ऐसी शिक्षा चाहिए जो केवल नौकरी के लिए न होकर बेहतर जीवन जीने के लिए हो जिसे पाकर बच्चे आत्मनिर्भर बनें,,,
मनेंद्रगढ़ 01अप्रैल2022 (घटती घटना)। शासकीय नवीन महाविद्यालय, जनकपुर द्वारा सतत विकास में शिक्षा की भूमिका विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डा.एस.पी.त्रिपाठी ने शुरुआत में आयोजन के विषय पर चर्चा करते कहा कि हमें बच्चों को यह भी सिखाना है कि वे प्राकृतिक संसाधनों का सावधानी पूर्वक कैसे उपभोग करें कि उन्हें कम से कम क्षति हो और साथ ही वे क्षतिपूर्ति भी करते रहें साथ ही वे संस्कारित भी हों इस अवसर पर मुख्य अतिथि की आसंदी से सरगुजा विश्वविद्यालय के सहायक आयुक्त डा.एस.एस.अग्रवाल ने कहा कि हमें अनौपचारिक शिक्षा की जरूरत है हमें ऐसी शिक्षा चाहिए जिससे हम अपने आप को, अपनी क्षमताओं को पहचान सकें जनकपुर जैसे पिछड़े क्षेत्र के बारे में डा.अग्रवाल ने कहा कि “कोई क्षेत्र पिछड़ा नहीं होता बल्कि लोगों की सोच पिछड़ी होती है, अगर आपके हाथों में हुनर है तो आप कभी बेकार नहीं रहेंग शहडोल के पर्यावरणविद डा.महेंद्र किशोर भटनागर ने कहा कि अब आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार रूप ले रहा है, हमें ऐसा विकास चाहिए जो भविष्य के संसाधनों से समझौता किए बिना संसाधनों का उपभोग कर सकें डा.भटनागर ने बताया कि एसी से निकलने वाली क्लोरोफ्लोरोकार्बन वातावरण की आक्सीजन नष्ट करता है हमारे भविष्य के लिए यह बडा खतरा है शिक्षा नीति निर्धारण के लिए डा.भटनागर ने कहा कि शिक्षानीति एसी में बैठे प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा न बनाकर शिक्षाविदों द्वारा बनाई जानी चाहिए कार्यक्रम के दूसरे सत्र में चिरमिरी के डा.रामकिंकर पाण्डेय ने कहा कि शिक्षा ऐसी हो जिसमें विकास के साथ साथ गतिशीलता भी हो,चरित्र का विकास हो जिस शिक्षा में संस्कार न हों,नैतिकता न हो, संवेदना न हो वह शिक्षा बेकार है “सतत विकास में शिक्षा की भूमिका” विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन के उद्घाटन सत्र में संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा के डा.अर्नब बनर्जी ने उपस्थित छात्र छात्राओं को सतत उत्साह पूर्वक प्रयास का संदेश देते हुए कहा कि हृह्र का अर्थ नहीं, नहीं होता है बल्कि नेक्स्ट अपर्चुनेटी यानी आपके लिए दूसरा अवसर होता है डा.बनर्जी ने कहा कि सयत विकास के लिए हमें पर्यावरण को बचाना बहुत आवश्यक है हमें उपयोग की गई वस्तुओं को रिसाइकिल कर पुन: उपयोग में लेना चाहिए बीआईटी पटना की डा.पूनम प्रियदर्शिनी कहा कि शिक्षा सोदेश्य होनी चाहिए शिक्षा से स्वयं या परिवार का विकास न हो तो शिक्षा महत्वहीन है डा.पूनम ने छात्रों से कहा कि किसी विषय को तबतक पढ़ो जबतक वह समझ में न आ जाए इसी तारतम्य में एबीपी न्यूज के छत्तीसगढ़ के प्रमुख ज्ञानेन्द्र तिवारी ने कहा कि आप अपने सपनों का पीछा करो अपने सपनों पर अपने बड़े बुजुर्गों, शिक्षकों को हावी न होने दें सबकी सुनें पर करें अपने मन की समापन सत्र के मुख्य अतिथि विधायक गुलाब कमरो ने बच्चों को आशीर्वचन के बाद महाविद्यालय में हो रहे सकारात्मक परिवर्तन की प्रशंसा करते हुए बाउंड्री वाल,गेट आदि हेतु अनुदान देने की घोषणा की और कहा कि आप अच्छे कार्य करते रहें तो मेरा सहयोग सदैव आपके साथ है इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्रों द्वारा बनाए गए गमलों आदि का प्रदर्शन किया गया इस संपूर्ण आयोजन का संचालन डा. अवनीश पटेल ने किया और व्यवस्था की जिम्मेदारी डा.अतुल वर्मा ने निभाई जिसमें संपूर्ण सहकर्मी सहभागी रहे