कोरिया@क्या जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस का एक गुट कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी को हराने के लिए कर रहा मेहनत?

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-रवि सिंह-
कोरिया,21 फरवरी 2025 (घटती-घटना)। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का अंतिम चरण 23 फरवरी को संपन्न हो जाएगा,जिसे लेकर कोरिया जिले में जिला पंचायत क्षेत्र के 10 सीटों में से 8 सीटों के लिए मतदान 23 फरवरी को होना है, दो सीटों पर पहले चुनाव हो चुका है जिसमें एक में भाजपा तो एक में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी को जीत मिली है, बचे आठ जिला पंचायत सीटों पर चुनाव को लेकर घमासान जारी है, इन आठ सीटों में से चार सीट काफी हाई प्रोफाइल हो चुके हैं कई मामलों में इन सीटों पर दोनों प्रत्याशियों की जीत उनकी राजनीतिक सफर को आगे बढ़ाएगा जो जीतेगा उसका राजनीतिक सफर आगे बढ़ेगा, जिसे लेकर भीतरघात होने की भी संभावना बढ़ गई है, सबसे अधिक यदि कोई सीट संवेदनशील है तो वह सीट है क्षेत्र क्रमांक 3, क्षेत्र क्रमांक 4 ,क्षेत्र क्रमांक 5 क्षेत्र क्रमांक 6 व क्षेत्र क्रमांक 10। क्षेत्र क्रमांक 4 में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी बिहारी लाल राजवाड़े जो पूर्व विधायक की पसंद के प्रत्याशी माने जाते हैं, वहीं भाजपा से विनोद साहू है भाजपा समर्थित प्रत्याशी जो पूर्व जिलाध्यक्ष के पसंद के प्रत्याशी माने जाते हैं, इन सीटों की बात की जाए तो इन दोनों सीट पर स्थिति काफी गंभीर है भाजपा समर्थित प्रत्याशी के सामने भाजपा का ही पदाधिकारी कार्यकर्ता व्यक्ति ही निर्दलीय मैदान में है तो वहीं कांग्रेस के साथ भी स्थिति कुछ ऐसी ही है वहां पर भी कांग्रेस पार्टी से सम्बद्ध एक प्रत्याशी मैदान में है और यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर सबसे अधिक प्रत्याशी है अब ऐसे में समर्थित प्रत्याशियों की जीत काफी कठिन हो गई है, पर प्रत्याशी मेहनत कर रहे हैं अपनी जीत सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं पर अब जनता किसे अपना आशीर्वाद देती है यह तो 23 तारीख के चुनाव के बाद जो परिणाम आए गए वह तय करेंगे, पर वहीं कांग्रेस प्रत्याशी जो क्षेत्र क्रमांक 4 से लड़ने के लिए काफी उत्सुक थे, वह नहीं चाह रहे थे कि शुक्ला परिवार से कोई प्रत्याशी तय हो, पर अब जब वह खुद प्रत्याशी तय हो गए हैं तो अब उन्हें जीतने के लिए शुक्ला परिवार की मदद की आवश्यकता है अंतिम समय में प्रचार करने के लिए कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी रनई जमीदार के पास जा पहुंचे हैं और उनसे अनुमति लेकर रनई की जनता के पास पहुंचे, ताकि रनई की जनता उन पर अपना आशीर्वाद बरसा सके पर यह आशीर्वाद कितना बरसेगा यह परिणाम के बाद पता चलेगा, वैसे उस दरबार पर पहुंचना प्रत्याशी के लिए उतना ही जरूरी था क्योंकि यह दरबार कहीं ना कहीं जीत सुनिश्चित करने व जीत छिनने के लिए जाना जाता है।

क्षेत्र क्रमांक 5 व 6 में एक समाज को बरगलाने की साजिश
चुनाव साम दाम दंड भेद का कहलाने लगा है,जीत के लिए हर षड्यंत्र आजमाएं जाते हैं इस बार भी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 5 व 6 में कुछ ऐसी ही स्थिति है, सूत्रों का दावा है कि पैकरा समाज यह कह रहा है कि यदि वर्तमान विधायक भाजपा समर्थित प्रत्याशी के पास प्रचार में नहीं पहुंचेंगे तो क्षेत्र क्रमांक 5 में पैकरा समाज भाजपा प्रत्याशी यानी कि वर्तमान विधायक की बेटी का समर्थन नहीं करेगा,अब यह हवा में उड़ती हुई बात है, इसकी सच्चाई कितनी है इसकी पुष्टि तो हम नहीं करते, पर यह धुंआ उठ गया है जो चुनाव के परिणाम को प्रभावित कर सकता है। वैसे कहा जाए तो क्षेत्र क्रमांक 6 के भाजपा समर्थित प्रत्याशी वर्तमान विधायक की ही पसंद है, उन्होंने अपनी पसंद से ही वहां पर उन्हें टिकट दिलाया था, उसके बावजूद भी यह धुंआ कहीं ना कहीं लैकमेल करने वाला धुआं माना जा रहा है, जबकि उन क्षेत्रों का दौरा करने के लिए संगठन है पर विधायक का जाना वहां पर इसलिए अनिवार्य किया जा रहा है, ताकि चुनाव में कंट्रोवर्सी पैदा किया जा सके। क्षेत्र क्रमांक 5 में वर्तमान विधायक की बेटी का चुनाव जीतना भी काफी अहम है और महत्वपूर्ण भी है, वहां पर भी कांग्रेस प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए पूर्व विधायक का आगमन हो चुका है आम सभा व बैठक ना करके साइलेंटली तरीके से उनका काम अपने प्रत्याशी के लिए किया जा रहा है, और इस प्रचार के दौरान कुछ दुष्प्रचार भी साथ में हो जा रहे हैं, अभी कांग्रेस के पूर्व विधायक आमसभा नुक्कड़ सभा से लेकर फोटोशूट से दूर अपने प्रत्याशी के लिए प्रचार करती दिख रही है। पर अभी तक अपने प्रत्याशी के लिए उस प्रकार से प्रचार नहीं दिखा जो आज तक चुनाव में दिखता है। कहीं ना कहीं सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी को विधायक के दावेदार के लाइन से हटाने के लिए षड्यंत्र के साथ उनकी हार सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस का एक गुट पूरी तरीके से लगा हुआ है।

क्या वेदांती तिवारी की बैलगाड़ी फंस जाएगी कांग्रेसियों के भीतरघात की वजह से?
दो बार के विधायक प्रत्याशी व एक बार के जिला पंचायत सदस्य व उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी दूसरी बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रहे हैं, पहली बार इन्हें जिला पंचायत सदस्य के चुनाव लड़ने से रोका जा रहा था कांग्रेस अपना समर्थित प्रत्याशी मानने से मना कर चुकी थी, जिस वजह से उन्हें निर्दल ही अपने जन आधार को साबित करने के लिए मैदान में उतरना पड़ा था, उस समय भी उनका चुनाव चिन्ह बैलगाड़ी छाप ही था, यह चुनाव 2020 में हुआ था अब 5 साल बाद यह चुनाव फिर 2025 में हो रहा है इस बार कांग्रेस ने उन्हें अपना समर्थित प्रत्याशी बना लिया है अब यह क्यों हुआ है इसका तो आकलन करना मुश्किल है पर षड्यंत्र की इसमें बु आ रही है यह तो तय है। प्रत्याशी द्वारा खुलकर कांग्रेस से प्रत्याशी होने के लिए मांग नहीं की गई थी पर फिर भी कांग्रेस ने उन्हें अपना समर्थित प्रत्याशी मानकर सूची जारी कर दी, अब प्रत्याशी सूची जारी होने के बाद वेदांती तिवारी जो इस समय कोरिया जिले के जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 6 से चुनाव लड़ रहे हैं वहां पर उन्हें हार मिले इसलिए भीतरघात हो रहा है ऐसी खबरें मिल रही हैं, प्रत्याशियों के प्रचार करने के लिए आमसभा पर ना तो जिलाध्यक्ष पहुंच रहे हैं और ना ही पूर्व विधायक पहुंच रही हैं पर प्रचार घर-घर जाकर दुष्प्रचार में बदल रहा है, यह बात अब सुलगते हुए धुएं के साथ उठने लगी है। वेदांती तिवारी की हार इसलिए भी कांग्रेसियों के लिए जरूरी है क्योंकि अगले बार विधानसभा में एक विधायक प्रत्याशी कम किया जा सके यह लक्ष्य है त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का? वेदांती तिवारी की जीत उनकी खुद की व्यावहारिकता व उनके क्षेत्र में किए गए कार्यों पर आधारित है वैसे 5 वर्ष में उन्होंने अपने क्षेत्र के लिए कुछ खास नहीं किया यह भी उनके लिए इस चुनाव में समस्या बन रहा है पर क्यों नहीं किया यह भी किसी से छुपा नहीं है। यह सीट कुछ इस प्रकार से हो गई है जैसे ढाई ढाई साल के कार्यकाल खत्म होने के बाद कोई नेताओं की नहीं सुन रहा था विधायकों की नहीं सुन रहा था अपने समर्थकों की नहीं सुन रहा था वैसा ही साल कुछ वेदांती तिवारी का भी जिला पंचायत उपाध्यक्ष में रहते हुए रहा।
एक तीर से तो निशाना लगाने की फिराक में भाजपा व कांग्रेस दोनों?
जिला पंचायत चुनाव को बचाने के लिए और दिग्गज नेताओं की साख बचाने के लिए दोनों तरफ से प्रयास जारी है जहां क्षेत्र क्रमांक 6 में कांग्रेस कांग्रेस प्रत्याशी को हराना चाहती है तो वहीं क्षेत्र क्रमांक 5 में भाजपा भाजपा प्रत्याशी को हराने में लगी हुई है। भाजपा से 2028 का ख्वाब देखने वाले क्षेत्र क्रमांक 5 के प्रत्याशी को हराकर वर्तमान विधायक की लोकप्रियता पर पूर्णविराम लगाना चाह रहे हैं, ताकि एक समाज की राजनीति आगे भी ना चल सके। वहीं कांग्रेस का भी विचार कुछ ऐसा ही है जहां तक अपने प्रतिद्वंदी को चुनाव हराकर विधायक के रेस से बाहर कर सकें ताकि 2028 के विधानसभा चुनाव में विरोधियों की संख्या कम हो सके। वैसे विधायक भी केवल क्षेत्र क्रमांक 5 में और 2 में ज्यादा ध्यान लगाए हुए हैं, उन्हें भी भाजपा समर्थित अन्य से कोई सरोकार नजर नहीं आ रहा है।
रनई जमीदार के लिए कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी को जनपद पंचायत 10 से जितवाना हुआ काफी महत्वपूर्ण
रनई जमींदार के लिए इसबार जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक 10 से अपना प्रत्याशी कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी जिताना काफी महत्वपूर्ण हो गया है। रनई जमींदार के लिए यह समस्या खड़ी हो गई है कि पहली बार रनई गांव से ही कोई प्रत्याशी भाजपा समर्थन से चुनाव लड़ रहा है वहीं कांग्रेस का समर्थित उम्मीदवार कोई और है ऐसे में रनई जमींदार किसे मदद पहुंचाएं यह उनके लिए दिक्कत वाली बात हो गई है। भाजपा समर्थित को जिताने पर रनई की परम्परा टूटेगी और गैर कांग्रेसी को समर्थन गांव का मिल सकेगा वहीं यदि कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी हार जाता है तब भी रनई ग्राम का इतिहास बदलता नजर आएगा ऐसे में वह किसका साथ दें यह उनके लिए समस्या है। वैसे भाजपा समर्थित प्रत्यासी रनई गांव से इस बार मत अधिक प्राप्त करेगा क्योंकि उसका गांव है रनई और उसके परिवार समाज से ही ज्यादा लोग हैं गांव में जो उसे ही मतदान करेंगे यह तय नजर आ रहा है,जो जमींदार परिवार के लिए एक दिक्कत है कांग्रेस समर्थित को रनई से अच्छी बढ़त दिलाने के लिए।


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