ठंड में ठिठुरते हुए सडक़ पर गुजारी रात
प्रयागराज 28 जनवरी 2022 (ए)। प्रयागराज के बघाड़ा इलाके में मंगलवार शाम प्रतियोगी छात्रों के प्रदर्शन के बाद पुलिस ने लॉज के कमरों में घुसकर क्रूरता से पीटा था। पुलिस की इस कार्रवाई का डर छात्रों पर तीन दिन बाद भी बना हुआ है। लॉजों के ज्यादातर कमरों में ताला लटका हुआ है। दूर-दराज के इक्का-दुक्का छात्र ही कमरों में अंदर से ताला बंद कर डर-सहमे, दुबके हुए हैं। पुलिस ने जिस क्रूरता से कमरों से छात्रों को बाहर घसीटकर पीटा था, उस मंजर को याद कर छात्रों की रूह कांप जाती है।
छोटा बघाड़ा मिश्रा लॉज में रहने वाले बिहार के विनीत यादव ने बताया कि टीजीटी-पीजीटी की तैयारी करते हैं। मंगलवार शाम वह कमरे में थे। अचानक बाहर शोरगुल मचा। वह डर गए। लगभग आठ-दस पुलिस वाले आए और कमरे का दरवाजा लाठी और बूटों से पीटकर तोडऩे लगे। खिड़कियों के कांच तोड़ दिए गए। कुछ कमरों का दरवाजा तोड़ दिया गया और छात्रों को बर्बर तरीके से पीटा गया। चीख पुकार सुनकर तख्त को दरवाजे से सटाकर चुपचाप नीचे छिपे रहे। आधे घंटे सन्नाटा पसरा रहने के बाद साथियों से फोन पर पता किया और चुपचाप सहपाठी के साथ माघ मेला क्षेत्र में निकल गए। रात भर मेले में घूमते रहे। सुबह भी वह कमरे पर आने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। शाम को जब साथियों से पता चला कि एसएसपी आए थे और उन्होंने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की है और आश्वासन दिया है कि किसी छात्र को परेशान नहीं किया जाएगा। तब वह कमरे पर आए।
लॉज के कमरों में रुके हुए छात्र बाहर जरा सी भी आहट पर सहम उठते हैं। वह कमरे से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। इन छात्रों का कहना है कि घर दूर होने और शहर में दूसरा कोई ठिकाना न होने के कारण लॉज में रुकने की मजबूरी है। वरना इस माहौल में वह भी ताला बंद कर चले जाते और माहौल सामान्य होने पर ही लौटते।
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