जाली एडमिट कार्ड बनाकर दोस्त की जगह परीक्षा देने बैठा छात्र…
पकड़ाया तो बोला…यार फेल होता तो सह नहीं पाता इसलिए उसकी जगह दी परीक्षा…
भिलाई,08 मार्च 2025 (ए)। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्व विद्यालय की सेमेस्टर परीक्षा में शुक्रवार को हंगामा मच गया। बीआईटी दुर्ग में सेमेस्टर परीक्षा का एग्जाम सेंटर था, जहां एडमिट कार्ड को टेम्पर (जाली प्रवेश पत्र) बनाकर एक छात्र परीक्षा देता पकड़ा गया। दरअसल, परीक्षा सुबह 10 बजे से शुरू हुई जिसमें कंप्यूटर साइंस ब्रांच के छात्र हिमांशु कुमार को शामिल होना था, लेकिन उसकी जगह पर दिव्यांशु कुमार पेपर देने पहुंचा।
सुबह 10 बजे उसे परीक्षा केंद्र में प्रवेश दे दिया गया, लेकिन फॉड छात्र के द्वारा बार-बार इधर, उधर देखने पर परीवेक्षक को शक हुआ। छात्र घबराया हुआ था, और बेचैन नजर आ रहा था। इस समय तक दोपहर के 12 बज चुके थे। शक के मद्देनजर निरीक्षण करते हुए परीवेक्षक ने जब उसका प्रवेशपत्र देखा तो उन्हें दाल में काला नजर आया। सीएसवीटीयू एक्जाम पर्यवेक्षक ने मामले को संज्ञान में लेते छात्र को कंट्रोल रूम में बुलाया और कड़ाई से पूछताछ की। खुद को फंसता देख छात्र पहले तो ना-नुकर करने लगा, लेकिन फिर उसने अपना गुनाह कुबूल कर लिया। छात्र ने बताया कि, वह अपने दोस्त के कहने पर उसकी जगह पर परीक्षा देने आया है।
फोटो बदलकर बनाई फेक कार्ड
इसके लिए उसने सीएसवीटीयू के एडमिट के छात्र कंप्यूटर बेस्ड छेड़छाड़ की। हिमांशु की जगह दिव्यांशु कुमार ने अपना फोटो एडिट किया। सीएसवीटीयू एक्जाम एडमिट कार्ड को इस तरह से बनाया कि, उसे पकड़ा न जा सके। बता दें कि, यह छात्र रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज का है, जो सेमेस्टर परीक्षा के लिए बीआईटी दुर्ग में बने परीक्षा केंद्र में एग्जाम दिलाने पहुंचा था।
ऐसे फूटा मुन्नाभाई का भांडा
बीआईटी प्रबंधन ने इस मामले में पद्मनाभपुर थाने में शिकायत दर्ज करा दी है। इसके साथ सीएसवीटीयू को भी मामले की जानकारी दे दी है। कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि, छात्र को परीक्षा कंट्रोल रूम में बुलाने पर वह बेहद घबराया हुआ था। इधर-उधर की बातें कर रहा था। खुद को निर्दोष साबित करने का भी उसने खूब प्रयास किया। मामले को सही तरह से हैंडल करने के लिए बीआईटी ने विद्यार्थी के मूल कॉलेज रूंगटा इंजीनियरिंग से संपर्क किया। रूंगटा कॉलेज से दोनों ही छात्रों के एडमिट कार्ड मांगे गए।
कंट्रोल रूम में की पूछताछ
इससे पहले, परीक्षा केंद्र अध्यक्ष ने परीक्षा हाल पहुंचकर फ्रॉड विद्यार्थी के अगल-बगल बैठकर परीक्षा दिला रहे अन्य छात्रों ने पूछताछ की। यहां अन्य छात्रों ने इसे पहचानने से इनकार कर दिया। दोनों ही सूरत में फ्रॉड छात्र फंसता नजर आया तो उसने खुद ही अपनी असलियत खोलकर रख दी।सीएसवीटीयू एक्जाम बताया कि, उसके दोस्त के कहने पर वह परीक्षा दिलाने आया है। एडमिट कार्ड भी उसने जाली बनाया। दोस्त जैसे-तैसे पास हो जाए इसलिए उसने यह हरकत की।
दो घंटे तक लिखता रहा पेपर
टेम्पेर्ड एडमिट कार्ड से परीक्षा दिलाने वाला छात्र मूलरूप से फरीदाबाद हरियाणा का है। घटनाक्रम के तहत परीक्षा सुबह 10 बजे से शुरू हुई। उसे उत्तरपुस्तिका और प्रश्नपत्र बांटा गया। परीक्षा में दोपहर 1 बजे खत्म होनी थी। इससे पहले 10 से 12 बजे तक यानी दो घंटे तक वह उत्तर लिखता रहा। पहले कक्षवीक्षक को सबकुछ सामान्य लगा, लेकिन बार-बार उसके हावभाव में आने वाले बदलाव को वीक्षक ने परख लिया। दो घंटे बाद उसकी उत्तरपुस्तिका को भी कंट्रोल रूम में मंगवाया गया। जहां उससे प्रश्नपत्र के संबंध में पूछताछ की गई। इसके बाद सीएसवीटीयू के यूनिवर्सिटी अनफेयर मींस यानी यूएफएम के नियम से उसकी उत्तरपुस्तिका और एडमिट कार्ड सहित तमाम तथ्य दस्तावेजों को विश्वविद्यालय भेज दिया गया है।इस प्रकरण में दोषी छात्र के खिलाफ यूएफएम के तहत कार्रवाई होगी। छात्र द्वारा किए गए कृत्य की पूरी जानकारी लेने के बाद नियम से कार्रवाई होगी। जांच के लिए परीक्षा केंद्र से अभिलेख मांगे गए हैं। नियम से छात्र को परीक्षा से वंचित किया जा सकता है।
अंकित अरोरा, कुलसचिव, सीएसवीटीयू
एक ही कॉलेज के छात्र हैं। वह अपने दोस्त की जगह पर परीक्षा दिलाने की शिकायत बीआईटी दुर्ग प्रबंधन ने किया है। मामले में जांच जारी है।
केशव कोसले,
टीआई, पद्मनाभपुर थाना
