फायनेंस में रहते वाहन की फर्जी एनओसी तैयार कर वाहन बेचने के मामले में एफआईआर हुई दर्ज

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  • न्यायालय के आदेश पर एफआईआर हुई दर्ज,मनेंद्रगढ़ढ़ थाने का है मामला
  • पत्रकार को पकडऩे पहुंच गए थे दूसरे जिले क्या अपने थाना अंतर्गत पकड़ पाएंगे आरोपी को थाना प्रभारी?
  • छत्तीसगढढ़ राज्य का एक ऐसा मामला जिसमें फायनेंस कंपनी को न्यायालय से मिला न्याय
  • अपराध पंजीकृत करने में लगा समय अब गिरफ्तारी में कितना लेंगे समय?


-रवि सिंह-
बैकुंठपुर,12 मार्च 2022(घटती-घटना)। वाहन की फर्ज़़ी एनओसी तैयार कर जि़ला परिवहन अधिकारी बैकुण्ठपुर के समक्ष फर्ज़़ी दस्तावेज पेश कर, बेचे गए वाहन मामले में न्यायालय के आदेश के बाद भी थाना प्रभारी अपराध पंजीबद्ध करने में घबरा रहे थे लगातार खबर प्रकाशन के बाद जैसे तैसे अपराध पंजीबद्ध कर लिया पर अब आरोपी को गिरफ्तार कब करेंगे यह सवाल उठने लगा है? वहीं आरोपी खुलेआम घूम रहा है पर मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी की आरोपी को गिरफ्तार करने की मंशा नहीं है ऐसा स्पस्ट नजर भी आ रहा है, क्योंकि आरोपी खुलेआम घूम रहा है, ऐसे में सवाल ये उठता है की एक पत्रकार को पकडऩे के लिए दूसरे जिले पहुंच गए थे मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी पर क्या खुद अपने थाना के अंतर्गत जिस आरोपी पर मामला पंजीबद्ध किया है क्या उसे गिरफ्तार कर पाएंगे या फिर उसे फरार होने का मौका देंगे।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ से दूसरे राज्य झारखंड में वाहन भेजने में की थी आरोपी ने मदद, फर्ज़़ी तरीक़े से वाहन की 17 किश्तें शेष रहने पर भी वाहन को विक्रय कर दूसरी फ़ाइनेंस कम्पनी श्री राम फ़ाइनेंस से दुबारा वाहन को कराया फ़ाइनेंस, मनेन्द्रगढ न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश ने 25 फऱवरी को किया आरोपी पर भा0द0वि0 420, 468, 471 की गम्भीर धाराओं के अन्तर्गत थाना प्रभारी मनेन्द्रगढ को अपराध दायर करने का आदेश ,आदेश के बावजूद थाना प्रभारी अपराध पंजीबद्ध करने में घबरा रहे थे लगातार न्यायालय के आदेश को लेकर खबर प्रकाशित होने के बाद थाना प्रभारी बड़ी हिम्मत जुटाकर मामला पंजीबद्ध तो कर पाए पर अब भी गिरफ्तारी करने से बचते चले आ रहें है आरोपी की, सूत्रों की माने तो थाना प्रभारी आरोपी को गिरफ्तार करना नहीं चाह रहे हैं।

आज हुई एफआईआर,जल्द हो सकती है गिरफ़्तारी
मामले में मनेंद्रगढ़ न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश के आदेश के पश्चात मनेंद्रगढ़ पुलिस ने रिंकेश खन्ना के विरुद्ध भादवि 1860 की धारा 420, 468, 471 के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया है और अब आरोपी की गिरफ्तारी की जानी शेष है। अब मामले में आरोपी की गिरफ्तारी कब होगी यह आने वाले समय मे पता चलेगा लेकिन न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस को अपराध पंजीबद्ध करना पड़ा जो फायनेंस कंपनी के लिए राहत का विषय रही।

मामले में फायनेंस कंपनी ने न्याय के लिए पहले खटखटाया था पुलिस का दरवाजा
मामले में चोलामंडलम फायनेंस कंपनी ने सबसे पहले न्याय के लिए पुलिस का दरवाजा खटखटाया था मामला जो कि चोलामंडलम कंपनी से फायनेंस में रहते व 17 किश्त शेष रहते हुए भी वाहन का फर्जी एनओसी तैयार करते हुए वाहन को दूसरे राज्य में बेच दिया गया था वह भी अन्य फायनेंस कंपनी से फायनेंस कराकर, पुलिस से न्याय नहीं मिलने के बाद फायनेंस कंपनी ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और वहां से उसे न्याय मिला और तब जाकर न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया।


11 मार्च को एफआईआर दर्ज किया गया है दस्तावेज साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं जो-जो न्यायालय में दस्तावेज प्रस्तुत किया है उसके बाद गिरफ्तारी की जाएगी।
सचिन सिंह
थाना प्रभारी मनेंद्रगढ़


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