नई दिल्ली@ मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन

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वक्फ कानून के खिलाफ अब डीएमके पहुंची सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली,07अप्रैल 2025 (ए)।
वक्फ बोर्ड संशोधन कानून 2025 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अब तक कई याचिकाएं दायर हो चुकी हैं। अब इस कानून के खिलाफ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (ष्ठरू्य) पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। ष्ठरू्य ने इस कानून को चुनौती देते हुए कहा है कि यह कानून तमिलनाडु के लगभग 50 लाख मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है, साथ ही पूरे देश के करीब 20 करोड़ मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है। वक्फ बोर्ड संशोधन कानून 2025 के खिलाफ अब तक सुप्रीम कोर्ट में जितनी भी याचिकाएं दायर की गई हैं, उनमें एक ही बात कही गई है कि यह मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता को छीनने की एक साजिश है। याचिकाओं में इस कानून को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं ने दायर याचिकाओं सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाएं
अब तक सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद,एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान, एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स , जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, केरल की शीर्ष मुस्लिम बॉडी समस्थ केरल जमीयतुल उलेमा, एसडीपीआई, तैय्यब खान सलमानी, अंजुम कादरी और इंडियन मुस्लिम लीग ने याचिकाएं दायर की हैं।
बिल पास होने के बाद बना कानून
बता दें कि लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े थे, जबकि राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 132 और इसके खिलाफ 95 वोट पड़े थे। संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद शनिवार को इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। इसके साथ ही यह कानून बन गया। इस बिल के कानून बनने के बाद कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। आरजेडी, डीएमके समेत कई दलों ने इस कानून को संविधान विरोधी बताया है। अब देखना यह है कि जो याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं, उस पर सुनवाई कब होती है?


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