अम्बिकापुर@केन्द्रीय जेल में मौसम का प्रकोप से चार बंदी की मौत

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जेल अधीक्षक ने बताया,क्षमता से अधिक हैं बंदी,24 सौ बंदियों के बीच मात्र एक महिला डॉक्टर

अम्बिकापुर,01 जून 2022(घटती-घटना)। केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में बीमारी से बंदियों की मौत का सिलसिला जारी है। पिछले 15 दिन के अंदर 4 बंदियों की मौत हो गई है। बुधवार को आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी की जेल बैरक में अचानक तबियत खराब हो गई। उसे आनन फानन में इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया। यहां जांच के दौरान चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
शिवनाथ गोड़ पिता शिवरतन गोड़ उम्र 48 वर्ष सूरजपुर जिले के चंदौरा चौकी क्षेत्र के ग्राम रूपनीयापानी का रहने वाला था। वह वर्ष 2014 में हत्या के मामले में सूरजपुर जेल में बंद था। इसके बाद उसे वर्ष 2015 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी तब से वह केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में शिफ्ट कराया गया था। 1 जून की सुबह 5.30 बजे उसकी अचानक तबियत खराब हो गई। केन्द्रीय जेल अस्पताल में उसका इलाज कराया गया। उसकी स्थिति को गंभीर देखते हुए चिकित्सक ने उसे तत्काल मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया। यहां जांच के दौरान चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं इसेसे पूर्व मई महीने में ही तीन और बंदियों की मौत हो चुकी है। मई- जून की गर्मी में से लोग बेहाल हैं। वहीं इसका असर केन्द्रीय जेल में भी देखा जा रहा है। तेज धूप व उमस भरी गर्मी से केन्द्रीय जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी बीमार हो रहे हैं। देखा जाए तो 13 मई से 1 जून के बीच 4 बंदियों की मौत इलाज के दौरान अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हो गई है। जेल अधीक्षक के अनुसार सभी अलग-अलग बीमारी से पीडि़त थे। वहीं देखा जाए तो हर दिन केन्द्रीय जेल से बंदी को इलाज के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। अस्पताल का जेल वार्ड बंदी मरीजों से भरा पड़ा है। केन्द्रीय जेल अधीक्षक के अनुसार लगभग 15 बंदी अस्पताल में भर्ती है। वहीं बुधवार को 20 बंदियों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया था। जिसमें 5 बंदियों की तबियत ज्यादा खराब रहने के कारण भर्ती कराया गया है।
केस 1
शीबू बर्मन पिता सुखलाल बर्मन उम्र 25 वर्ष अंबिकापुर गांधीनगर थाना क्षेत्र के काली घाट स्थित अजिरमा का रहने वाला था। वह मारपीट व छेड़छाड़ के मामले में केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में बंद था। उसकी मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। 11 मई को अचानक इसकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई। उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां इलाज के दौरान 13 मई की सुबह उसकी मौत हो गई।
केस 2
सरगुजा जिले के बतौली चर्चपारा निवासी 31 वर्षीय प्रकाश मिंज पिता विराज मिंज को हत्या के मामले में वर्ष 2014 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। तब से वह केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में सजा काट रहा था। 5 मई को उसे बुखार व चक्कर आने की शिकायत पर जेल प्रशासन द्वारा उसे इलाज के लिए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान 14 मई की देर रात उसकी मौत हो गई।
केस 3
बखरू राम पिता जयराम उम्र 40 वर्ष बलरामपुर जिले के कुसमी थाना क्षेत्र के ग्राम सुरबेना का रहने वाला था। हत्या के मामले में वर्ष 2014 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। तब से वह केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में बंद था। 10 मई को उसे बुखार व चक्कर आने की शिकायत पर जेल प्रशासन द्वारा उसे इलाज के लिए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान 18 मई की सुबह मौत हो गई।
केस 4
शिवनाथ गोड़ पिता शिवरतन गोड़ उम्र 48 वर्ष सूरजपुर जिले के चंदौरा चौकी क्षेत्र के ग्राम रूपनीयापानी का रहने वाला था। वह वर्ष 2014 में हत्या के मामले में सूरजपुर जेल में बंद था। इसके बाद उसे वर्ष 2015 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी तब से वह केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में शिफ्ट कराया गया था। 1 जून की सुबह 5.30 बजे उसकी अचानक तबियत खराब हो गई। केन्द्रीय जेल अस्पताल में उसका इलाज कराया गया। उसकी स्थिति को गंभीर देखते हुए चिकित्सक ने उसे तत्काल मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया। यहां जांच के दौरान चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


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