बैकुण्ठपुर,@आबकारी विभाग के प्लेसमेंट कर्मचारियों की देखेरेख करने वालों की स्कॉर्पियो वाहन से हुआ बड़ा हादसामासूम बच्ची की गई जान

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बैकुण्ठपुर 17 अप्रैल 2025 (घटती-घटना)। गुरुवार की सुबह 18 साल की बच्ची के लिए अंतिम सुबह थी वह अपने नाना नानी के यहां रहकर पढ़ाई करती थी और गुरुवार की सुबह वह अपने घर की ही बाउंड्री में खेल रही थी इसी समय आबकारी विभाग के प्लेसमेंट कर्मचारियों की देखरेख करने वालों की वाहन लेकर निकला उनका ड्राइवर और एक नौसिखिए के हाथ में उस गाड़ी की स्टेरिंग थमा दी और वह गाड़ी ने उस 8 साल की बच्ची की जान ले ली। इस घटना को लेकर पूरा दिन चर्चा गर्म रहा सभी इस घटना के निंदा करते रहे, यह घटना कोरिया जिले के लिए काफी दर्दनाक घटना मानी जा रही है क्योंकि एक नौसिखिए के कारण किसी की 8 साल की बच्ची की जान चली गई वहीं एक रसूखदार आदमी के ड्राइवर की लापरवाही से चली गई। यह वाहन जिसकी है वह काफी रसूखदार व्यक्ति है जिसकी गाड़ी में पूर्व जिलाध्यक्ष के बेटे भी घुमा करते हैं आज इस गाड़ी से उस व्यक्ति के ड्राइवर की लापरवाही ने एक व्यक्ति एक बच्ची को रौंद दिया अपने घर के बाउंड्री के अंदर खड़ी बच्ची दीवाल के नीचे दबकर अपनी जान गवा दी जिसके बाद ड्राइवर व गाड़ी चलाने वाले दोनों को वहां के उग्र भीड़ ने खूब पीटा और पुलिस के हवाले कर दिया पर इसके बाद भी रसूखदार मामले में राजनीतिक लाभ लेने में लग रहे और उनका प्रयास था कि बिना लाइसेंस वाहन चला रहे व्यक्ति का नाम पुलिस एफआईआर से हट जाए:सूत्र।
मिली जानकारी अनुसार, प्रेमाबाग निवासी सुनील विश्वकर्मा की भांजी इमांशी विश्वकर्मा, पिता बहादुर विश्वकर्मा (उम्र 8 वर्ष) गुरुवार सुबह 17 अप्रैल को घर के बाउंड्री के भीतर खेल रही थी। इसी दौरान स्कॉर्पियो सीजी 16 सीकियू 2859 वाहन को चला रहा नौसिखिया चालक आयुष पैकरा (उम्र 20 वर्ष), निवासी सत्तीपारा, नियंत्रण खो बैठा और तेज रफ्तार से बाउंड्री गेट में जबरदस्त ठोकर मार दिया, आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है परिजन बालिका को तत्काल जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हादसे की जानकारी मिलते ही सिटी कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और चालक को हिरासत में लेकर बीएनएस की धारा 106 के तहत मामला दर्ज कर जांच में लिया है।
नाना नानी के घर रहकर पढ़ाई करती थी मृतक बालिका
मृतिका इमांशी नाना नानी के घर रहकर ही पढ़ाई करती थी उसके मामा डेयरी से संबंधित कार्य करते हैं। परिवार में खुशियों का माहौल था, लेकिन एक झटके में सब कुछ मातम में बदल गया।
घनी बस्ती में हो रही थी ड्राइविंग की ट्रेनिंग
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्कॉर्पियो में चालक के साथ एक अन्य युवक भी मौजूद था, जो घनी आबादी वाले क्षेत्र में गाड़ी चलाना सिखा रहा था। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाउंड्री गेट और दीवार बुरी तरह टूट गई है। हादसे के बाद वाहन को पीछे करके किसी तरह बालिका को निकाला गया था।
तेज रफ्तार वाहनों पर नहीं लग रही लगाम
शहर के रिहायशी वार्डों में दुपहिया और चारपहिया वाहनों की गति पर कोई नियंत्रण नहीं है। ऐसे इलाकों में बच्चे सड़कों और घरों के सामने खेलते रहते है। जिससे दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है। जाहिर है कि लोगों को एसे स्थान से हटकर खुले इलाकों में इस तरह के कार्य करना चाहिए। स्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की है।


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