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बैकुण्ठपुर@क्या जब तक मुख्य चिकित्सा अधिकारी साहब का विकेट नहीं गिरेगा तब तक स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं सुधरेगा?

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  • जिला अस्पताल के छत पर कई महीनों से पड़ा है मेडिकल वेस्टेज कचरा।
  • क्या जिला अस्पताल का छत मेडिकल वेस्ट कचरा रखने के लिए है?


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 10 मई 2022 (घटती-घटना)। कोरिया जिले का जिला चिकित्सालय यूं ही नहीं सुर्खियों में रहता, जबकि स्वास्थ्य सुविधा बढ़ रही है इसे लेकर स्थानीय विधायक से लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी का गुणगान भी बहुत होता है, पर इस गुडग़ान के बीच ऐसे सदृश भी दिखाते है जो स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल कर रख देते हैं, ऐसे में सवाल यह उठता है क्या सिर्फ गुणगान करने से स्वास्थ्य व्यवस्था अच्छी हो जाएगी या फिर वाकई में स्वास्थ्य व्यवस्था अच्छी करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी व स्थानीय विधायक की नियत है, जिस प्रकार से स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर शिकायतें आ रहे हैं उससे तो यही लगता है की मुख्य चिकित्सा अधिकारी का विकेट गिरना अत्यंत जरूरी हो गया है, नहीं तो स्वास्थ्य व्यवस्था कभी भी पटरी पर नहीं आएगी अब देखना यह है की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी का विकेट गिरता है या फिर अपने लाभ के लिए जनप्रतिनिधि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के विकेट गिराने से अपने ही मुख्यमंत्री को रोते हैं।
जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर स्थित जिला अस्पताल का छत की कचरा घर बन गया है, छत के ऊपर कई महीनों का मेडिकल बेस्टेस्ट कचरा इंजेक्शन, इंजेक्शन की नीडल, मलहामपट्टी शरीर के छोटे-मोटे कटे-फटे चमड़े के टुकड़े खून में सनी हुई, मलहम पट्टी ऐसे खुली जगह में पॉलिथीन में भर कर के रख दिया गया है, जबकि मेडिकल वेस्टेड कचरे को प्रतिदिन नष्ट करने का नियम है इसे डिस्पोज करना होता है, पर मेडिकल बेस्टेस्ट कचरा जिला अस्पताल के छत की शोभा बढ़ा रहे है, मैनेजमेंट कर्मचारी एवं सफाई प्रभारी के रहते हुए ऐसी दुर्दशा? जिला अस्पताल की छत में ही मेडिकल वेस्ट कचरे को डंप क्या सही है? ताज्जुब की बात तो यह है कि यह कचरा कोई एक-दो दिन का कचरा नहीं है कई महीनों का कचरा है और इस कचरे को डिस्पोजल करने के नाम पर बहुत बड़ी मोटी रकम भी इनको मिलती है इसके बावजूद कचरा छत पर पडा है बारिस के दौरान कचरे की वजह से छत में सीपेज के साथ संक्रमण फैलने का खतरा है। 100 बिस्तर के जिला अस्पताल को यहां के जवाबदार सम्मानीय जनप्रतिनिधि या बड़े सम्मानीय अधिकारी सुधार नहीं पा रहे हैं 200 बिस्तर के बनने वाले जिला अस्पताल का क्या होगा?
नालियों का है जो गंदगी मलबे से बज बजा रही हैं
ऐसा ही हाल जिला अस्पताल के अंदर के नालियों का है जो गंदगी से बज बजा रही हैं पर जिला अस्पताल के मैनेजमेंट कर्मचारी एवं सफाई प्रभारी को यह सब नहीं दिख रहा है और पूरी लापरवाही बरती जा रही है लोगों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, कभी जिला अस्पताल से गंभीर बीमार स्ट्रेचर से मरीज बाहर पहुंच जाता है कभी भर्ती मरीज रोड में मिलता है यह हाल है बैकुंठपुर जिला अस्पताल का कुल मिलाकर के बैकुंठपुर जिला अस्पताल की स्थिति नहीं सुधर पाएगा।
मरीज गर्मी से परेशान और कूलर छतों पर सड़ रहे
मरीज गर्मी में परेशान है और वार्ड में लगने वाले कूलर टूटी फूटी हालत में छत में ही पढ़े-पढ़े सड़ गए, पर मरीजों के वार्ड में नहीं लग पाए जिला अस्पताल की स्थिति किसी से छुपी हुई नहीं है।
संक्रमण का खतरा
आप इसी से अंदाजा लगा लीजिए की जहा पर कचरा डंप किया जा रहा है वहां से पूरे जिला अस्पताल मैं सप्लाई होने वाली पानी की टंकियां उसी जगह पर रखी हुई है, जिसका पानी जिला अस्पताल के मरीज एवं उनके परिजन नीचे लगे नल से पीते हैं या अपना बाकी काम में पानी का उपयोग करते है, नीचे जो वाटर फिल्टर लगे हुए हैं उनमें से एक बिगड़ा हुआ है एक में डायरेक्ट टंकी से पानी नीचे सप्लाई होता है।


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