अंबिकापुर 6 फरवरी 2022 (घटती-घटना)। स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से सरगुजा के लोक संगीत व गायकी के क्षेत्र से जुड़े लोग भी स्तब्ध हैं। कई पीढ़ी के लोगों की पसंद लता मंगेशकर के निधन का समाचार मिलते ही यहां के कलाकार भी दुखी हो गए हैं। लता मंगेशकर की याद में अक्सर यहां “भूले बिसरे गीत संगीत समिति” के पुराने गायक कार्यक्रमों का आयोजन करते है। ऐसे लोगों को गहरा आघात लगा है।
समिति की संयोजिका व लोक गायिका वंदना दत्ता ने बताया कि बचपन से हम लोग लता मंगेशकर के गीत सुनते आ रहे हैं और उनकी गायकी को उनके भाव को अपने गीतों के माध्यम से हम उतारने का प्रयास करते रहे हैं।उनकी गायकी ऐसी थी कि उसकी नकल कितना भी बढय़िा कोई कर ले पर सफल नहीं हो पाता था।समिति से जुड़ीं कामिनी तिवारी ने बताया कि लता मंगेशकर की आवाज का जादू हर किसी को प्रभावित करता है। हम सरगुजा के लोग भी उनकी गायकी से प्रभावित हैं। उनके निधन से हम सभी को गहरा दुख पहुंचा है। लता मंगेशकर अपने गीतों के माध्यम से हमेशा अमर रहेंगी।
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