अम्बिकापुर @नर्सिंग होम एक्ट के अंतर्गत होम्योपैथिक क्लीनिक एवं ओपीडी के लिए मिले छूट

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अम्बिकापुर ,28 फ रवरी 2022(घटती-घटना)। होम्योपैथीक मेडिकल एसोसिएशन सरगुजा संभाग की बैठक आहुत की गई थी। बैठक में डॉ. अनिस मसुरी को अध्यक्ष पद के लिए नामांकित किया गया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य शासन से अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकृत कराना एवं प्रशासनिक स्तर पर नर्सिंग होम एक्ट में छुट मुख्य मुद्दे थे। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि नर्सिंग होम एक्ट के अंतर्गत होम्योपैथीक क्लीनिक एवं ओपीडी हेतु छुट का प्रावधान किये जाने के संबंध में जिला कलेक्टर के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से अपील की जायेगी। वर्तमान में नर्सिंग होम एक्ट के अंतर्गत पर्यावरण लाईसेंस का लिया जाना अनिवार्य है जो न्याय संगत नहीं है। इस एक्ट के माध्यम से प्रत्येक क्लीनिक का 220 स्कायर फीट होना अनिवार्य है जो सभी होम्योपैथी क्लीनिक के लिए उचित नहीं है। बैठक में निर्णय लिया गया है कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से मिलकर समस्त होम्योपैथी मेडिकल एसोसियेशन सरगुजा संभाग के प्रतिनिधि छग राज्य में समस्त रिक्त पद की भर्ती छग पीएससी के माध्यम से शीघ्र अतिशिघ्र किया जाना चाहिये। ज्ञात हो कि विगत 2009-10 एवं 2015-16 में आखिरी बार छग पीएससी आयोजित की गई थी। इसके साथ समस्त शासकीय पीएचसी, सीएचसी एवं जिला अस्पताल में (इडिण्यन पब्लिक हेल्थ स्टैण्डर्ड के अनुसार) आयुष विंग की स्थापना की जानी है एवं होम्योपैथी चिकित्सकों की भर्ती एनएचएम के अंतर्गत राष्ट्रीय आयुष मिशन में किया जाना है। परंतु होम्योपैथी चिकित्सकों की भर्ती अब तक नहीं की जा सकी। बैठक में डॉ. अनिस मसरी, डॉ. आनंद सोनी, डॉ. सुशील मिश्रा, डॉ. अमिन फिरदौसी, डॉ. पल्लवी सिंह, डॉ. धीरेन्द्र तिवारी, डॉ. धीरज सिंह, डॉ. वीरेन्द्र पटेल, डॉ. महेश गौतम, दीपक लकमल डॉ. नीलम गुप्ता, डॉ. तिवारी, डॉ. नीलम पुष डॉ. प्रियवदा, डॉ. प्रीति कौशल, डॉ. राखी केशरवानी, डॉ. इरफान हुसैन, डॉ. कौशिकी सिंह, डॉ. अमरीन फिरदौसी, डॉ. श्रीकांत चौहान आदि उपरोक्त बैठक में उपस्थित थे।
होम्योपैथी चिकित्सा के विस्तार से लोगों को पहुंच रहा लाभ
शासकीय होम्योपैथी चिकित्सा महाविद्यालय एवं 200 बिस्तर का शासकीय होम्योपैथी चिकित्सालय की स्थापना हेतु भी सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। ज्ञात हो राज्य में तीन निजी होम्योपैथी चिकित्सालय संचालित है। आजादी के 75 वर्ष पश्चात् भी वर्तमान में 1 भी शासकीय होम्योपैथी चिकित्सालय स्थापित नहीं है। राज्य संचालनालय आयुष द्वारा इस बावत कोई प्रयास नहीं किया गया है। होम्योपैथी चिकित्सा के विस्तार एवं प्रसार से सामान्य जन मानस को अत्यधिक लाभ पहुंच रहा है परंतु शासन का ध्यान आकृष्ट कराना आवश्यक है।


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