मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पीछे नवजात बच्चे का मिला शव
अंबिकापुर, 16 फ रवरी 2022(घटती-घटना)। निर्दयता का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे देख कर ही क्या सुनकर लोगों की रूह कांप गई। पैदा हुए जिंदा बच्चे को आधा जमीन में दफन कर उसके मुंह में ईट रख देने जैसा घिनौना काम शायद ही एक मां कर सकती है, परंतु ऐसा हुआ है। पूरा मामला मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बगल में स्थित एक झाड़ी के पास का है। खैर अभी यह तो नहीं कहा जा सकता कि उक्त बच्चे की मां की डिलीवरी कहां हुई थी, क्योंकि मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आसपास कई निजी नर्सिंग होम भी स्थित हैं।
दरअसल महिला अस्पताल के पीछे मंगल भवन के सामने स्थित संतोष किराना दुकान में मौजूद एक महिला ने इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि मंगल भवन के बगल में स्थित झाड़ी में एक महिला गई हुई थी, जिसे बच्चे के द्वारा कराहने की आवाज आई। यह बात उक्त महिला ने किराना दुकान की महिला को बताया। घटना लगभग दोपहर 12 बजे की है तत्काल कुछ लोग झाड़ी के पास जब गए तो जमीन में आधा दफन नवजात कराह रहा था। निर्दयता की हद यह देखा गया कि बच्चे का मुंह छुपाने के लिए उसे ईट से ढकने का सहारा लिया गया था। दोपहर 12 बजे ही स्थानीय कुछ लोगों ने मणिपुर पुलिस चौकी को इसकी सूचना दी, परंतु लापरवाह मणिपुर पुलिस हमेशा की तरह यहां भी लगभग 2 घंटे बाद पहुंची। मामला संगीन होने के कारण लोगों ने बच्चे को बाहर नहीं निकाला था। पुलिस जब पहुंची तब बच्चे के शरीर को बाहर निकाला गया, परंतु उसकी सांसे तब तक थम चुकी थी। फिलहाल पुलिस मामले में पूछताछ व जांच में जुट गई है।
कैची तक छोड़ दी थी नाल में
इस पूरे मामले में क्या कारण हो सकता है या किसी अस्पताल या किसी इंसान की इतनी भी क्या जल्दी ठीक ही जन्मे बच्चे की नाल में कैची फंसी रही उसी हालत में उसे ले जाकर झाडय़िों के बीच गड्ढे में आशा दफन कर दिया गया था। उक्त प्रकार की कैसी नाल को दबाने या फिर काटने के लिए यूज़ की जाती है। पुलिस अगर गहराई से इसकी जांच करें तो शायद उस अस्पताल के बारे में यह जानकारी मिल सके कि उक्त महिला का प्रसव कहां हुआ था। इससे यह भी सामने आ जाएगा कि पूरे निर्दयता के पीछे आखिर कारण क्या था।