-पृथ्वीलाल केशरी-
रामानुजगंज 03 अप्रेल 2022 (घटती घटना)। जिले के बाबा बच्छराज कुंवर धाम में रामकथा आयोजन को लेकर विवाद गहरा गया है। वर्षों से बकरों की बलि की प्रथा को देखते हुए यहां आदिवासी समाज और परंपरागत पूजा करने वाले बैगाओं द्वारा विरोध किया गया। सारी तैयारी के बाद रामकथा का आयोजन स्थल में लगे टेंट पंडाल को रात के अंधेरे में कथित रूप से उखाड़ देने और आयोजन का नेतृत्व करने वाले युवक को पुलिस द्वारा हिरासत में लेने के बाद शनिवार को चलगली थाने से लेकर बाबा बच्छराज कुंवर धाम तक तनाव का माहौल बना रहा। धाम में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाते हुए भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया। इधर चलगली थाने के घेराव के बाद आयोजक की नि:शर्त रिहाई कर दी गई है।हिंदू समाज के लोगों ने बाबा बच्छराज कुंवर धाम को ट्रस्ट बनाए जाने की मांग की है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बाबा बच्छराज कुंवर धाम में पिछले कई दिनों से विवाद की स्थिति बनी हुई है।यहां चैत्र नवरात्रि के पहले दिन रामकथा का आयोजन प्रस्तावित था। वर्षो से यहां बलि प्रथा होने का हवाला देकर बैगा,चेरवा आदिवासियों ने इसका विरोध किया था। पंद्रह दिन पहले भी वाड्रफनगर में रैली निकाल एसडीएम और एसडीओपी को ज्ञापन सौंपा था।बताया जा रहा है कि एसडीएम और एसडीओपी स्तर पर जब मामला नहीं सुलझा तो दोनों पक्ष के लोग बलरामपुर में प्रशासन और पुलिस के उच्चाधिकारियों से मिलने पहुंचे थे। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद व्यवस्था दी गई थी कि रामकथा का आयोजन अन्यत्र जगह कर विवाद को खत्म किया जाए। दोनों पक्षों ने सहमति भी जताई थी। चैत्र नवरात्रि के एक दिन पहले मामला और बिगड़ गया।जिस स्थान पर टेंट पंडाल लगाया गया था उस पर आपत्ति दर्ज की जाने लगी। पुलिस और प्रशासन की पूरी टीम शुक्रवार सुबह से दोनों पक्षों के बीच सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश करती रही लेकिन नतीजा नहीं निकला। दोनों पक्षो के लोग बच्छराज कुंवर के नजदीक डटे रहे।आरोप है कि देर रात टेंट,पंडाल को उखाड़ दिया गया और आयोजन में सक्रिय एक युवक को भी हिरासत में ले लिया गया। वहीं शनिवार सुबह जैसे ही रामकथा आयोजन से जुड़े लोगों और हिन्दू समाज के लोगों को इसकी खबर लगी वे रैली की शक्ल में सीधे चलगली थाने पहुंच गए। थाने के बाहर धरना देना शुरू कर दिया। यहां एएसपी सुशील नायक के साथ पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा जिसमे बाबा बच्छराज कुंवर धाम को ट्रस्ट बनाने की मांग प्रमुख थी।जब तक ट्रस्ट नहीं बन जाता तब तक बाबा बच्छराज कुंवर धाम का संचालन प्रशासनिक स्तर पर कराए जाने की मांग की गई।जिस युवक को हिरासत में लिया गया था उसे भी नि:शर्त रिहा कर दिया गया। बच्छराजकुंवर धाम में रामायण कथा को लेकर कथावाचक भी पहुंच गए थे लेकिन यह आयोजन चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से आरंभ नहीं हो सका।यहां परंपरानुसार पूजा करने वाले चेरवा बैगा के साथ आदिवासी समाज के विरोध के बाद बिगड़े माहौल को देखते हुए शनिवार को पुलिस की टीम ने बाबा बच्छराज कुंवर जाने वाले सभी मार्ग को प्रतिबंधित कर दिया था।बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात करना पड़ा था।दोनों पक्ष के लोगों को लगातार समझाइश दी जा रही है।आदिवासी समुदाय के लोग यहां राम कथा का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि यहां बलि की प्रथा है और उनका मानना है कि जहां पर बलि दी जाती है वहां रामकथा का आयोजन उचित नहीं है।उधर रामकथा के पक्षधर लोग अब यहां ट्रस्ट बनाये जाने की मांग को लेकर लामबंद हो गए है।
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