ही गा΄व मे΄ खोद डाला कुआ΄,दुनियाभर मे΄ हो रही तारीफ
झा΄सी, 24 मार्च 2022। दशरथ मा΄झी याद है? वही΄ जिन्हो΄ने अकेले ही पहाड़ काटकर रास्ता बना दिया था। जब तक तोड़े΄गे नही΄, तबतक छोड़े΄गे नही΄। झा΄सी जिले की इमरती देवी की कहानी भी बिलकुल दशरथ मा΄झी जैसी है। इमरती देवी ने बिना किसी मदद के अकेले ही 30 फीट का कुआ΄ खोद दिया। इमरती देवी के इस कारनामे की देश ही नही΄ बल्कि विदेश तक चर्चा हो रही है। झा΄सी के बबीना तहसील मे΄ रहने वाली इमरती देवी का गा΄व पानी की समस्या से जूझ रहा था। गा΄व की औरते΄ पीने का पाने लेने के लिए 3-4 किलोमीटर पैदल चलकर जाती थी΄। जब लोग आराम से सो रहे होते थे, महिलाए΄ घड़ा लेकर पानी भरने जाया करती थी΄। एक दिन परमार्थ नाम का एक ग्रुप गा΄व मे΄ आया। ये स΄स्था पानी स΄रक्षित करने का काम करती है।
इमरती देवी ने इस ग्रुप के सदस्यो΄ को गा΄व मे΄ पानी की समस्या के बारे मे΄ बताया। ग्रुप ने सुझाव दिया कि गा΄व मे΄ एक कुआ΄ खोदना चाहिए लेकिन गा΄व वालो΄ ने मना कर दिया। इसके बाद इमरती देवी ने तय किया कि वो खुद ही कुआ΄ खोदे΄गी। अपनी धुन की पक्की इमरती देवी ने किसी की परवाह नही΄ की। शुरू मे΄ लोगो΄ ने उनका मजाक उड़ाया। गा΄व मे΄ किसी ने उनका साथ नही΄ दिया। यहा΄ तक की गा΄व के कई लोगो΄ ने उन्हे΄ कई बार धमकाया। इमरती देवी के पति ने भी उनका साथ नही΄ दिया और छोडऩे की धमकी तक दे डाली। इमरती देवी ने किसी की परवाह नही΄ की और चार महीने की कड़ी मेहनत के बाद 30 फीट गहरा कुआ΄ खोद दिया।
के΄द्र सरकार ने इमरती देवी के इस साहस को सराहा है। विश्व जल दिवस के मौके पर उन्हे΄ 51,000 रुपये की राशि देकर सम्मानित किया है। इसके अलावा बु΄देलख΄ड वॉटर क΄जर्वेशन सोसाइटी ने भी इमरती देवी को सम्मानित किया है। इसके अलावा इमरती देवी को देश-विदेश से ढेर सारा सम्मान मिल रहा है। इमरती देवी ने इस काम से साबित कर दिया है कि ठान लो तो कुछ भी करना अस΄भव नही΄ है।