नई दिल्ली @ डीएनए के लिए किसी शख्स को बाध्य करना निजता का उल्लंघन : सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली,02 अक्टूबर 2021 (ए)। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी शख्स को डीएनए टेस्ट के लिए बाध्य करना उसके निजता के अधिकार और पर्सनल लिबर्टी का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि जब तक पक्षकार खुद डीएनए टेस्ट के लिए तैयार नहीं होता है तब तक उसे इसके लिए बाध्य करना उसकी पर्सनल लिबर्टी और निजता के अधिकार में दखल है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि डीएनए टेस्ट रूटीन तौर पर करने के लिए निर्देश जारी नहीं किया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह सिर्फ उसी केस के लिए कहा जा सकता है जिसमें जरूरी है। साथ ही कहा कि संबंधित पार्टी के इच्छा के विपरीत यह करना उसके निजता के अधिकार और व्यक्तिगत आजादी के अधिकार का उल्लंघन है।


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