- पंजीयन नहीं होने से पशुपालकों से गोबर खरीदी बंद
- देखरेख के अभाव में आवर्ती चराई विकास क्षेत्र गौठान का वजूद खतरे में
-मनोज कुमार-
लखनपुर,08 मई 2022(घटती-घटना)। वन विभाग के द्वारा लाखों रुपए खर्च कर विकासखंड में 7 आवर्ती चराई विकास क्षेत्र गौठान का निर्माण कार्य कराया गया है। वन विभाग के लापरवाही से पंजीयन नहीं होने से वनांचल क्षेत्र के ग्रामों में पशुपालकों से गोबर की खरीदी नहीं की जा रही है। साथ ही आवर्ती चराई विकास क्षेत्र में पशुओं के लिए चारे और पानी का प्रबन्ध विभाग के द्वारा नहीं कराया गया है। जिसे लेकर गांव के पशुपालक चिंतित हैं।और आवर्ती चराई क्षेत्र गौठान का निर्माण होने उपरांत भी उन्हें इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। साथ ही देखरेख के अभाव में आवर्ती चराई विकास क्षेत्र के गौठान का वजूद खतरे में नजर आ रहा है। वन विभाग के द्वारा लखनपुर विकासखंड के ग्राम गुमगरा कला, गुमगरा खुर्द, केवरा, बंधा, लोसंगी, फैलपुर, जमदरा में लाखों रुपए खर्च करके आवर्ती चराई विकास क्षेत्र का गौठान का निर्माण कराया गया है। पंजीयन नहीं होने से ग्राम बन्धा , फैलपुर, जमदरा स्थित आवर्ती चराए विकास क्षेत्र का उठान में पशुपालकों से गोबर की खरीदी विभाग के द्वारा नहीं की जा रही है जिसे लेकर इस गांव के पशुपालक चिंतित है । विदित हो ग्राम जमदरा स्थित आवर्ती चराई विकास क्षेत्र का गौठान में वन विभाग के द्वारा बिना पंजीयन के ही 24 पशुपालकों से ₹162000 की गोबर खरीदी की गई थी। जिसके बाद पशुपालक गोबर का भुगतान पाने के लिए कार्यालय का चक्कर लगा रहे थे। समाचार प्रकाशित होने के उपरांत पशुपालकों को आधा अधूरा भुगतान किया गया। तो वही आज भी भुगतान के लिए पशुपालक भटक रहे है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सरगुजा संभाग के दौरे को देखते हुए वन विभाग के द्वारा विगत 3 दिनों पूर्व पशुपालकों को भुगतान करने को लेकर फॉर्म भरा गया है। तो वही ग्राम लोसंगी में वन विभाग के द्वारा आवर्ती चरॉई विकास क्षेत्र गौठान में गोबर की खरीदी किसी अन्य जगह से किये जाने को लेकर शिविर में आधा दर्जन से अधिक स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा शिकायत कलेक्टर से की गईं। जिस पर सरगुजा कलेक्टर ने विभाग के एसडीओ व रेंजर को तलब करते हुए पशुपालकों की सूची मांगी परंतु वन विभाग के अधिकारियों द्वारा मौके पर सूची उपलब्ध नहीं कराई गई थी। जबकि छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा है नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना से लोगों के जीवन में बदलाव और जीवन स्तर में सुधार लाने साथ ही क्षेत्र के ग्रामीणों को रोजगार के नए साधन उपलब्ध कराने तथा आर्थिक विकास में उन्नति सुनिश्चित हो सके परंतु वन विभाग के लापरवाही के कारण क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। अब देखने वाली बात होगी कि आने वाले समय में क्षेत्र के ग्रामीणों को आवर्ती चराई विकास क्षेत्र गौठानो से लाभ मिलेगा या नही। फिलहाल वन विभाग के आवर्ती चराई योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है।
पशुओं के लिए चारा और पानी की व्यवस्था नहीं
लखनपुर वन विभाग के द्वारा आवर्ती चराई विकास क्षेत्र गौठान का निर्माण करें तो कराया गया परंतु वहां पशुओं के लिए चारा और पानी की व्यवस्था नहीं की गई है। मनरेगा के तहत डबरी निर्माण तो कराया गया परंतु उस डबरी में पानी नहीं चारे के लिए मचान बनाया गया परंतु वहां चारा नही है। देखरेख के अभाव में पशुओं के लिए रखने के लिए बनाए गए मचान गिर चुके हैं।
पशुपालकों से गोबर खरीदी बंद
ग्राम बन्धा,जमदरा,फैलपुर मैं वन विभाग के द्वारा आवर्ती चराई विकास क्षेत्र के तहत गांव खान का निर्माण कराया गया है परंतु पंजीयन नहीं होने के कारण पशुपालकों से गोबर की खरीदी विभाग के द्वारा नहीं की जा रही है जिसे लेकर क्षेत्र के पशुपालक चिंतित है। साथ ही पशुपालकों ने पंजीयन करते हुए आवर्ती चराई विकास क्षेत्र में गोबर खरीदी कराए जाने की मांग की है।
इस संबंध में मोबाइल फोन के माध्यम से वन विभाग के एसडीओ विजेंद्र सिंह ठाकुर से चर्चा करने पर उनके द्वारा कहा गया कि मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है आप क्षेत्रीय रेंजर से बात करें।
विजेंद्र सिंह ठाकुर
एसडीओ
इस संबंध में वन परीक्षेत्राधिकारी सूर्यकांत सोनी से फोन पर चर्चा करने पर उनके द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि लखनपुर विकासखंड में आवर्ती चराई विकास क्षेत्र अंतर्गत 7 गौठानो का निर्माण कार्य किया गया है। गुमगरा खुर्द में 30 पशुपालकों से 123.5 क्विंटल गुमगरा कला, 6 पशुपालकों से 002.9 क्विंटल केवरा 20 20 पशुपालकों से 177 क्विंटल लोसंगी में 17 पशुपालकों से 504.35 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। आवर्ती चराई योजना के तहत गानों के नोडल और सहायक नोडल के द्वारा गोबर क्रय विक्रय किया जा रहा है बोर खनन का कार्य, नेपियर घास रोपण, चरवाहों का भी पंजीयन किया गया है। साथ ही उनके द्वारा बताया गया कि ग्राम बन्धा फैलपुर जमदरा में पंजीयन नहीं होने के कारण पशुपालकों से गोबर की खरीदी नहीं की जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि जेसीबी मशीन के माध्यम से कंपोस्ट पिट की खुदाई नहीं हो सकती है। ग्रामीणों की सहमति पर पूर्व में मरम्मत कार्य कराया गया था।
सूर्यकांत सोनी
वन परिक्षेत्र अधिकारी