अम्बिकापुर,28 मार्च 2022(घटती-घटना)। कलेक्टर के सख्त निर्देश के बावजूद भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में निजी एंबुलेंस के प्रवेश पर रोक नहीं लग पा रही है। अस्पताल व संजीवनी 108 के कर्मचारियों की मिली भगत से मरीजों को निजी अस्पताल भेजने का काम किया जा रहा है। रविवार को संजीवनी 108 एंबुलेंस से एक मरीज को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में लाया तो गया पर उसे एंबुलेंस से उतार कर बिना डॉक्टरों को दिखाए निजी एंबुलेंस से निजी अस्पताल ले जाने की तैयारी की जाने लगी। मरीज को संजीवनी 108 से निजी एंबुलेंस में लादने का काम चल ही रहा था कि तभी इसकी जानकारी पुलिस सहायता केन्द्र को लगी। पुलिस ने निजी एंबुलेंस के पहिए को लॉक कर दिया। इसे देख संजीवनी 108 के कर्मचारी तत्काल मरीज को आपातकालीन कक्ष में भर्ती कराकर एंबुलेंस लेकर वहां से फरार हो गए।
जानकारी के अनुसार वाड्रफनगर निवासी प्रकाश यादव बाइक से गिर कर घायल हो गया था। उसे इलाज के लिए वाड्रफनगर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां चिकित्सकों ने उसकी स्थिति गंभीर देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया था। संजीवनी 108 एंबुलेंस क्रमांक सजी 04 एमजेड 1872 से परिजन मरीज को लेकर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। संजीवनी 108 के पहुंचने से पहले ही आपातकालीन कक्ष के पास निजी एंबुलेंस क्रमांक सीजी 15 सीटी 0318 खड़ी थी। इस दौरान संजीवनी 108 के कर्मचारियों व निजी एंबुलेंस के कर्मचारियों द्वारा मरीज को बिना डॉक्टर को दिखाए निजी एंबुलेंस में लाद कर निजी अस्पताल ले जाने की तैयारी करने लगे। तभी इसकी जानकारी पुलिस सहायता केन्द्र को हुई तो पुलिस ने तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप किया और निजी एंबुलेंस के पहिए को लॉक करा दिया। इसके बाद संजीवनी 108 एंबुलेंस के कर्मचारी मरीज को आपातकालीन कक्ष में भर्ती कराकर एंबुलेंस लेकर फरार हो गए।
बेहतर इलाज कराने का देते हैं झांसा
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों को निजी अस्पताल भेजने का काम चल रहा है। इस काम में संलिप्त कोई और नहीं बल्कि अस्पताल व संजीवनी 108 एंबुलेंस के कर्मचारी संलिप्त हैं। मरीज व उनके परिजन को निजी अस्पताल में बेहतर इलाज करा देने का झांसा देकर उन्हें निजी अस्पताल भेजा जा रहा है।
कलेक्टर के निर्देश
का भी असर नहीं
निजी अस्पताल में बेहतर इलाज करा देने का भरोसा दिलाकर मरीजों को निजी अस्पताल ले जाने का काम काफी दिनों से चल रहा है। इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। इस समस्या को देखते हुए कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन को निर्देश जारी किया था कि अस्पताल परिसर में कोई भी निजी एंबुलेंस प्रवेश न करे। इस निर्देश के बाद अस्पताल प्रशासन ने व्यवस्था सुधारने का काम किया था। इसे लिए गार्ड भी नियुक्त किए हैं ताकि निजी एंबुलेंस अस्पताल परिसर के अंदर न प्रवेश कर सके। वहीं लोगों की व्यवस्था के लिए संजीवनी 108 के लिए सहायता केन्द्र भी बनाए हैं। इसके बावजूद भी मरीजों को निजी एंबुलेंस से निजी अस्पताल भेजने का काम जारी है।
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