अम्बिकापुर,22 फरवरी 2022(घटती-घटना)।.स्थानीय शासकीय शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नवापारा में जिला रेडक्रॅास सोसायटी एवं संगवारी संस्थान के संयुक्त तत्वाधान से नवीन सिकलसेल प्रबंधन ईकाई का उद्घाटन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिहदेव ने किया। शासन स्तर पर हिमोग्लोबिनोपैथी से पीडि़त बच्चों के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। सरगुजा जिला में यह प्रथम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है जहां पर विशेष सिकलसेल प्रबंधन ईकाई स्थापित की गई है। गत दिवस जिला रेडक्रास सोसायटी सरगुजा के सभापति एवं उपाध्यक्ष जिला पंचायत सरगुजा आदित्येश्वर शरण सिंहदेव के विशेष प्रयास से यह संभव हो पाया। आगामी योजना अनुसार जिले के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में यह सुविधा की शुरूआत की जावेगी। कार्यक्रम में 43 सिकलसेल एवं अन्य हिमोग्लोबिनापैथी के पीडि़त बच्चों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नवापारा में रेफर किया गया था जहां उनका नि:शुल्क उपचार एवं काउंसलिंग संगवारी संस्थान के डॉ. शिल्पा खन्ना एवं डॉ. चैतन्य मलिक ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का स्वागत सरगुजा संभाग के संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायें डॉ. पीएस सिसोदिया ने किया। कार्यक्रम का संचालन शहरी कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. अमिन फिरदौसी ने किया। कार्यक्रम में सिकलसेल कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. श्रीकांत, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. आयुष जायसवाल, चिरायु के समस्त चिकित्सा अधिकारी एवं कर्मचारी एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
सिकलसेल मरीजों का नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि राज्य स्तर में शासन एक नवीन सिकलसेल अनुसंधान संस्थान संचालित कर रही है एवं इसका नवीन भवन हेतु शासन ने स्वीकृति दे दी है। उन्होंने आगे इस बीमारी में प्रकाश डालते हुए कहा कि सिकलसेल मरीजों के ईलाज हेतु किसी भी शासकीय अस्पताल में नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही आवागमन और खून भी नि:शुल्क जरूरतमंद को उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होने मरीजों को ईलाज के साथ साथ जागरूक होन का भी लाभ बताया। उन्होंने इस बीमारी का संपूर्ण रूप से खत्म करने का तरीका यह बताया कि जैसे शादियों में जन्मकुंडली गुणो के लिए मिलाई जाती है वैसे ही शादी के पूर्व सिकलसेल जांच अत्यंत जरूरी है। ताकि आने वाली पीढ़ी इस बीमारी से ग्रसित न हो।