समय पर उपचार नहीं मिलने से मरीज निजी अस्पताल जाने को होते हैं विवश
अंबिकापुर,12 फरवरी 2022(घटती-घटना)।अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल संभाग के सेबसे बड़ा अस्पताल है। यहां संभाग के अलावा दूसरे राज्यों के भी मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। वहीं यहां की व्यवस्था भी सुधर रही है। चिकित्सकों ने भी जटिल से जटिल ऑपरेशन कर मरीज की जान बचाने का काम किया है। वहीं कुछ डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मरीजों के समय पर उपचार नहीं मिल पाने से किए गए सारे बेहतर कार्य धूमिल हो जाता है। शनिवार की दोपहर एक सेसा ही मामला देखने को मिला जहां सडक़ दुर्घटना में घायल युवक को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। समय पर उपचार नहीं मिल पाने के कारण मरीज को उसके परिजन बेहतर इलाज की उम्मीद लिए निजी अस्पताल ले जा रहे थे। निजी एंबुलेंस के माध्यम से मरीज को निजी अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे। तभी इसकी जानकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक को लगी तो उन्होंने इस मामले का संज्ञान में लिया तो पता चला कि मरीज का उपचार नहीं समय पर नहीं मिल पाने के कारण निजी अस्पताल ले जा रहे हैं। अस्पताल अधीक्षक के हस्तक्षेप के बाद पुन: मरीज को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जानकारी के अनुसार 18 वर्षीय जिन्द लाल पिता गौरीशंकर कोरबा जिले के पसान का रहने वाला है। वह कुछ दिन पूर्व अपने नाना के घर कोरिया जिले के चिरमी गया था। यहां वह सडक़ दुर्घटना में घायल हो गया था। परिजन उसे इलाज के लिए शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में भर्ती कराया गया था। यहां चिकित्सकों ने मरीज का सीटी स्कैन कराया रिपोर्ट में जबड़े की हड्डी टूटना पाया गया। इसके बाद मरीज को सर्जरी वार्ड में भर्ती करा दिया गया। इसके बाद न तो मरीज को डॉक्टर देखने गए और न ही उसका उपचार शुरू कराया गया। संतोषजनक उपचार न मिल पाने के कारण मरीज के परिजन मरीज को निजी अस्पताल ले जाने को सोंचा। परिजन निजी एंबुलेंस के माध्यम से मरीज को शहर के निजी अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे। मरीज को वार्ड से छुट्टी करा कर निज एंबुलेंस से निजी अस्पताल ले जाने लगे। तभी कुछ पत्रकारों ने निजी एंबुलेंस देख कर मरीज के परिजन से पूछा तो परिजन ने बताया कि यहां इलाज नहीं हो पा रहा है। ऑपरेशन के लिए कोई डॉक्टर तैयार नहीं है। इससे मरीज की जान बचाने के लिए निजी अस्पताल ले जा रहे हैं। पत्रकारों ने इसकी जानकारी एमएस डॉ. लखन सिंह को मोबाइल के माध्यम से दी ता उन्होंने तत्काल स्टाफ भेज कर मरीज को पुन: वार्ड में भर्ती करवाया और परिजन को पूरी उपचार किए जाने का भरोसा दिलवाया।
यहां के डॉक्टर
निजी अस्पताल में देते हैं सेवा
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लगभग जीवन रक्षक हर उपकरण उलब्ध है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की भी कमी नहीं है। इसके बादजूद भी मरीज को समय पर उपचार नहीं मिल पाना यह दुखद है। इस सवाल पर एमएस डॉ. लखन सिंह ने कहा कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ही डॉक्टर शहर के पूरे निजी अस्पताल में सेवा दे रहे हैं। यही डॉक्टर निजी अस्पताल में पूरी ईमानदारी से मरीज का उपचार करते हैं। पर यहां मरीजों के उपचार नहीं कर पाते हैं। यह केवल मरीजों को परेशान करने का साजिश रहता है ताकि परेशान होकर परिजन मरीज को निजी अस्पताल ले जा सकें। इस कार्य में अस्पताल के स्टाफों का भी मिली भगत रहता है।
अगर@समय पर उपचार न कर मरीजों को किया जाता है परेशान
अगर किसी मरीज की स्थिति ज्यादा गंभीर रहने पर उसे बेहतर इलाज के लिए रायपुर या बिलासपुर रेफर किया जाता है। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज से निजी अस्पताल रेफर करना यह शर्मनाक है। इस लिए वार्ड के स्टाफ नर्स द्वारा मरीज के परिजन से लिखवाते हैं कि अपनी मरजी से मरीज को लेकर जा रहा हूं। ताकि स्टाफ नर्स व डॉक्टरों पर कोई सवाल न उठ सके। इसके बाद मरीज के परिजन के पीछे बिचौलिए लग जाते हैं और उन्हें निजी अस्पताल ले जाते हैं। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लगभग डॉक्टर शहर के निजी अस्पताल में सेवा देते हैं। यहां ये दो घंटे भी ईमान्दारी से सेवा देना नहीं चाहते हैं। इसके आड़ में डॉक्टर भी मरीज को अपने निजी अस्पताल में ले जाकर इलाज करते हैं। मरीजों को तरह-तरह की बात समझा कर उन्हें निजी अस्पताल ले जाने को मजबूर करते हैं। इस कार्य के लिए शहर के निजी अस्पताल पूरी तरह सक्रिय है।