कोरिया कलेक्टर ने जारी किया दुर्गा पूजा को लेकर गाइडलाइन
बैकु΄ठपुर 03 अक्टूबर 2021 (घटती-घटना)। श्री श्री 108 श्री दुर्गा पूजा समिति सिद्ध बाबा मंदिर जमगहना दुर्गा पूजा की तैयारी जोरों से चल रही है माता रानी का 9 दिन जो पूजा अर्चना के लिए समिति द्वरा बैठक आयोजित की गई, जिसमे कई महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, प्रशासन के नियमो के तहत समिति आयोजन करेगी, दुर्गा पूजा के लिए साफ सफाई व रंग रोगन की तयारी की जारही है 2 दिन बचे है जिसे लेकर साजसज भी शुरु कर दिया गया गई, आयोजक समिति में राम कृपाल साहू, संदीप दुबे, अनिल जयसवाल, प्रेम प्रकाश पांडे, राम भजन जयसवाल, अनिल पांडे, अशोक पांडे, विनोद देवांगन, राकेश पांडे, समोद दुबे, राजेश साहू, रामचरण साहू, अनिल साहू, पिंटू साहू बैठक सामिल रहे।
कोरिया कलेक्टर ने दुर्गा पूजा को लेकर जारी की आदेश
कोरिया कलेक्टर श्याम धावडे ने नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए तथा आगामी माह में जिले में कोरोना पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या में वृद्धि की संभावना है, जिसे रोकने एवं नियंत्रण में रखने हेतु सभी संबंधित उपाय अमल में लाया जाना उचित एवं आवश्यक हो गया है, जिसे दृष्टिगत रखते हुए नवरात्र पर्व के संबंध में निम्नानुसार निर्देश प्रसारित किया गया है, मूर्ति की अधिकतम उंचाई 8 फिट होगी परन्तु पी.ओ.पी. (प्लास्टर ऑफ पेरिस) से निर्मित, मूर्ति बिकी एवं स्थापित किया जाना प्रतिबंधित रहेगा। मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15-15 फिट से अधिक न हो। पंडाल के सामने कम से कम 500 वर्गफिट की खुली जगह हो पंडाल एवं सामने 500 वर्गफिट खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित न हो। मंदिर प्रांगण के भीतर नियत स्थान पर सभी ज्योत का प्रज्वलन किया जायेगा, उक्त नियत स्थन पर अग्नि शमन सुरक्षा के सभी उपाय किया जाना अनिवार्य होगा। ज्योत दर्शन हेतु दर्शनार्थियों व अन्य व्यक्तियों का प्रवेश पूर्णतः वर्जित रहेगा। ज्योत प्रज्वलन की जिम्मेदारी केवल मंदिर प्रबंधन समिति की होगी। मंडप व पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल न हो, दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने हेतु कुर्सी नहीं लगाए जायेंगे। किसी भी एक समय में पंडाल एवं सामने मिलाकर 50 व्यक्ति से अधिक न हो। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जायेगा ऐसा पाये जाने पर संबंधित एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किया जायेगा। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संधारित करेगी जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्यिों का नाम, पता, मो0नं0 दर्ज किया जायेगा ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कांटेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सेनेटाईजर थर्मल स्किीनिंग आक्सीमीटर हँडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी। थर्मल स्कि्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी।
व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बांस बल्ली से बेरीकेटिंग कराकर कराया जायेगा। कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी, यदि पूजा की अवधि के दौरान उपरोक्त क्षेत्र कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी। 13. मूर्ति स्थापना के दौरान विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, की अनुमति नहीं होगी। ध्वनि विस्तारक यंत्र जैसे धुमाल, ब्रॉस बैंड तथा अन्य वाद्य यंत्र जिनका पीएमपीओ 200 वॉट से अधिक न हो के बजाने की अनुमति स्थापित पंडाल अथवा नियत स्थल के 100 मीटर के परिधि के अंतर्गत के होगी। विसर्जन के साथ-साथ अनुमति नहीं होगी।. मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप, टाटाएस (छोटा हाथी) से बड़े वाहन का उपयोग पूर्णत प्रतिबंधित होगा। मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज सज्जा झांकी की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए अधिकतम 10 व्यक्ति की ही अनुमति होगी एवं वे मूर्ति के वाहन में ही बैठेगे। पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं, रोकने की अनुमति नहीं होगी विसर्जन के मार्ग में कहीं भी स्वागत भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद, नगर निगम द्वारा निर्धारित रूट मार्ग एवं तिथि व समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी। सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी। उपरोक्त शर्तों के सहित किसी परिसर के अन्दर या सार्वजनिक स्थान पर मूर्ति स्थापित की जाती है तो कम से कम 03 दिवस पूर्व संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी के कार्यालय में निर्धारित शपथ पत्र मय आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी, किन्तु यह अनुमति किसी भी ऐसे स्थान पर प्रदान नहीं की जावेगी जिससे सार्वजनिक निस्तार या यातायात बाधित होने की संभावना हो।