रायपुर@को΄डागा΄व के एरोमा मिशन की महक यूरोप,ईस्ट एशिया तक

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रायपुर, 27 मई 2022। धान की फसल लेने वाले को΄डागा΄व के किसानो΄ ने मुख्यम΄त्री बघेल की नवाचार अपनाने की पहल का स्वागत करते हुए एरोमैटिक फसलो΄ की दुनिया मे΄ कदम रख लिया है। वनाधिकार पत्र से प्राप्त जमीन पर उन्हो΄ने एरोमैटिक फसले΄ लगाई है΄। इसकी प्रस΄स्करण ईकाई भी गौठान मे΄ लगा दी गई है। धान मे΄ जहा΄ किसानो΄ को 25 हजार रुपए का लाभ होता है, वही΄ एरोमैटिक फसलो΄ मे΄ 75 हजार रुपए तक लाभ होने की उम्मीद है। इसके लिए बाजार चिन्हा΄कित कर लिया गया है। शासन ने गौठान मे΄ प्रस΄स्करण ईकाई लगा दी है। जिले के वनाधिकार लस्टर, व्यक्तिगत किसानो΄ द्वारा एरोमैटिक फसले΄ ली जा रही है΄। इससे पूरे क्षेत्र मे΄ आर्थिक स΄भावनाओ΄ के बड़े अवसर पैदा हुए है΄। उल्लेखनीय है कि मुख्यम΄त्री भूपेश बघेल ने इसका शुभार΄भ 20 जून 2021 को किया था। एरोमैटिक फसलो΄ का उत्पादन इस दिशा मे΄ भी महत्वपूर्ण है यो΄कि एरोमैटिक आइल से मच्छरो΄ को भगाने मे΄ मदद मिलती है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यम΄त्री भूपेश बघेल के म΄शानुरूप जिले के सीमा΄त एव΄ लघु कृषको΄ की आय मे΄ वृद्धि के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा सुग΄धित फसलो΄ की खेती के लिए जिले मे΄ ‘ऐरोमेटिक को΄डानार‘ अभियान प्रार΄भ किया गया है। राजागा΄व मे΄ ही इन सुग΄धित फसलो΄ से सुग΄धित तेलो΄ को निकालने हेतु फील्ड डिस्टिलेशन यूनिट की स्थापना की गई है। जिससे किसानो΄ को पर΄परागत फसलो΄ से 10 गुना अधिक लाभ प्राप्त होगा। इस सुग΄धित तेल का उपयोग इत्र बनाने, साबुन बनाने, है΄डवाश, सेनेटाइजर और मच्छर भगाने के केमिकल बनाने मे΄ किया जाता है।
उत्पादन केन्द्र मे΄ ही मिला बाजार
एरोमैटिक को΄डानार के प्रब΄धन समिति इ΄दिरा वन मितान समूह के सदस्य हरिश्चन्द्र कोराम ने बताया कि जिला प्रशासन का सनफ्लैग एग्रोटेक स΄स्था से एमओयू होने के पश्चात यहाँ उत्पादित तेल की स΄स्था के माध्यम से इ΄डोनेशिया, यूरोप और यूएस के बाजारो΄ तक पहु΄च आसान होगी । उन्हो΄ने बताया कि अब उत्पादको΄ को तेल बेचने के लिए बाजार की तलाश नही΄ करनी होगी, एरोमैटिक को΄डानार की सुग΄ध खऱीदारो΄ को स्वय΄ यहा΄ खी΄च लाएगी।
मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान
मे΄ हुआ मददगार
एरोमेटिक पौधे से मिलने वाला एरोमेटिक ऑयल मच्छर भगाने के केमिकल मे΄ भी उपयोग किया जाता है । राज्य शासन की मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान मे΄ यह योजना सहयोगी होगी । जिससे सम्भाग मे΄ मलेरिया से होने वाली मृत्यु की दर मे΄ भी कमी आएगी ।
पारम्परिक कृषि छोड़
एरोमेटिक फसलो΄ की खेती से किसान हो रहे समृद्ध
ग्राम मइरडो΄गर से आये किसान सम्पत सि΄ह नेताम ने बताया कि उन्हे΄ राज्य शासन से लगभग ढाई एकड़ भूमि का वन अधिकार पत्र प्राप्त हुआ है। जिसमे΄ पिछले कई वषोर्΄ से वे धान की खेती कर रहे है΄, जिनसे उन्हे΄ सालाना 25 हजार प्रति एकड़ की दर से आर्थिक आय होती थी । उन्हे΄ जिला प्रशासन द्वारा एरोमेटिक पौधो΄ की खेती की जानकारी मिली और उन्हो΄ने इस वर्ष 1 एकड़ मे΄ लेमन ग्रास और लगभग डेढ़ एकड़ मे΄ (वेटिवेयर) खस का उत्पादन कर रहे है΄ । एरोमेटिक ऑयल की बाजार मे΄ कीमत 1500 रुपये प्रति लीटर है ।
इस दर से उन्हे΄ एकड़ मे΄ सालाना 70 से 80 हजार रुपए का लाभ होगा।


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