नई दिल्ली,28 फरवरी 2025 (ए)। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी की रात हुई भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बड़ा मामला सामने आया है। आनंद लीगल एड फोरम ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दावा किया कि इस हादसे में 200 लोगों की मौत हुई है, जबकि रेलवे प्रशासन के मुताबिक 18 लोगों की जान गई थी। इस पर अदालत ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए साक्ष्य पेश करने का निर्देश दिया और बिना सबूत लगाए गए दावों को खारिज कर दिया।
सीबीआई जांच की मांग पर कोर्ट की प्रतिक्रिया
याचिकाकर्ता ने रेलवे अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी और अदालत से अनुरोध किया कि अस्पतालों व स्टेशन के सभी सीसीटीवी फुटेज संरक्षित किए जाएं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बिना पुख्ता प्रमाण के ऐसे दावे नहीं किए जा सकते। यदि 200 लोगों की मौत का दावा किया जा रहा है, तो सबूत लाएं। इसके बाद कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
इस हादसे को लेकर जारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसारः-
@15 लोगों की मौत दम घुटने से हुई।
@2 लोगों की मौत हेमोरेजिक शॉक (रक्तस्रावजनित आघात) के कारण हुई, जो सीने पर गहरी चोट लगने से होता है।
@1 व्यक्ति की मौत सिर पर अधिक दबाव पड़ने से हुई।
न्यायालय का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि इस हादसे से प्रभावित लोगों को कोई शिकायत है, तो वे स्वयं अदालत में अपील कर सकते हैं। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि बिना पर्याप्त प्रमाणों के आरोप लगाना सही नहीं है और याचिका को खारिज कर दिया।
रेलवे प्रशासन पर उठ रहे सवाल
रेलवे प्रशासन के आधिकारिक आंकड़ों पर कई संगठनों द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल सुप्रीम कोर्ट्र ने रेलवे की रिपोर्ट को ही मान्यता दी है और याचिकाकर्ता को पर्याप्त सबूत पेश करने को कहा है।
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