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किसानों को साधने आज आएंगे राकेश टिकैत

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मुख्य वक्ता के तौर पर योगेंद्र यादव,दर्शन पाल सिंह, मेधा पाटकर समेत कई बड़े नेता होंगे शामिल


रायपुर,27 सितम्बर 2021 (ए)। कृषि कानून को लेकर किसानों और केंद्र सरकार के बीच लंबे समय से मतभेद है।इसी को देखते हुए छत्तीसगढ़ में पहली बार किसान महापंचायत का आयोजन होने जा रहा है।
यह किसान महापंचायत कल यानि 28 सितंबर को गरियाबंद जिले के राजिम में होगी।जिसमें दिल्ली से प्रमुख वक्ता के रूप में राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, दर्शन पाल सिंह, मेधा पाटकर और डॉ. सुनील सहित कई बड़े नेता शामिल होंगे। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले कृषि उपज मंडी परिसर में किसान महापंचायत होगी।
भगत सिंह की 125वीं जयंती और छत्तीसगढ़ के महान मजदूर नेता कॉमरेड शंकर गुहा नियोगी की 31वीं शहादत दिवस पर कल किसान महापंचायत है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के विभिन्न किसान, मजदूर और किसान संगठनों के समन्वय से बनी छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के नेतृत्व में 28 सितंबर को 11 बजे कृषि उपज मंडी प्रांगण राजिम जिला गरियाबंद में एक दिवसीय राज्य स्तरीय किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें प्रमुख वक्ता के रूप में आमंत्रित किसान नेता महापंचायत को संबोधित करेंगे।
एमएसपी पर केंद्र के झूठ को करेंगे बेनकाब
किसान महापंचायत को लेकर छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के घटक संगठनों ने महीनेभर पहले एक बैठक राजिम में किया गया था। बैठक में छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ संचालक मंडल के सदस्य तेजराम विद्रोही ने बताया, दिल्ली सीमाओं पर किसान, कृषि और आम उपभोक्ता की आजीविका तथा अस्तित्व को बचाने का संघर्ष जारी है।
एमएसपी पर केंद्र सरकार झूठ बोल रही है। सच्चाई यह है कि छत्तीसगढ़ में 14 मि्ंटल 80 किलो प्रति एकड़ समर्थन मूल्य में तीन महीने खरीदी होने के बाद बाकी फसल को किसान औने-पौने दाम पर खुले बाजार में बेचने को मजबूर होते हैं।
धान को किसानों ने समर्थन मूल्य से 600 रुपए प्रति मि्ंटल घाटे में बेचा है। ऐसे समय में किसान महापंचायत के आयोजन से किसानों को अपने अधिकार के लिए संघर्ष को और मजबूत करने की दिशा में प्रेरित करना है।
विशाल किसान महापंचायत के लिए राजिम को इसलिए चुना, क्योंकि राजिम चार जिलों गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी और रायपुर के नजदीकी है। दूसरे जिलों के किसान भी यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।
बंद का दिखा असर
किसान महापंचायत के पहले दिन अर्थात सोमवार को राजधानी रायपुर समेत पूरे प्रदेश में देखने को मिला। तीन काले कानूनों को लेकर विभिन्न किसान संगठनों ने सोमवार को भारत बंद का ऐलान किया था, जो सफल रहा। संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने संयुक्त रूप से भारत बंद को ऐतिहासिक बताते माना।छत्तीसगढ़ में बंद को सफल बनाने के लिए छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन, छत्तीसगढ़ किसान सभा, आदिवासी एकता महासभा और आम जनता से जुड़े सभी घटक संगठनों का आभार व्यक्त किया।


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