बैकुंठपुर@वॉट्सएप चेट के सच्चाई से पर्दा उठाने में क्योंं घबरा रहे हैं कोरिया एस.पी.प्रफ ुल्ल ठाकुर

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कोरिया एस.पी. प्रफु ल्ल ठाकुर से निष्पक्ष जांच की उम्मीद बरकरार…

वायरल चैट के सच्चाई से पर्दा उठाना महंगा पड़ा पत्रकार को ?

बिना साइबर सेल से जांच कराए जातिवाद का ठीकरा फ ोड़ दिया पत्रकार पर…

वॉटसएप चैट की जांच में पुलिस के शातिरों का षडय़ंत्र हो सकता था उजागर…

कोरिया के आला-अधिकारियों-कर्मचारी की आपसी रिश्तेदारी का फ ायदा उठाया एक पूर्व विवादित राजस्व अधिकारी ने।

-रवि सिंह –


बैकुंठपुर,26 फ रवरी 2022(घटती-घटना)। कोरिया जिले के एक पत्रकार जो स्थानीय विधायक व कुछ विवादित अधिकारी व कर्मचारी के आंखों का किरकिरी हो गया था को षडय़ंत्रपूर्वक पुलिस विभाग के तथाकथित विवादित वॉट्सएप चैट को आधार बनाकर समाचार प्रकाशन करने पर अपने ही पुलिस विभाग के एक मातहत के आवेदन पर बिना जांच किए रातों रात एक्ट्रोसिटी जैसे धारा का उपयोग कर षडय़ंत्रपूर्वक पत्रकार की खोज के लिए सभी ऐसे पुलिस के अधिकारी कर्मचारी भिड़ गए जो इस मामले में कहीं न कहीं वास्ता रखतें हों जिनके लिए यह मामला गले की हड्डी में फ ंसने के समान हो गया था। हालांकि कोरिया पुलिस अधीक्षक मामले को समझते इससे पहले ही अम्बिकापुर के राजस्व अधिकारी की दोस्ती व रिश्तेदारी को निभाने के लिए मामले की सच्चाई से ध्यान भटकाने षडय़ंत्र कर कुछ आला-अधिकारी कर्मचारी पुलिस अधीक्षक को विश्वास में ले पूरा मामला पलटते हुए पत्रकार को ही दोषी बता दिए। हालांकि मामले के एफ आईआर का पूरे राज्य में निंदा व विरोध हुआ पर विभाग के सरकार तो मुख्य मुद्दा से ध्यान भटकाकर पत्रकार को ही आरोपी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़े। वहीं मामले की गंभीरता से भले ही विभाग के आला अधिकारी विभा्रग की किरकिरी होने से तत्काल बचा लिए हों पर ‘‘देर है अंधेर नहीं’’के तर्ज पर विवादित वॉट्सएप चैट की जांच होकर रहेगी यह भी तय है।मामला गंभीर होने के साथ कई ऐसे रहस्यों को दबा के बैठा है जिससे कई लेन-देन,फ र्जी रिपोर्ट जैसे मामले के उजागर होने का भय कोरिया पुलिस के कुछ अधिकारी-कर्मचारियों के रातोंं की नींद हराम कर रखा है। पुलिस सूत्रों की मानें तो मामले में अपने ही हड़बड़ाहट व द्वेषपूर्ण कार्यवाही के उजागर होने से कोरिया पुलिस अधीक्षक नाराज बताए जा रहे हैंं वहीं मामले की जांच व निष्पक्षता की उम्मीद पुलिस अधीक्षक प्रफ ुल्ल ठाकुर से बची हुई है। अब देखना लाजमी है कि स्थानीय विधायक अपने कुछ सिपहसलारों की बातों में ही फं से रहकर ऐसे ही विवादित मामलों को जन्म दिलवाने में अपनी पीठ थप-थपाकर वाहवाही लूटने में गौरवान्वित महसूस करेंगे या फि र जांच को सही दिशा में निजी लाभ को भूलकर कलम के सिपाही से होने वाली आलोचना से सीख लेकर भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले क्षेत्र के विकास को तवज्जो देंगे।


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