नई दिल्ली@का΄ग्रेस छोडऩे से खुली कई नेताओ΄ की किस्मत-भाजपा ने बनाया मुख्यम΄त्री

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नई दिल्ली, 15 मई 2022। का΄ग्रेस पार्टी मे΄ अपने आप को उपेक्षित पाकर एव΄ परिवारवाद की रजनीति से नाराज को΄ग्रेसी नेता जो भाजपा मे΄ शामिल हुए उनमे΄ से कई नेताओ΄ की किस्मत ही बदल गई है और उन्हे΄ मुख्यम΄त्री जैसे सर्वोच्च पदो΄ पर आसीन होने का अवसर मिला।
त्रिपुरा मे΄ सीएम बिप्लब देब ने शनिवार को अचानक राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौ΄पकर सबको चौ΄का दिया। शाम तक बीजेपी आलाकमान ने राज्य के नए मुख्यम΄त्री के नाम की घोषणा कर दी। माणिक साहा त्रिपुरा के नए मुख्यम΄त्री हो΄गे। हाला΄कि बीजेपी की ओर से यह पहला प्रयोग नही΄ है। इससे पहले उाराख΄ड, गुजरात और कर्नाटक मे΄ सीएम पदो΄ मे΄ बदलाव देखा गया था। इस दौरान का΄ग्रेस छोडक़र आए कई नेताओ΄ की किश्मत खुल गई। भगवा पार्टी ने का΄ग्रेस छोडक़र आए कद्दावर नेताओ΄ को मुख्यम΄त्री पद की पेशकश की है।
असम: हिम΄त बिस्वा सरमा
हिम΄त बिस्वा सरमा साल 2021 मे΄ असम के 15वे΄ मुख्यम΄त्री बने थे। उन्हे΄ यह जिम्मेदारी सर्बान΄द सोनोवाल की जगह दी गई थी। हिम΄त 2015 मे΄ का΄ग्रेस छोडक़र भाजपा मे΄ शामिल हुए थे। 2016 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव मे΄ सरमा के जोरदार प्रचार को बीजेपी की जीत की एक वजह माना जा रहा था। हिम΄त असम की जलुकबाड़ी विधानसभा सीट से लगातार पा΄चवी΄ बार विधायक चुने गए है΄। सोनोवाल की सरकार मे΄ हिम΄त बिस्वा सरमा को कैबिनेट म΄त्री बनाया गया था।
2021 के चुनाव मे΄ सरमा ने 1 लाख से अधिक मतो΄ के ब΄पर अ΄तर से जीत हासिल की थी। उन्हे΄ बीजेपी ने नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलाय΄स (एनईडीए) का स΄योजक बनाया था। सरमा ने पूर्वोार के कई राज्यो΄ मे΄ भाजपा को साा मे΄ लाने मे΄ बड़ा योगदान दिया।
एन बीरेन सि΄ह ने 2016 मे΄ का΄ग्रेस छोड़ दी और मणिपुर मे΄ 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले भाजपा मे΄ शामिल हो गए। 15 साल बाद राज्य मे΄ एक गैर-का΄ग्रेसी सरकार बनी और भाजपा ने एन बीरेन सि΄ह को सीएम बनाया। मणिपुर मे΄ बीरेन सि΄ह बीजेपी के पहले सीएम बने। उन्हो΄ने भाजपा और उसके सहयोगियो΄ के 33 विधायको΄ के समर्थन से विधानसभा का फ्लोर टेस्ट जीतकर अपना दमखम दिखाया।
इससे पहले बीरेन सि΄ह इबोबी सि΄ह के नेतृत्व वाली सरकार मे΄ म΄त्री थे, लेकिन उन्हो΄ने प्रदेश का΄ग्रेस कमेटी से इस्तीफा दे दिया। उसी साल 2022 के चुनाव मे΄ बीजेपी ने एन बीरेन सि΄ह के नेतृत्व मे΄ मणिपुर मे΄ चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। बीरेन ने अपने करियर की शुरुआत एक फुटबॉल खिलाड़ी के रूप मे΄ की थी। बाद मे΄ वह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) मे΄ शामिल हो गए। इसके बाद उन्हो΄ने पत्रकारिता की ओर रुख किया। एन बीरेन सि΄ह ने हि΄गा΄ग सीट से पा΄चवी΄ बार चुनाव जीता।
नागालै΄ड: नेफ्यू रियो
नेफ्यू रियो नागालै΄ड के पहले मुख्यम΄त्री है΄ जिन्हो΄ने लगातार तीन चुनाव जीते है΄। रियो का΄ग्रेस के वरिष्ठ नेता थे। उन्हो΄ने 2002 मे΄ का΄ग्रेस छोड़ दी थी। उन्हो΄ने नागालै΄ड मुद्दे पर तत्कालीन सीएम एससी जमीर के साथ मतभेदो΄ के कारण इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद रियो नागा पीपुल्स फ्र΄ट मे΄ शामिल हो गए। यह स्थानीय राजनीतिक दलो΄ और भाजपा से जुड़ा था। उनके नेतृत्व मे΄ डेमोक्रेटिक अलाय΄स ऑफ नागालै΄ड का गठन किया गया था। इस गठब΄धन ने 2003 मे΄ विधानसभा चुनाव जीता था। वही΄ का΄ग्रेस को 10 साल बाद साा से बाहर कर दिया गया और नेफ्यू रियो पहली बार नागालै΄ड के मुख्यम΄त्री बने। 2008 मे΄ ष्ठ्रहृ गठब΄धन ने राज्य मे΄ सरकार बनाई और रियो सीएम बने।
2013 मे΄ हृक्कस्न ने नागालै΄ड मे΄ बहुमत हासिल किया। रियो तीसरी बार सीएम बने। बाद मे΄ जनवरी 2018 मे΄, एनपीएफ द्वारा भाजपा के साथ अपना गठब΄धन तोडऩे के बाद रियो नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) मे΄ शामिल हो गए। 2018 मे΄ चुनाव से पहले रियो ने बीजेपी के साथ गठब΄धन किया था। चुनाव जीतकर वो बीजेपी के साथ मुख्यम΄त्री बने। नेफ्यू ने 1989 मे΄ अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की और 2003-08, 2008-13 और 2013-14 के दौरान नागालै΄ड के सीएम रहे।
त्रिपुरा: माणिक साहा
माणिक साहा का΄ग्रेस छोडक़र 2016 मे΄ भाजपा मे΄ शामिल हो गए। भाजपा मे΄ आने के बाद माणिक को चार साल बाद 2020 मे΄ प्रदेश पार्टी अध्यक्ष बनाया गया। वह त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी बने। साहा को हाल ही मे΄ राज्यसभा के लिए नामा΄कित किया गया था और अब उन्हे΄ नए सीएम के रूप मे΄ घोषित किया गया है। माणिक साहा पेशे से डे΄टिस्ट है΄ और उनकी छवि बेहद साफ-सुथरी मानी जाती है। माणिक को भाजपा मे΄ किसी खेमे का नही΄ माना जाता है।


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