रायपुर@छाीसगढ़ मे΄ उद्योग, व्यापार और कारोबार का बना बेहतर वातावरण: बघेल

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मुख्यम΄त्री ने ‘‘सुगम उद्योग, व्यापार-उन्नत कारोबार’’ विषय पर प्रदेशवासियो΄ से की बात
ठ्ठ राज्य मे΄ आर्थिक गतिविधियो΄ के साथ रोजगार बढ़ाने पर विशेष जोर
ठ्ठ छाीसगढ़ मे΄ तीन वषोर्΄ मे΄ 1,715 नये उद्योग स्थापित: 19,500 करोड़ रूपए से अधिक का निवेश तथा 33 हजार लोगो΄ को मिला रोजगार
ठ्ठ बायो एथेनॉल प्ला΄ट लगाने के लिए 18 निवेशको΄ से 3300 करोड़ रूपए के निवेश का एमओयू
ठ्ठ छाीसगढ़ रोजगार मिशन: पा΄च वषोर्΄ मे΄ 15 लाख रोजगार के सृजन का लक्ष्य
ठ्ठ राज्य के 110 विकासखण्डो΄ मे΄ फूडपार्क की स्थापना के लिए भूमि चिन्हा΄कित
ठ्ठ उद्योग विभाग द्वारा एकल खिडक़ी प्रणाली से दी जा रही 56 ऑनलाइन सेवाए΄
ठ्ठ औद्योगिक क्षेत्रो΄ मे΄ भूमि आव΄टन नियमो΄ का हुआ सरलीकरण
ठ्ठ प्रदेश मे΄ 21 हजार करोड़ रूपए से अधिक लागत की सडक़ो΄ के निर्माण की कार्ययोजना
ठ्ठ छाीसगढ़ी खान-पान को प्रोत्साहित करने 16 जिलो΄ मे΄ गढ़ कलेवा स्थापित


ठ्ठ छाीसगढ़ की अर्थव्यवस्था मे΄ चार स΄साधनो΄ खनिज, कृषि, वानिकी और मानव स΄साधन का महत्वपूर्ण योगदान


रायपुर, 13 फरवरी 2022। मुख्यम΄त्री श्री भूपेश बघेल ने मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 26वी΄ कड़ी मे΄ आज ‘‘सुगम उद्योग, व्यापार-उन्नत कारोबार’’ विषय पर प्रदेशवासियो΄ से बात-चीत की। मुख्यम΄त्री श्री बघेल की रेडियोवार्ता लोकवाणी की 26वी΄ कड़ी का प्रसारण आज छाीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्रो΄, एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलो΄ से प्रात: 10.30 से 11 बजे तक किया गया। मुख्यम΄त्री श्री बघेल ने कहा कि छाीसगढ़ मे΄ उद्योग, व्यापार और कारोबार के लिए अनुकूल वातावरण है। उन्हो΄ने कहा कि स΄भावनाओ΄ से भरपूर छाीसगढ़ मे΄ देश और दुनिया के निवेशक आकर देखे΄ कि यहा΄ उद्योग मित्र, व्यापार मित्र, कारोबार मित्र, उपभोक्ता मित्र, पर्यटक मित्र, रोजगार मित्र नीतियो΄ से कैसे नवा छाीसगढ़ गढ़ा जा रहा है। राज्य मे΄ हमने शुरू से ही ऐसे कायोर्΄ को महत्व दिया है, जिससे प्रदेश मे΄ आर्थिक गतिविधियो΄ मे΄ तेजी आए और रोजगार के अवसर बढ़े΄।
मुख्यम΄त्री श्री बघेल ने कहा कि हमारे पुरखो΄ ने यह सपना देखा था कि जब हमारा अपना छाीसगढ़ राज्य बनेगा, तब यहा΄ कोई बेरोजगारी नही΄ होगी। इसी ध्येय को ले करके हमारी सरकार द्वारा प्रदेश मे΄ सभी को आजीविका और रोजगार उपलध कराने के लिए पहल की जा रही है। वन क्षेत्र, ग्रामीण क्षेत्र, सरकारी क्षेत्र, अर्द्धसरकारी क्षेत्र हो या निजी क्षेत्र, जहा΄ भी रोजगार के अवसर दिख रहे है΄, वहा΄ हमारी सरकार योजना बना कर कार्य कर रही है।
मुख्यम΄त्री श्री बघेल ने कहा कि छाीसगढ़ मे΄ हमारे फैसलो΄ से गा΄वो΄ की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई। उसका लाभ उद्योग और व्यापार जगत को मिला। निश्चित तौर पर सबके सहयोग से हम छाीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आधार बनाने मे΄ सफल हो΄गे। उन्हो΄ने कहा कि मुख्यम΄त्री बनने के बाद मै΄ने औद्योगिक नीति 2019-2024 की घोषणा की थी, जिसमे΄ फूड, एथेनॉल, इलेट्रॉनिस, डिफे΄स, दवा, सोलर जैसे नए उद्योगो΄ को प्राथमिकता दी गई थी। हम चाहते है΄ कि छाीसगढ़ मे΄ सेवा क्षेत्र को बहुत प्रोत्साहन मिले। इसके लिए पर्यटन के अलावा अन्य कायोर्΄ को भी चिन्हा΄कित किया गया है। एम.एस.एम.ई. सेवा श्रेणी उद्यमो΄ मे΄ इलेिट्रक वाहन चाजिर्΄ग स्टेशन, सेवा केन्द्र, बी.पी.ओ., 3-डी प्रि΄टि΄ग, बीज ग्रेडि΄ग इत्यादि 16 सेवाओ΄ को सामान्य श्रेणी के उद्योगो΄ की भा΄ति औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। मुख्यम΄त्री ने कहा कि कोरोना के दौरान हमने देखा कि बहुत से मेडिकल उपकरण तथा सामग्री स्थानीय स्तर पर ही बनाए जा सकते है΄, इसलिए इन्हे΄ भी उद्योगो΄ की भा΄ति औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया है।
औद्योगिक क्षेत्रो΄ मे΄ भूमि आब΄टन नियमो΄ का सरलीकरण किया गया था, जिसके अनुसार औद्योगिक क्षेत्रो΄ मे΄ भूमि आब΄टन भू-प्रयाजी मे΄ 30 प्रतिशत की कमी की गई है। औद्योगिक क्षेत्रो΄ मे΄ भू-भाटक मे΄ 33 प्रतिशत की कमी की गई है। औद्योगिक क्षेत्रो΄ एव΄ औद्योगिक क्षेत्रो΄ से बाहर 10 एकड़ तक आब΄टित भूमि को लीज़ होल्ड से फ्री होल्ड किए जाने हेतु नियम तैयार कर अधिसूचना जारी की गई। ऐसे प्रयासो΄ के कारण छाीसगढ़ मे΄ तीन वषोर्΄ मे΄ 1 हजार 715 नए उद्योग स्थापित हुए, जिसमे΄ 19 हजार 500 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ तथा 33 हजार लोगो΄ को रोजगार मिला है। इसके अलावा 149 एमओयू भी किए गए है΄, जिसमे΄ 74 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा और 90 हजार लोगो΄ को रोजगार मिलेगा। हमने बायो एथेनॉल प्ला΄ट लगाने के लिए 18 निवेशको΄ के साथ 3 हजार 300 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के लिए एमओयू किया है, जिसमे΄ 2 हजार से अधिक लोगो΄ को रोजगार मिलेगा। हमने तो धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति भी केन्द्र सरकार से मा΄गी है। यदि यह अनुमति मिल गई तो धान के बम्पर उत्पादन को सही दिशा मे΄ उपयोग करते हुए हम बड़े पैमाने पर एथेनॉल बना सकते है΄ और इससे बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार का अवसर भी बना सकते है΄। इससे हम धान उत्पादक किसानो΄ को बेहतर दाम दिलाने और उनकी माली हालत मे΄ लगातार सुधार के रास्ते भी बना सकते है΄।
हमने अपना वादा निभाते हुए विकासखण्डो΄ मे΄ फूडपार्क की स्थापना के लिए 110 विकासखण्डो΄ मे΄ भूमि का चिन्हा΄कन कर लिया है। औद्योगिक नीति मे΄ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओ΄, कृषि उत्पादक समूहो΄, तृतीय लि΄ग के लोगो΄ के लिए विशेष पैकेज है΄। अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए ऐसा कोई प्रावधान औद्योगिक नीति मे΄ नही΄ था। इस दिशा मे΄ ध्यान देते हुए ओबीसी प्रवर्ग हेतु 10 प्रतिशत भू-खण्ड आरक्षित किए जाए΄गे, जो कि भू-प्रीमियम दर के 10 प्रतिशत दर तथा 1 प्रतिशत भू-भाटक पर उपलध कराए जाए΄गे। मुख्यम΄त्री ने कहा कि मै΄ समाज के सभी वगोर्΄ से यह अनुरोध करता हू΄ कि हमने प्रदेश मे΄ उद्यमिता विकास के माध्यम से रोजगार के नए अवसर पैदा किए है΄। सभी वर्ग के लोग इन अवसरो΄ का लाभ उठाए΄, बड़े पैमाने पर स्वय΄ भी स्वावल΄बी बने΄ तथा कई लोगो΄ को रोजगार देने का माध्यम भी बने΄।
मुख्यम΄त्री श्री बघेल ने कहा कि छाीसगढ़ मे΄ हमने उद्योगो΄ की सुगमता पर भी जोर दिया है। निश्चित तौर पर ईज ऑफ डूइ΄ग बिजनेस के मापदण्ड विश्व बै΄क द्वारा तय किए जाते है΄। इससे पता चलता है कि किसी देश अथवा किसी राज्य मे΄ कामकाज की सुगमता की या स्थिति है। मुझे यह कहते हुए खुशी है कि ईज ऑफ डूइ΄ग बिजनेस के मापदण्डो΄ मे΄ हमारा छाीसगढ़ देश के प्रथम 6 राज्यो΄ मे΄ शामिल है।
उद्योग विभाग द्वारा एकल खिडक़ी प्रणाली से 56 सेवाए΄ ऑनलाइन दी जा रही है΄। ई-डिस्ट्रिट के अ΄तर्गत 82 सेवाए΄ ऑनलाइन की गई है΄, जिसमे΄ दुकान प΄जीयन से लेकर कारोबार के लायसे΄स तक शामिल है΄। हमने गुमाश्ता एट के अ΄तर्गत हर साल नवीनीकरण की अनिवार्यता को समाप्त किया ताकि छोटे व्यापारियो΄ को राहत मिले। सरकारी खरीद मे΄ पारदर्शिता लाने के लिए ई-मानक पोर्टल स΄चालित किया जा रहा है। इस तरह से राज्य मे΄ उद्योग, व्यापार और कारोबार का फ्रै΄डली वातावरण बना है। इस तरह के सुधार किए जाने से लोगो΄ का काफी समय बच रहा है। पहले जो समय दफ्तरो΄ के चक्कर काटने मे΄ बिताना पड़ता था, उसका उपयोग अब लोग अपने काम-ध΄धे मे΄ कर रहे है΄। हमने छोटे भू-खण्डो΄ की खरीदी और बिक्री पर पूर्व मे΄, शासन द्वारा लगाकर रखी गई रोक को हटाने का निर्णय लिया था और कहा था कि इससे भी कारोबार और रोजगार के अवसर बढ़े΄गे। मै΄ बताना चाहता हू΄ कि हमारे इस एक निर्णय से 2 लाख 87 हजार भू-खण्डो΄ के सौदे हुए। एक भू-खण्ड बिकने से क्रेता-विक्रेता के अलावा उस भू-खण्ड को विकसित करने वाले कई लोगो΄ को लाभ मिलता है। सीमे΄ट, लोहा, भवन सामग्री के विक्रेता, बिजली, नल, मिस्त्री, बढ़ई, राजमिस्त्री और कई तरह के काम करने वाले लाखो΄ लोगो΄ को रोजगार मिलता है। इससे लाखो΄ लोगो΄ की रोजी-रोटी चलने लगी। यह पैसा बाजार मे΄ आया। इसके अलावा हमने महिलाओ΄ के पक्ष मे΄ प΄जीयन कराने पर स्टाम्प शुल्क मे΄ छूट दी है, जिससे 50 हजार 280 प΄जीयन पर 37 करोड़ रुपए से अधिक की छूट दी गई है।
इस तरह हमारी सरकार की जनहितकारी योजनाओ΄ से बाजार मे΄ पैसा भी आया तथा लोगो΄ को रोजगार भी मिला।
मुख्यम΄त्री श्री बघेल ने कहा कि पर्यटन से भी राज्य मे΄ बड़े पैमाने पर रोजगार के नये अवसर बने΄गे। हम जिस वातावरण मे΄ पले-बढ़े है΄, उसमे΄ हमारे पुरखो΄ और माता-पिता से हमे΄ धार्मिक सद्भाव और सा΄स्कृतिक एकता के स΄स्कार मिले है΄। आस्था के कारण हमारे मन मे΄ किसी स्थान पर दर्शन हेतु जाने की इच्छा पैदा होती है। आस्था से आत्मबल मजबूत होता है और ऐसे पर्यटन पर होने वाला खर्च लोगो΄ को स΄तोष देता है इसलिए हमने आस्था स्थलो΄ के विकास की रणनीति अपनाई है। इससे नए-नए स्थानो΄ पर अधोस΄रचना का विकास होता है। इसमे΄ जो सामग्री लगती है, उससे स्थानीय स्तर पर उद्योग व्यापार पनपता है। स्थानीय सामग्री का वेल्यू एडीशन होता है। स्थानीय उत्पादो΄ को अच्छा दाम मिलता है। राम वन गमन पथ के अ΄तर्गत कोरिया से लेकर सुकमा जिले तक 75 स्थानो΄ का चिन्हा΄कन किया गया है। प्रथम चरण मे΄ 9 स्थानो΄ का विकास किया जा रहा है। चन्दखुरी-जिला रायपुर मे΄ माता कौशल्या म΄दिर परिसर का जीर्णोद्धार और सौ΄दर्यीकरण किया गया है, जिसके कारण यहा΄ बड़े पैमाने पर पर्यटक पहु΄चने लगे है΄। आदिवासी अ΄चलो΄ मे΄ देवगुड़ी तथा घोटुल स्थलो΄ का विकास किया जा रहा है। सतरे΄गा, सरोधा दादर, बालाछापर सरना, ग΄गरेल आदि स्थानो΄ पर नए तरह के पर्यटन की सुविधाए΄ विकसित की गई है΄, जिससे इन स्थानो΄ मे΄ बड़ी स΄ख्या मे΄ लोग पहु΄चने लगे है΄। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पर भी बढ़े है΄। छाीसगढ़ी खान-पान को प्रोत्साहित करने के लिए गढ़ कलेवा की स्थापना 16 जिलो΄ मे΄ कर दी गई है। हमने छाीसगढ़ की अपनी फिल्म विकास नीति भी लागू कर दी है।

मुख्यम΄त्री श्री बघेल ने कहा कि कोरोना काल मे΄ हमने सिर्फ छाीसगढ़ के ही नही΄ बल्कि यहा΄ से गुजरकर दूसरे राज्यो΄ को जाने वाले मजदूरो΄ की भी मदद की है। हमने अपने राज्य के मजदूरो΄ के खाने-पीने, ठहरने, गा΄वो΄ मे΄ क्वार΄टाइन होने, जा΄च और उपचार की व्यवस्था के अलावा उन्हे΄ अपने ही राज्य मे΄ रोजगार दिलाने के उपाय किए थे। हमारे बेहतर प्रब΄धन को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली थी। उसी समय हमने घोषणा की थी कि प्रवासी श्रमिको΄ के लिए नीति बनाए΄गे। इस तरह हमने छाीसगढ़ प्रवासी श्रमिक नीति 2020 को तैयार कर अधिसूचित किया है। इस नीति के तहत वापस लौटे प्रवासी श्रमिको΄ का ऑनलाइन प΄जीयन किया गया।    पलायन प΄जी के ऑनलाइन स΄धारण की व्यवस्था की गई है। हम स΄गठित और अस΄गठित दोनो΄ क्षेत्रो΄ के श्रमिको΄ के कल्याण की योजनाए΄ स΄चालित कर रहे है΄। श्रमिको΄ के पर΄परागत कौशल को नवीन ज्ञान से स΄वारने हेतु उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। हम छाीसगढ़ मे΄ ऐसे अवसर पैदा कर रहे है΄ कि हमारे प्रदेश के श्रमिको΄ को अन्य प्रदेशो΄ मे΄ जाना ही नही΄ पड़े। उनका कौशल और मेहनत राज्य के विकास के काम आए। भारत सरकार द्वारा अस΄गठित श्रमिको΄ के प΄जीयन के लिए जो ई-श्रम पोर्टल बनाया गया है। उसमे΄ भी हमने 64 लाख श्रमिको΄ का प΄जीयन करते हुए देश मे΄ तीसरा स्थान हासिल किया है। हमने कारखाना अधिनियम के तहत कामगारो΄ की सेवानिवृिा आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी है। इसके अलावा दो नई योजनाओ΄ की घोषणा 26 जनवरी के अवसर पर की है। प्रत्येक जिला मुख्यालय तथा विकासखण्ड स्तर पर ‘मुख्यम΄त्री श्रमिक स΄साधन केन्द्र’ की स्थापना की जाएगी।

श्रमिक परिवारो΄ की बेटियो΄ की शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार तथा विवाह मे΄ सहायता के लिए ‘मुख्यम΄त्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना’ शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत ‘छाीसगढ़ भवन एव΄ अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल’ मे΄ प΄जीकृत हितग्राहियो΄ की प्रथम दो पुत्रियो΄ के बै΄क खाते मे΄ 20-20 हजार रुपए की राशि का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा। विगत तीन वषोर्΄ मे΄ एक ओर जहा΄ नसलवाद और उसकी हि΄सक गतिविधियो΄ पर प्रभावी अ΄कुश लगा है वही΄ दूसरी ओर उद्योग, व्यापार और कारोबार मे΄ लगे लोगो΄ को यह विश्वास हुआ है कि सरकार उनके साथ खड़ी है। प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए उत्साहजनक वातावरण निर्मित हुआ है, जिससे हर क्षेत्र मे΄ रोजगार के अवसर बढ़े है΄।

मुख्यम΄त्री श्री बघेल ने कहा कि हमने अधोस΄रचना विकास के लिए बहुस्तरीय रणनीति अपनाई है। प्रदेश मे΄ 21 हजार करोड़ रुपए से अधिक लागत से सडक़ो΄ के निर्माण की कार्ययोजना बनाई गई है, जिसमे΄ विभिन्न स्तरो΄ पर काम चल रहा है। प्रदेश मे΄ सि΄चाई क्षमता बढ़ाने के लिए केलो परियोजना, खार΄ग परियोजना, मनियारी परियोजना, अरपा भै΄साझार परियोजना को इस वर्ष पूर्ण करने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा हमने अनेक व्यावहारिक उपाय करते हुए मरम्मत व अन्य तरीको΄ से वास्तविक सि΄चाई क्षमता को दोगुना कर दिया है। हमने विगत तीन वषोर्΄ मे΄ डॉटरो΄ तथा मेडिकल स्टाफ की स΄ख्या लगभग दोगुनी कर दी है। विभिन्न विभागो΄ के निर्माण कायोर्΄ से स्थानीय युवाओ΄ को जोडऩे के लिए हमने ई-श्रेणी प΄जीयन की व्यवस्था की है, जिसमे΄ विकासखण्ड स्तर पर 5 हजार युवाओ΄ का प΄जीयन किया गया है और उन्हे΄ 200 करोड़ रूपए से अधिक लागत के काम सीमित प्रतियोगिता के आधार पर दिए गए है΄। इसके साथ ही ग्रामीण अधोस΄रचना के विकास के लिए सुराजी गा΄व योजना स΄चालित की जा रही है। नरवा, गरुवा, घुरुवा और बारी के विकास से बहुत बड़े पैमाने पर ग्रामीण कारोबार के अवसर बढ़े है΄।

मुख्यम΄त्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छाीसगढ़ की अर्थव्यवस्था के लिए चार तरह के स΄साधनो΄ का सबसे ज्यादा योगदान हो सकता है-पहला खनिज, दूसरा कृषि, तीसरा वानिकी और चौथा मानव स΄साधन। खनिज आधारित उद्योगो΄ की स्थापना के लिए पूर्व मे΄ अनेक प्रयास हुए है΄ लेकिन उनकी अपनी सीमाए΄ भी है΄। कृषि, वन और मानव स΄साधन की भागीदारी को बहुत बड़े पैमाने मे΄ बढ़ाने की स΄भावनाए΄ है΄, जिस पर पहले ग΄भीरता से काम नही΄ किया गया। दशको΄ से कृषि के नाम पर धान, वन के नाम पर तेन्दूपाा और मानव स΄साधन के नाम पर सीमित सरकारी नौकरियो΄ से अधिक की सोच नही΄ रखी गई। हमने पूरी रणनीति ही बदल दी है। खनिज आधारित उद्योगो΄ के स्थान पर ऐसे उद्योगो΄ को प्राथमिकता दी गई जिससे पर्यावरण प्रभावित न हो। कृषि और वानिकी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। एक ओर धान की खेती करने वाले किसानो΄ का मनोबल बढ़ाया वही΄ दूसरी ओर वैकल्पिक फसलो΄ के प्रति भरपूर जागरुकता पैदा की गई। हम बरसो΄ से यह सुनते आए थे कि धान और गरीबी का चोली-दामन का साथ होता है। हमने इस कहावत को झुठला दिया है। अब हमारे धान उत्पादक किसान भी समृद्ध है΄। यही वजह है कि प्रदेश मे΄ धान की उत्पादकता और उत्पादन मे΄ रिकार्ड तोड़ वृद्धि हुई है। वही΄ हर साल समर्थन मूल्य पर खरीदी का भी नया कीर्तिमान बना है। वर्ष 2017-18 मे΄ सिर्फ 15 लाख 77 हजार प΄जीकृत किसान थे, जो अब बढक़र 22 लाख 66 हजार हो गए। इसमे΄ से 21 लाख 77 हजार किसानो΄ ने धान बेचा है। खेती का रकबा 22 लाख से बढक़र 30 लाख 11 हजार हेटेयर हो गया। धान की खरीदी 56 लाख 88 हजार से बढक़र लगभग 98 लाख मीट्रिक टन हो गई। इसके अलावा मक्का, गन्ना, तिलहन, दलहन, लघु धान्य फसल, उद्यानिकी फसलो΄ का विकास भी तेजी से हो रहा है।

मुख्यम΄त्री ने कहा कि अब शिक्षित और युवा किसान भी तेजी से बढ़ रहे है΄, जो नई-नई तकनीक का उपयोग कर रहे है΄, जिसके नतीजे आने वाले समय मे΄ दिखाई दे΄गे। इस तरह छाीसगढ़ के खेत अपने आप मे΄ उद्यम बन गए है΄। चाय, कॉफी, काजू, फल, फूल की खेती लगातार बढऩे के साथ ही प्राकृतिक रेशो΄ से धागे बनाने का काम भी हो रहा है। इतना ही नही΄, फूड प्रोसेसि΄ग को भी नई ऊ΄चाई पर ले जाने का कौशल हमारे ग्रामीण भाई-बहनो΄ ने दिखाया है। हमारे नेता और सा΄सद राहुल गा΄धी जी ने 3 फरवरी को छाीसगढ़ प्रवास के दौरान ऐसे नए किसानो΄ और उद्यमियो΄ से भे΄ट की तथा उनके उत्पादो΄ की दिल खोलकर तारीफ भी की। इसी तरह छाीसगढिय़ा भाई-बहनो΄ के हाथो΄ के हुनर ने भी खूब तारीफ बटोरी। राहुल गा΄धी जी ने खुले म΄च से कहा कि छाीसगढ़ के उत्पाद अब देश और दुनिया मे΄ भेजे जाने चाहिए। वन स΄साधनो΄ की बात करे΄ तो पहले मात्र 7 लघु वनोपजो΄ की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाती थी। अब हमने 61 लघु वनोपजो΄ की खरीदी समर्थन मूल्य पर करने की व्यवस्था कर दी है। ये सारे उत्पाद इशारा करते है΄ कि छाीसगढ़ के भावी औद्योगिक विकास के लिए ये सभी सबसे अच्छा कच्चा माल साबित हो΄गे।

जहा΄ तक मानव स΄साधन की उद्यमिता का सवाल है तो हमने अब छाीसगढ़ रोजगार मिशन का गठन कर दिया है, जिससे 5 वर्ष मे΄ 15 लाख रोजगार के अवसर सृजित करने का लक्ष्य दिया गया है। हमने सरकारी विभागो΄ तथा अर्द्धसरकारी स΄स्थाओ΄ मे΄ लाखो΄ लोगो΄ को नौकरी देकर यह साबित किया है कि यदि सरकार की इच्छा शक्ति मजबूत हो तो नई पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित रहेगा। यही कारण है कि जब पूरा देश कोरोना और लॉकडाउन के कारण म΄दी से परेशान था, तब हमारा छाीसगढ़ उद्योग, व्यापार और कारोबार मे΄ नई ऊ΄चाइया΄ छू रहा था। न्याय योजनाओ΄ के माध्यम से हमने किसानो΄, पशुपालको΄ और खेतिहर मजदूरो΄ को आर्थिक स΄बल दिया। ऐसी कल्याणकारी पहल से 91 हजार करोड़ रुपए की राशि जरूरतम΄द लोगो΄ की जेब मे΄ डाली गई जिसके कारण खेत-खलिहानो΄ से लेकर उद्योगो΄ तथा बाजारो΄ तक मे΄ रौनक बनी रही। सिर्फ उद्योग लगाना ही उद्यमिता नही΄ है बल्कि कला, स΄स्कृति, खेलकूद, शोध, अनुस΄धान, शिक्षा- दीक्षा तथा कुछ नया करने का जुनून भी उद्यमिता है।

मुख्यम΄त्री श्री बघेल ने कहा कि मै΄ अपने युवा साथियो΄ से अनुरोध करता हू΄ कि वे अपनी रुचि, अपने समाज, अपने प्रदेश के हित मे΄ अपनी आजीविका का जो भी रास्ता चुने΄, उस पर डटे रहे΄। आप मे΄ वह क्षमता है कि किसी भी काम को चमका सकते है΄। हमने प्रदेश मे΄ ग्रामीण अर्थव्यवस्था का ऐसा ढा΄चा खड़ा कर दिया है कि जिस तरह हमारे गौठान स्वावल΄बी हो रहे है΄, उसी तरह गा΄व भी स्वावल΄बी हो जाए΄गे।


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