बैकु΄ठपुर@सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटना में एक साथ 23 अफसर कर्मचारी निरीक्षण में मिले नदारत

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स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे एक साथ इतने लोगों की अनुपस्थिति से हुआ साबित

रवि सिंह –

बैकु΄ठपुर 04 अक्टूबर 2021 (घटती-घटना)। जिला मुख्यालय के बिल्कुल नजदीक राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर स्थित पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही का एक बहोत बड़ा मामला सामने आया है जिसमें कलेक्टर कोरिया के निर्देश पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटना के औचक निरीक्षण पर पहुंचे सीएमएचओ को निरीक्षण के दौरान एकसाथ 23 अधिकारी कर्मचारी कार्य पर उपस्थित नहीं मिले वहीं अब सभी को कारण बताओ नोटिश जारी कर जवाब मांगा जा रहा है।

सीएमएचओ के निरीक्षण को लेकर कुछ और बातें जो आ रही सामने

पूरे मामले में बताया जा रहा है कि सीएमएचओ साहब का बीएमओ साहब से कुछ मामलों में तालमेल नहीं बैठ पा रहा है और औचक निरीक्षण की वजह भी तालमेल का आभाव ही बनी यह भी खबर सामने आ रही है, बताया जा रहा है कि सीएमएचओ साहब स्वास्थ्य केंद्र में औचक रूप से उपस्थित हुए जरूर लेकिन उनका निरीक्षण केवल हस्ताक्षर पंजी तक सीमित रह उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र के भीतर जाकर यह पुष्टि करने की कोशिश नहीं की कौन उपस्थित है कौन नहीं उन्होंने हस्ताक्षर के आधार पर 23 लोगों को कारण बताओ नोटिश जारी कर दिया, जबकि नियमानुसार यदि देखा जाय तो सीएमएचओ साहब को केवल बीएमओ पटना को नोटिश देना था वहीं बीएमओ अन्य को नोटिश देकर जवाब तलब करते, वहीं अनुपस्थित बताये गए कई कर्मचारी उपस्थित थे और अपना काम कर रहे थे जबकि हस्ताक्षर नहीं कर सके थे वह भी कार्यवाही के दायरे में आ गए। वैसे अंदरखाने की खबर यही बताई जा रही है कि सीएमएचओ साहब को बीएमओ साहब को भय दिखाना था और वह वैसा करने में सफल हो गए और नोटिश देकर निकल गए। कुछ कर्मचारियों ने भी बताया कि सीएमएचओ साहब आए और बीएमओ में ऑफिस में बैठने के बजाए 6 नंबर कमरे में घुसे उसके बाद वहीं बैठा और वहीं से चलते बने थे 6 नंबर कमरे में घुसने की अनुमति किसी को नहीं थी जिस वजह से वहां पर उपस्थित होगी उनसे नहीं मिल सके।


सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इतनी बड़ी तादाद में एकसाथ अनुपस्थिति गंभीर विषय


पूरे मामले में एक बात बड़ी गंभीर है वह यह कि राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर स्थित पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एक बहोत बड़े क्षेत्र के लोगों के इलाज के लिए इकलौता स्वास्थ्य केंद्र है,वहीं जिस तरह से औचक निरीक्षण में एकसाथ 23 लोग नदारत मिले हैं उससे साफ जाहिर है यह आये दिन की बात है। अब ऐसे में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी की बात बेमाने होती दिखती है खोखली दिखती है। राष्ट्रीय राज्यमार्ग की वजह से यहां दुर्घटना से सम्बंधित मरीज भी पहुंचते रहते हैं और इस तरह की लापरवाही से मरीजों का विश्वास अस्पताल को लेकर कम होगा यह तय है।

खुद बीएमओ भी मिले नदारत

पूरे मामले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ खुद निरीक्षण के दौरान नदारत थे, जब कार्यालय प्रमुख ही नदारत होगा तो ऐसे में बाकी लोगों के नदारत रहने का विषय खुद ब खुद समझ मे आ जाता है। बीएमओ सहित वार्ड बॉय तक कि अनुपस्थिति का मामला क्षेत्र में चर्चा का भी विषय बना हुआ है।

नेताजी पहुंचे अपनों को बचाने

स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए राजनीतिक दलों के लोग कभी स्वास्थ्य केंद्र नहीं पहुंचते बल्कि अपने किसी खास पर कार्यवाही न हो यह वह जरूर ध्यान रखते हैं।ऐसा ही कुछ पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में। अनुपस्थित मिले अधिकारी कर्मचारी मामले में भी देखा गया जब सत्ताधारी दल के एक नेताजी अपने लोगों को जो स्वास्थ्य केंद्र में ही पदस्थ हैं उन्हें कार्यवाही से बचाने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे जिसकी जमकर क्षेत्र में चर्चा भी जारी है।


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