- क्या विवाद को सुलझाने के लिए मुस्लिम समाज अपने समाज के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी का साथ देगा?
- वैसे ऐसी अफवाह फैली हुई है कि धार्मिक व सामाजिक वर्षों पुरानी मस्जिद के पास का जमीन विवाद सुलझ गया है पर अभी तक अधिकृत बयान किसी का नहीं आया है
- क्या विवाद सुलझने से कांग्रेस को होगा नुकसान और मुस्लिम प्रत्याशी को मिलेगा इसका लाभ?
- यदि विवाद सुलझता है तो क्या यह चुनाव होगा उसका चश्मदीद गवाह?
- यदि पुराना विवाद मुस्लिम समाज का सुलझता है तो पटना का प्रथम नगर पंचायत चुनाव हमेशा याद रखा जाएगा
-रवि सिंह-
कोरिया/पटना,09 फरवरी 2025 (घटती-घटना)। नवीन नगर पंचायत पटना चुनाव के दौरान इस समय एक बात बहुत तेजी से फैल रही है कि मुस्लिम समाज के एक निर्दलीय प्रत्याशी के लिए वर्षों पुराना मस्जिद के पास का जमीन विवाद मुस्लिम समाज के द्वारा आपस में सुलझा लिया गया है, अब यह अफवाह है या फिर चुनावी रणनीति यह तो अंदरखाने की बात है, पर इस मामले में अभी तक कोई भी मुस्लिम समाज के द्वारा अधिकृत बयान नहीं आया है जिस वजह से इस मामले को अफवाह का नाम भी दिया जा रहा है, पर वही अंदरखाने में यह सारी बात हो गई है यह भी सूत्रों का दावा है। वैसे यदि यह बात सही है तो फिर पटना का प्रथम नगर पंचायत चुनाव इस मुद्दे के लिए हमेशा याद रखा जाएगा, जहां लंबे समय से यह विवाद सुलझ नहीं पा रहा था जो मुस्लिम समाज और एक मुस्लिम परिवार के बीच का था, वहीं प्रथम नगर पंचायत पटना चुनाव में अपने ही समाज के प्रत्याशी को समर्थन देने के लिए पूरा समाज मिलकर इस मामले को सुलझा लिया है तो अच्छा ही है, कम से कम यह चुनाव कुछ तो अच्छा करके दिखा रहा है, वैसे भी मामला एक समाज व धर्म से जुड़ा हुआ था जिसके लिए यह चुनाव हमेशा याद रखा जाएगा, इसका नुकसान सिर्फ किसी को हो रहा है तो राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस को हो रहा है पर वही समाज के लिए यह एक अच्छा संदेश भी जा सकता है, क्योंकि मामला एक समाज के धर्म से जुड़ा हुआ है इसलिए इसमें कोई बुराई भी नहीं मानी जा रही, अब यह मामला कब साफ होगा इसका तो पता नहीं पर परिणाम यदि कांग्रेस के हाथ से खिसकता है और मुस्लिम समाज के प्रत्याशी की तरफ जाता है तो यह बात तय हो जाएगी कि मामला मस्जिद वाला विवाद का अंदरखाने से खत्म हो चुका है।
अफवाह फैलने के बाद भी मुस्लिम समाज का कोई भी अधिकृत बयान आया नहीं
पटना का कई दशकों पुराना मस्जिद जमीन विवाद सुलझा लिया गया है यह बात अभी जनचर्चा का विषय है पटना में…वैसे इस बात की सच्चाई का पता अभी तक इसलिए नहीं चल पा रहा है क्योंकि बताया जा रहा है कि मुस्लिम पक्ष का कोई अधिकृत बयान इसको लेकर नहीं सामने आया है। वैसे मुस्लिम समुदाय मस्जिद मामले में खासकर जमीन मामले में समझौता कर सकता है यदि सौहार्दपूर्ण माहौल में सब तय होगा ऐसा भी सूत्रों का कहना है।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के समर्थित अध्यक्ष प्रत्याशी के पति ने इसे बताया अफवाह
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के समर्थित प्रत्याशी के पति ने इसे अपवाह बताया। उनका कहना है कि मस्जिद विवाद सुलझा लिया गया है चुनाव के दरम्यान यह बात केवल अफवाह मात्र है। उनका कहना है कि यदि ऐसा कुछ होता और कोई समझौता हुआ होता निश्चित ही बात उजागर हुई होती और ऐसा मानकर चलना गलत है।
हिंदू मतदाता जातियों में और आपसी वर्चस्व में उलझे रह गए?
क्या यह जनचर्चा सही है कि हिन्दू मतदाता आपस में ही उलझ कर जातियों में बंटकर रह गए हैं?अब इसको लेकर भी कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी वैसे यदि मुस्लिम मतदाता एकजुट हुए और उनका ध्रुवीकरण सही मायने में हुआ निश्चित ही हिन्दू मतों का भी ध्रुवीकरण होगा। वैसे हिन्दुओं को लेकर उनकी एकता एकजुटता को लेकर यह कहना जल्दबाजी होगी कि वह एकजुट होंगे या एकपक्ष में जाकर वह मतदान करेंगे।
आज हो सकती है समझौते को लेकर न्यायालयीन कार्यवाहीःसूत्र
आज बताया जा रहा है कि मस्जिद विवाद को सुलझाया जायेगा और न्यायालय में बयान दर्ज होगा। वैसे यह सूत्रों का दावा है घटती घटना की पुष्टि न मानी जाए वहीं बताया जा रहा है कि आज न्यायालय की कार्यवाही बयान दर्ज होने वाली के बाद मस्जिद विवाद इस शर्त पर खत्म हो जाएगा कि मुस्लिम प्रत्याशी अध्यक्ष पद के को ही मुस्लिम मतदाता मतदान करेंगे।
ये है फैली हुई अफवाह
पटना नगर पंचायत चुनाव अब काफी रोचक होता जा रहा है। नगर पंचायत के लिए पहली बार हो रहे चुनाव के प्रचार का अब अंतिम दौर है और इसी दौरान सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर यह निकलकर आ रही है कि मुस्लिम प्रत्याशी को अध्यक्ष पद में जीत दिलाने के लिए मुस्लिमों ने आपस में एक 50 साल से पुराना मस्जिद जमीन विवाद सुलझा लिया है जिसमें मुस्लिम पक्ष से प्रत्याशी का ही पटना के सभी मुस्लिमों से विरोध था क्योंकि प्रत्याशी परिवार मस्जिद की जमीन पर 50 साल से मस्जिद को पूर्ण आकार नहीं लेने दे रहा था। अब पटना में जहां मुस्लिम वोटो का ध्रुवीकरण तय हो गया वहीं अब कांग्रेस को इसका नुकसान होना भी तय है क्योंकि मुस्लिम समुदाय का वोट कांग्रेस को जाता यदि ऐसा कोई मामला सामने न होता वहीं माना यह जा रहा है सूत्रों का दावा भी है कि मुस्लिम समुदाय ने प्रथम नगर पंचायत अध्यक्ष मुस्लिम प्रत्याशी हो यह ठान लिया है वहीं इसकी सत्यता की पुष्टि दैनिक घटती घटना नहीं करता यह केवल सूत्रों का दावा है।
क्या हिंदू मुस्लिम करने का है राजनीतिक प्रयास?
वहीं हिन्दू वोटों का बंटना भी तय है और लगभग यह माना जा रहा है कि मुस्लिम पक्ष अपने विवाद के सुलझाने की बात को बाहर नहीं आने देना चाहता है जिससे मुस्लिम प्रत्याशी की जीत दर्ज हो सके। बता दें कि पटना में मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में नहीं हैं लेकिन यदि उनका ध्रुवीकरण हुआ एकतरफा तो हिन्दू मतदाताओं का अलग अलग बंटकर मतदान करना मुस्लिम प्रत्याशी के लिए फायदेमंद होगा। वैसे चुनाव में भाजपा प्रत्याशी काफी मजबूत हैं वहीं वह काफी अनुभवी हैं चुनाव मामले में लेकिन मुस्लिम ध्रुवीकरण उनके लिए भी खतरा बन सकता है। वैसे हिंदू मतदाताओं का ध्रुवीकरण दिल्ली के चुनाव में एकतरफा हुआ और जातियों में वह नहीं बटा तब भाजपा प्रत्याशी बड़ी जीत दर्ज कर सकती हैं। कुल मिलाकर अब ध्रुवीकरण का खेल जारी है और देखना है कि केवल मुस्लिम मतदाता एकजुट होते हैं या हिंदू मतदाता भी अपनी एकता उजागर करते हैं?
क्या है 50 साल पुराना मस्जिद विवाद मामला?
पटना में 50 सालो पुराना मस्जिद विवाद क्या है को लेकर जब जानने की कोशिश की गई तब पता चला कि जिस परिवार से अध्यक्ष पद की निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं उस परिवार की जमीन मस्जिद से लगी हुई जमीन है और कुछ हिस्सा मस्जिद का भी उनकी ही जमीन पर है जिसमें निस्तार की भी जमीन शामिल है जहां से निस्तार अभी बंद है और इस विवाद को आपस में सुलझाया गया है मुस्लिम पक्षों द्वारा यह बताया जा रहा है या ऐसा हल्ला है।
क्या मुस्लिम समाज के प्रत्याशी की तरफ पूरे समाज का जाना कांग्रेस के लिए नुकसानदायक होगा?
मस्जिद विवाद सुलझने के बाद अब मुस्लिम अध्यक्ष पद प्रत्यासी को मुस्लिम वोटो का मिलना तय नजर आ रहा है यदि इस बात में सच्चाई है वहीं सवाल यह उठता है कि क्या फिर कांग्रेस को नुकसान होने वाला है। कांग्रेस के प्रति मुस्लिम समुदाय का झुकाव ज्यादा रहता है और यदि निर्दलीय प्रत्याशी के पक्ष में मुस्लिम मतदाता जाते हैं तो यह माना जाएगा कि नुकसान कांग्रेस प्रत्याशी को ही होगा।