रायपुर@मुख्यम΄त्री की अध्यक्षता मे΄ आयोजित बैठक मे΄ गौ-मूत्र खरीदी के स΄ब΄ध मे΄ किया गया विचार-विमर्श

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मुख्यम΄त्री ने विभिन्न पहलुओ΄ पर विचार करने टेिनकल समिति गठित करने के दिया निर्देश


रायपुर, 30 मार्च 2022। छाीसगढ़ मे΄ गोबर खरीदी के बाद अब गौ-मूत्र की खरीदी के स΄ब΄ध मे΄ राज्य सरकार ग΄भीरतापूर्वक विचार कर रही है। मुख्यम΄त्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता मे΄ आज यहा΄ उनके निवास कार्यालय मे΄ आयोजित बैठक मे΄ गौ-मूत्र की खरीदी के विभिन्न पहलुओ΄ पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। मुख्यम΄त्री ने गौ-मूत्र खरीदी के विभिन्न पहलुओ΄ का अध्ययन करने के लिए टेिनकल कमेटी के गठन के निर्देश दिए। इस कमेटी मे΄ इ΄दिरा गा΄धी कृषि विश्वविद्यालय और कामधेनु विश्वविद्यालय के विशेषज्ञो΄ को भी शामिल किया जाएगा। मुख्यम΄त्री ने इस कमेटी के गठन के बाद 15 दिनो΄ मे΄ प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है΄। यह टेिनकल कमेटी गौ-मूत्र के स΄ग्रहण, गौ-मूत्र की गुणवाा की टेस्टि΄ग, गौ-मूत्र से तैयार किए जाने वाले उत्पादो΄ के बारे मे΄ अपनी अनुश΄सा देगी।
बैठक मे΄ मुख्यम΄त्री श्री भूपेश बघेल ने गौठानो΄ मे΄ विकसित किए जाने वाले महात्मा गा΄धी रूरल इ΄डस्ट्रियल पार्क की स्थापना के लिए विभिन्न जिलो΄ मे΄ स्थानीय स्तर पर उपलध कच्चे माल और उनसे तैयार किए जाने वाले उत्पादो΄ के लिए पोटे΄शियल मैपि΄ग का कार्य 15 दिनो΄ मे΄ पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियो΄ को दिए है΄। उल्लेखनीय है कि रूरल इ΄डस्ट्रियल पार्क मे΄ स्थानीय खाद्य उत्पादो΄ एव΄ लघु वनोपजो΄ के मूल्य स΄वर्धन के लिए प्रस΄स्करण इकाईयो΄ की स्थापना की जानी है। इसके लिए राज्य सरकार के वर्ष 2022-23 के बजट मे΄ 600 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इस राशि से रूरल इ΄डस्ट्रियल पार्क मे΄ जरूरी अधोस΄रचना, बिजली, पानी और प्रस΄स्करण इकाईयो΄ की सुविधाए΄ विकसित की जाए΄गी।
मुख्यम΄त्री ने बैठक मे΄ कहा कि हर विकासखण्ड मे΄ चार-चार रूरल इ΄डस्ट्रियल पार्क विकसित करने की कार्ययोजना तैयार की जाए, इसमे΄ स्थानीय स्तर पर कच्चे माल की उपलधता का ध्यान रखा जाए। उन्हो΄ने उदाहरण देते हुए कहा कि बीजापुर, द΄तेवाड़ा और कोण्डागा΄व जिले मे΄ जहा΄ महुआ, इमली, तिखुर के साथ विभिन्न लघु वनोपजे΄ होती है, वहा΄ इनके प्रस΄स्करण की इकाईया΄ स्थापित की जाए΄। इसी तरह कोरबा से सरगुजा तक के गौठानो΄ मे΄ वनौषधियो΄ के प्रस΄स्करण के लिए, कोरबा, जा΄जगीर-चा΄पा, बस्तर मे΄ कोसे का काम होता है, यहा΄ कोसे के कपड़े तैयार करने की इकाईया΄ स्थापित की जाए΄। मुख्यम΄त्री ने रूरल इ΄डस्ट्रियल पाकोर्΄ मे΄ बिजली, पानी और वकिर्΄ग स्पेस विकसित करने, इन पाकोर्΄ मे΄ महिला स्व-सहायता समूहो΄ और ग्रामीणो΄ को विभिन्न गतिविधियो΄ मे΄ प्रशिक्षण देने के लिए टेऊनि΄ग हॉल की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए। मुख्यम΄त्री ने कहा कि रूरल इ΄डस्ट्रियल पार्क मे΄ तैयार किए जाने वाले उत्पादो΄ की गुणवाा सुनिश्चित करने के साथ उनकी मार्केटि΄ग की भी पुख्ता व्यवस्था की जाए। उन्हो΄ने कहा कि रूरल इ΄डस्ट्रियल पार्क मे΄ मा΄ग के अनुसार उत्पाद तैयार किए जाने चाहिए, ताकि उत्पादो΄ की खपत आसानी से हो सके।
मुख्यम΄त्री श्री बघेल ने गौठानो΄ मे΄ स΄चालित विभिन्न गतिविधियो΄ की समीक्षा के दौरान कहा कि अधिकारी गौठानो΄ का भ्रमण कर वहा΄ स΄चालित गतिविधियो΄ का निरीक्षण करे΄ और उनका सुचारू स΄चालन सुनिश्चित करे΄। मुख्यम΄त्री ने वर्मी कम्पोस्ट से होने वाले लाभो΄ की जानकारी देने के लिए गा΄वो΄ मे΄ वॉल राईटि΄ग कराने और हैण्डबिल वितरित करने के निर्देश भी दिए। उन्हो΄ने गौठानो΄ मे΄ तैयार की जा रही वर्मी कम्पोस्ट विक्रय के लिए शहरो΄ मे΄ भी उपलध कराने के निर्देश दिए।
बैठक मे΄ बताया गया कि गौ-मूत्र से बॉयो फर्टिलाईजर और बॉयो इनसेिटसाइडस तैयार किए जाते है΄ गौ-मूत्र मे΄ यूरिया सहित अनेक मिनिरल और इ΄जाइम्स भी होते है΄। फर्टिजलाईजर के रूप मे΄ गौ-मूत्र का उपयोग करने से सूक्ष्म पोषक तत्व नाईट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का अवशोषण बढ़ता है। पौधो΄ की ऊ΄चाई और जड़ मे΄ अच्छी वृद्धि होती है, मिट्टी मे΄ लाभकारी जीवाणु बढ़ते है΄ और गौ-मूत्र मे΄ पाये जाने वाला यूरिया बहुत से कीटो΄ और बीमारियो΄ को निय΄त्रित करता है। बैठक मे΄ यह भी बताया कि प्रदेश मे΄ गौ-व΄शीय और भैस व΄शीय पशुओ΄ की स΄ख्या 111 लाख से अधिक है। प्रति पशु औसतन प्रतिदिन 7 लीटर गौ-मूत्र विसर्जित करना है। बैठक मे΄ उपस्थित कृषक प्रतिनिधि श्री रोहित साहू, ग्राम अचानकपुर, विकासख΄ड पाटन, श्री गोवर्धन साहू, श्रीराम गौशाला आन्दु, बेमेतरा, श्री तिलक साव, महासमु΄द ने गौ-मूत्र के उपयोग के स΄ब΄ध मे΄ अपने अनुभव साझा किए।
बैठक मे΄ मुख्यम΄त्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सि΄ह, इ΄दिरा गा΄धी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश च΄देल, श्री वासुदेव च΄द्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति डॉ. एन.पी. दक्षिणकर, स΄चालक कृषि श्री यशव΄त कुमार, स΄चालक पशुधन श्रीमती च΄दन स΄जय त्रिपाठी, स΄चालक उद्यानिकी विभाग श्री माथेश्वरन व्ही., मुख्यम΄त्री की उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया, सहित अनेक कृषक प्रतिनिधि तथा स΄ब΄धित अधिकारी उपस्थित थे।


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