अम्बिकापुर@खून की कमी के कारण पंडो जनजाति महिला की मौत,प्रसव के दौरान बच्चे की भी हो गई थी मौत

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अम्बिकापुर 21 मई 2022 (घटती-घटना)। शरीर में खून की कमी के कारण पंडो जनजाति की एक महिला की शुक्रवार की सुबह घर में ही मौत हो गई। मामला सूरजपुर जिले के प्रतापपुर थाना क्षेत्र की है। कुछ दिन पूर्व प्रसव के दौरान मृतका के बच्चे की भी मौत गर्भ में ही हो गई थी।
ग्राम पंचायत बोंगा गोविंदपुर की निवासी कौलेश्वरी पण्डो पति धरमजीत पण्डो उम्र 25 वर्ष गर्भवती थी। महिला को 5 मई को प्रसव के लिए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय महिला के शरीर में खून मात्र 3 ग्राम था। शरीर में खून की कमी रहने के कारण प्रसव के दौरान बच्चे की गर्भ में ही मौत हो गई थी। चिकित्सक द्वारा 4-5 बोतल खून चढ़ाने के लिए सलाह दी गई थी। लेकिन 1 बोतल खून ही उसे मिल पाया था। खून न मिलने के कारण परिजन उसे डिस्चार्ज कराकर घर ले गए थे। लेकिन खून की कमी के कारण पण्डो महिला की शुक्रवार की सुबह घर में ही मौत हो गई। छत्तीसगढ़ प्रदेश सर्व विशेष पिछड़ी जनजाति समाज कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष उदय पण्डो ने बताया कि कौलेश्वरी पण्डो जब मेडिकल कॉलेज अस्पताल से घर गई थी, तब इसकी सूचना फोन के माध्यम से जिला सूरजपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दी गई थी। लेकिन उनके द्वारा भी कोई संज्ञान नहीं लिया गया। कोई सहयोग नहीं मिलने के कारण खून की कमी से कौलेश्वरी पण्डो की घर में ही मौत हो गई। पार्वती पण्डो पति सुदर्शन पण्डो ग्राम खर्रा भैयाथान ओडग़ी निवासी को 6 माह पहले प्रसव पीड़ा होने पर भैयाथान अस्पताल और जिला अस्पताल सूरजपुर से रेफर कर मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई थी। वहीं सुनीता पण्डो पति प्रदीप पण्डो ग्राम त्रिशूली थाना सनावल रामचंद्रपुर ब्लॉक जिला बलरामपुर-रामानुजगंज निवासी के शरीर में खून कम था और पेट में ही बच्चे का मौत हो गई थी। फूलबस पण्डो पति रामजन्म पण्डो उम्र 27 वर्ष ग्राम पंचायत बरवाही रामचंद्रपुर ब्लॉक निवासी के शरीर में 5 ग्राम खून है, इसके बच्चे की मौत गर्भ में ही हो गई थी। फुलकुंवर पण्डो पति अखिलेश पण्डो उम्र 26 वर्ष ग्राम पंचायत डिण्डो सलवाही बलरामपुर निवासी के शरीर में 8 ग्राम खून है और इसके पेट में बच्चे का मौत हो गई थी।
नहीं मिल रहा
सुविधाओं का लाभ

जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के नि: शुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। नि:शुल्क खून जांच एवं स्वास्थ्य परीक्षण, खून बढऩे की दवाइयां, नियमित ब्लड प्रेशर जांच, टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं की वजन करना, गर्भवती महिलाओं के शरीर में पौष्टिक तत्व पूर्ण करने के लिए विभिन्न प्रकार के पौष्टिक आहार दिए जाते हैं। इन सभी सुविधाओं के वावजूद भी विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार की महिलाओं में खून की कमी और जच्चा-बच्चा सुरक्षित नहीं रहने के मामले हमेशा सामने आ रहे हैं। इससे यह पता चलता है कि ग्राम स्तर के स्वास्थ्य कर्मी अपने कार्यों का अच्छे से निर्वहन नहीं कर रहे हैं। गर्भवती महिलाओं में खून की कमी के कारण जच्चा-बच्चा की मौत होने की जानकारी सर्व विशेष पिछड़ी जनजाति समाज कल्यण समिति छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष उदय पंडो द्वारा संभाग आयुक्त व संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं अधिकारी को लिखित रूप से दी जा चुकी है। इसके बावजूद भी इस ओर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है।


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