विधानसभा अध्यक्ष व सांसद उतरीं तो विधायक हुए हेलीकॉप्टर पर सवार,विधायकों का भी हेलीकॉप्टर प्रेम लोगों को समझ नहीं आया
राष्ट्रीय पर्व में जनता बूंदी के भरोसे…नेताजी काजू व पिस्ता बिना नाश्ता भी नहीं लेते,मंत्री व विधानसभा अध्यक्ष के लिए आये हेलीकॉप्टर में सवार हुए विधायक
रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 28 जनवरी 2022 (घटती-घटना)। हेलीकॉप्टर था या यात्री वाहन कहीं विधानसभा अध्यक्ष और सांसद उतरीं तो सवार हो गए विधायक आखिरी दम तक सवारियों से खाली नजर नहीं आई हेलीकॉप्टर, रायपुर पहुंचते तक खचाखच सवारियां भरकर दो दिन दौड़ती रही हेलीकॉप्टर, क्या हेलीकॉप्टर नहीं होता तो कई जिलों में ध्वजारोहण ही नहीं होता। उक्ताशय के बयान जारी करते हुए भाजपा किसान मोर्चा जिला कोरिया के उपाध्यक्ष अनिल जायसवाल ने कहा कि देश के 73 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर जिस तरह छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की तरफ से सरगुजा संभाग के कई जिलों में ध्वजारोहण के लिए मुख्य अतिथियों को लेकर निकली हेलीकॉप्टर की स्थिति देखने को मिली उसको देखकर यही लगा कि हेलीकॉप्टर नहीं यह कोई पैसेंजर ट्रेन या यात्री वाहन है और जिसका गंतव्य तो एक है लेकिन उसके स्टॉपेज अनेक हैं और वह हर जगह रुकते रुकते कब गंतव्य तक पहुंचेगा यह तय नहीं है।
वैसे अनिल जायसवाल ने यह भी कहा यह तो हेलीकॉप्टर था और समय पर हर जगह मुख्य अतिथियों को पहुंचा ले गया और ध्वजारोहण सभी जगह समय पर हो गया लेकिन जिस तरह छत्तीसगढ़ में हेलीकॉप्टर में जनप्रतिनिधियों के बैठने का प्रचलन जारी हुआ है उसको देखकर यही लगता है कि हेलीकॉप्टर नहीं होता तो वर्तमान कांग्रेस सरकार के कई जनप्रतिनिधि ध्वजारोहण करने से ही मना कर देते और कई जिलों में ध्वजारोहण ही नहीं होता यह हेलीकॉप्टर प्रेम नेताओं का देखकर जरुर समझ मे आता है। किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष अनिल जायसवाल ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार किसी भी दल की हो नियमानुसार प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मंत्रियों सहित कई अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए हेलीकॉप्टर की अनिवार्यता जहां जरूरी है किसी कार्यक्रम में पहुंचने के लिए वहीं किसी विधायक या राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त किसी जनप्रतिनिधि के लिए हेलीकॉप्टर की सुविधा प्रदान की जाय वह भी ऐसी जगहों में जाने के लिए जहां वह आराम से कम समय मे सड़क मार्ग से भी पहुंच सकते हैं तो ऐसे में ऐसे जनप्रतिनिधि को हेलीकॉप्टर की सुविधा प्रदान करना बिल्कुल गलत है और शासकीय राशि का दुरूपयोग है क्योंकि यह कहीं से सही नहीं कहा जा सकता।
विधायक भी हेलीकॉप्टर में सवार होकर पहुंचे ध्वजारोहण करने
विधानसभा अध्यक्ष सहित क्षेत्रीय सांसद को ध्वजारोहण के लिए बैकुंठपुर छोड़ने पहुंचे हेलीकॉप्टर में सवार होकर ध्वजारोहण करने बलरामपुर जिला जाने मनेंद्रगढ़ विधायक को बैकुंठपुर सलका स्थित हेलीपैड में पहले से मौजूद देखा गया और विधायक हेलीकॉप्टर से ही ध्वजारोहण के लिए रवाना हुए जबकि वह सड़क मार्ग से भी बलरामपुर जा सकते थे, मनेंद्रगढ़ विधायक का हेलीकॉप्टर प्रेम देखते ही बना और वह हेलीकॉप्टर में ही सवार नगरीय प्रशासन मंत्री के साथ बलरामपुर के लिए रवाना हुए जबकि नगरीय प्रशासन मंत्री को सरगुजा में ध्वजारोहण करना था और हेलीकॉप्टर मंत्री जी के लिए ही सरगुजा तक पहुंचा था न कि विधायक के लिए। विधायक मनेंद्रगढ़ हेलीकॉप्टर न होता तो ध्वजारोहण करने ही नहीं जाते अब लोगों का यह भी कहना है।
निर्वाचित होते ही जनप्रतिनिधियों को सुख सुविधाओं की अपनी पूर्ति का ही रहता है ख्याल
लोकतंत्र में जनता ही जनप्रतिनिधियों का चुनाव करती है उन्हें आम से खास बनाती है लेकिन जब जनता के वोटों से कोई चुनाव लड़ रहा व्यक्ति निर्वाचित हो जाता है वह जनता की फिक्र करने की बजाए अपने सुख सुविधाओं को बढ़ाने ज्यादा प्रयासरत रहता है यह आमतौर पर लगातार देखा जाता है। पहले महंगी गाड़ियों का शौख पूरा करने में लग जाते हैं जनप्रतिनिधि उसके बाद सुख सुविधाओं में अपने ही विस्तार करते नजर आते हैं और सबकुछ जुटा ले जाने के बाद भी उनका जी और पाने को लालायित रहता है और वह फिर केवल हवा में ही उड़ना पसंद करते हैं जमीन पर चलना उन्हें पसंद नहीं आता और ना ही उन्हें लोगों और अपने ही मतदाताओं से दूर देखा जाता है ऐसा ही कुछ मनेंद्रगढ़ विधायक का हेलीकॉप्टर प्रेम देखकर भी लगा जब उन्होंने ध्वजारोहण में जाने हेतु हेलीकॉप्टर चढ़ना ही पसंद किया सड़क मार्ग से जाना उन्होंने नापसन्द किया।
जबकि जनप्रतिनिधियों के लिए शासन ने दे रखी है महंगी व लग्जरी गाडय़िां
मंत्री हो या विधायक सभी को शासन द्वारा महंगी व लग्जरी कार मिली हुई है जिससे वह कहीं भी जा सकते हैं इसके बावजूद हेलीकॉप्टर प्रेम गजब का है, आज जनप्रतिनिधियों की चाहत है की वह हेलीकॉप्टर से ही जनता के बीच पहुंचे जिससे उन्हें केवल आत्म संतुष्टि मिल सके, भले ही वह हेलीकॉप्टर में बैठने की पात्रता जिसे नियमानुसार शासकीय अधिकार भी कहा जा सकता है रखते हों या नहीं रखते हों। जिस तरह वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार में शामिल कई विधायकों को हेलीकॉप्टर चढ़ने का शौक लगा हुआ है उसे देखकर तो लगता है छत्तीसगढ़ शासन को कई हेलीकॉप्टर खरीदने पड़ेंगे, जबकि राजनीतिक जानकारों की माने नियमों के जानकारों की माने तो सभी का यही कहना है कि जनप्रतिनिधियों में हेलीकॉप्टर की पात्रता बैठने के संदर्भ में विषय होती है, हेलीकॉप्टर में शासन के हर कोई सफर नहीं कर सकता हेलीकॉप्टर उन्ही के लिए सुविधा प्रदान करने हेतु होता है जिनके पास जनप्रतिनिधि बतौर हेलीकॉप्टर में बैठने की पात्रता होती है और जिनके लिए नियम बने हुए हैं।