अंबिकापुर,10 अप्रैल 2025 (घटती-घटना)। पारंपरिक आस्था और प्रकृति के प्रति गहन श्रद्धा का प्रतीक सरहुल पर्व के अवसर पर गुरुवार को सनातनी उरांव जनजाति द्वारा शोभायात्रा निकाली गई। इस दौरान समाज के लोगों ने पारंपरिक परिधान में शोभायात्रा में शामिल हुए। शोभायात्रा शहर के पटेल पारा से निकलकर शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए सरनास्थल शंकर घाट पहुंची। जहां पूजा अर्चना के साथ समाप्त हुए। शोभायात्रा के दौरान धरती माता और सरना माता की जयकारे लगाए। उरांव समाज के उपाध्यक्ष शशी खेस ने बताया कि आदिवासियों के लिए सबसे बड़ा पर्व सरहुल है। यह पर्व उरांव जनजाति की गहन सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना को दर्शाता है। सरहुल को धरती पूजा के नाम से भी जाना जाता है।

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