रायपुर,29 सितम्बर 2021 (ए)।पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार नान घोटाले के आरोपियों को बचा रही हैद्य इस पर कांग्रेस के संचार विभाग के मुखिया शैलैश नितिन त्रिवेदी ने पलटवार किया है, और कहा कि सीएम मैडम कौन हैं बता दें तो केस सुलझ जाएगाद्यपूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने मीडिया से चर्चा में कहा ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ के सीएम नान घोटाले के आरोपी अधिकारियों को बचा रहे हैं द्य दोनों अफसरों को पद पर होना इस बात को प्रमाणित करता हैद्यप्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अगर रमन सिंह चाहते हैं सच में कि नान घोटाले के वास्तविक आरोपी सामने आए तो रमन सिंह को बता देना चाहिए की सीएम मैडम कौन है? इस खुलासे के बिना केस अधूरा है इसी को रोकने के लिए तो इसी खुलासे को रोकने के लिए तो नेता प्रतिपक्ष ने याचिका लगाई थी। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस सरकार पर झूठे आरोप मढ़ने के बजाय नान घोटाले में अपनी स्वयं की सरकार की जिसने जांच को कमजोर किया और जांच को रोकने में अपनी भूमिका को भाजपा स्वीकार करें।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जब दोनों आईएएस की केंद्र से अभियोजन स्वीकृति जून 2016 में आ गयी थी तो चालान के लिए दिसम्बर 2018 का क्यों इंतेज़ार किया गया? रमन सिंह को बताना चाहिये कि शिव शंकर भट्ट ने उनकी सरकार के किस मंत्री के ऊपर आरोप लगते हुए पोल खोल अभियान किया था? विक्रम उसेंडी एवं धरमलाल कौशिक क्यों नहीं चाहते कि नान केस में अग्रिम जांच हो? दोनों भाजपा नेताओं ने हाई कोर्ट में अग्रिम जांच पर रोक लगाने की याचिका दायर क्यों की है ? भट्ट के 113 पन्नों में 107 पन्ने वो कौन से हैं जिसे दबा दिया गया था ? उन 107 पन्नों को क्या इसलिये दबाया गया था कि इन पन्नो में सी एम मैडम के अलावा सीएम सर का भी जç¸क्र था ?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि नान मामले की पूरी जांच रमन सिंह जी के कार्यकाल में हुई और अगर आज रमन सिंह सरकार जाने के 3 साल बाद यह कह रहे हैं कि केस कमजोर हुआ है तो स्वयं मुख्यमंत्री के रूप में उनको इसकी नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करना चाहिए। 36 हजार करोड़ का नान घोटाला, 20 लाख फर्जी राशन कार्ड से गरीबों के राशन में घोटाला और रमन सिंह चाउर वाले बाबा बनते थे उन्होंने 36 हजार करोड़ का नान घोटाला कैसे होने दिया और इस केस को कमजोर कैसे होने दिया इसकी नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करें। अगर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद एसआईटी गठित की गई नान की जांच के लिए भाजपा के वर्तमान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और विक्रम उसेंडी ने अदालत में जाकर, उच्च न्यायालय में जाकर जांच में रोक लगाने की याचिका दायर की थी। जिन्होंने जांच में रोक लगाने की याचिका लगाई और जिन्होने जांच को कमजोर किया, वो किस मुंह से कांग्रेस सरकार पर आरोप लगते हैं?
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