेलकर चौथा स्थान प्राप्त की थी। वर्ष 2018 में स्कूल नेशनल खेला फिर 2019 में यूथ नेशनल और खेलो इंडिया खेलकर छत्तीसगढ़ का नेतृत्व किया था।
2022 में जीती थी ्र
कांस्य पदक
वर्ष 2019 वूमेंस टीम इंडिया के लिए सलेक्ट हुई, लेकिन करोना के कारण कैंप रद्द हो गया। उर्वशी का सफर यहीं नहीं रूका उसने 2022 में बास्केटबॉल जूनियर नेशनल टूर्नामेंट खेलकर कांस्य पदक अर्जित किया। इसमें उर्वशी छत्तीसगढ़ टीम की कप्तान थी। इसी टूर्नामेंट के आधार पर उर्वशी बघेल का चयन बिलासपुर रेलवे जोन में कर्मचारी के रूप में हुआ है।उर्वशी रेलवे में जॉब शुरू करने के पहले अभी अम्बिकापुर में हैं और अपने साथियों को बास्केटबॉल के आधुनिक स्किल का अभ्यास करा रही हैं। बास्केटबॉल संघ के अध्यक्ष आदितेश्वर शरण सिंह देव और कोच राजेश प्रताप सिंह के साथ 7 नेशनल खेलने वाली खिलाड़ी उर्वशी ने अम्बिकापुर में बास्केटबॉल के इंडोर स्टेडियम बनने पर ख़ुशी जाहिर की है। उनका मानना है कि इंडोर ग्राउण्ड बनने से आदिवासी अंचल के और बेहतर खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना पाएंगे और ऐसे ही सरकारी नौकरियों में स्थान बनाएगें।
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