कोरबा 15 फरवरी 2022 (घटती घटना)। गीता देवी मेमोरियल हॉस्पिटल में पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा समुदाय से आने वाली महिला की मौत के बाद कार्रवाई के नाम पर तीन वॉर्ड बॉय को बर्खास्त किया गया है. तीनों जीवनदीप समिति के अधीन अस्थायी कर्मचारी थे. कार्रवाई के नाम पर निजी अस्पताल गीता देवी मेमोरियल को भी सील किया गया है. अब बड़ा सवाल ये है कि, वॉर्ड बॉय जैसे अस्थायी छोटे कर्मचारियों को निपटा कर प्रशासन औपचारिकता पूरी कर लेगी, या फिर रेफरल रैकेट की जड़ उखाड़ फेंकने के लिए इसे चलाने वाली बड़ी मछलियां को भी दंड मिलेगा ? मामला सतरेंगा निवासी सुनी बाई हाथ में फ्रैक्चर के बाद 9 फरवरी को जिला अस्पताल पहुंची थी. यहां उसका इलाज करने के बजाय रेफरल रैकेट के जरिए निजी अस्पताल गीता देवी मेमोरियल में शिफ्ट किया गया थढ्ढ ढ्ढ यहाँ उसे ऑपरेशन की बात कही गई, जिसके लिए 3 दिन तक लापरवाहीपूर्वक भूखे प्यासे रखा गया. जिसके बाद उसकी मौत हो गई कलेक्टर ने मामले में जांच के आदेश भी दिए हैं ढ्ढ जांच कमेटी में कोरबा एसडीएम हरिशंकर पैकरा, सीएमएचओ बीबी बोर्डे व आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त माया वारियर शामिल हैं पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफरल रैकेट की जड़ें कितनी गहरी है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिला अस्पताल में पदस्थ कई डॉक्टरों के कोरबा में स्वयं के निजी हॉस्पिटल संचालित है और इसे नक भी नहीं जा सकतढ्ढ ढ्ढ अब.देखना होगा के,जांच कमेटी के जांच के बाद और कितने.नाम आते है सामने ?
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