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अम्बिकापुर@युवक की निजी अस्पताल में हुई मौत

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परिजन ने जमकर किया हंगामा,युवक के पैर में जख्म होने पर कराया गया था भर्ती

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अम्बिकापुर 24 जनवरी 2022 (घटती-घटना)। शहर के बनारस रोड स्थित गायत्री अस्पताल में भर्ती एक युवक की इलज के दौरान मौत हो गई। युवक की मौत के बाद परिजन ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। परिजन का आरोप है कि युवक को पैर में जख्म था और उसकद्म स्वास्थ्य ठीक था अचानक उसकी मौत कैसे हो गई। वहीं इलाज कर रहे चिकित्सक रितेश गुप्ता का कहना है कि युवक नशेड़ी प्रवृत्ति का था। रविवार की रात तक ठीक था। अचानक तबियत बिगडऩे पर उसे शहर के एकता अस्पताल में आईसीयू में लाया गया। तब तक उसकी मौत हो गई। मौत का कारण चिकित्सक ने हृदयाघात बताया है। वहीं सुबह 8 बजे से मृतक का शव एकता अस्पताल में पड़ा था। परिजन शव लेने से इंकार कर दिया है।
जानकारी के अनुसार विनोद सोनवानी पिता पितांबर सोनवानी उम्र 28 वर्ष सूरजपुर जिले के बिश्रामपुर थाना क्षेत्र के ग्राम सतपता का रहने वाला था। कुछ दिन पूर्व उसके पैर में चोट लगने से जख्म हो गया था। परिजन ने उसे इलाज के लिए शहर के बनारास मार्ग पर स्थित गायत्री अस्पताल में भर्ती कराया था। उसका इलाज गायत्री अस्पताल के संचालक डॉ. रितेश गुप्ता की निगरानी में चल रही थी। रविवार की रात तक विनोद की स्थिति नॉर्मल थी। परिजन का कहना है कि रात को उसे चार इंजेक्शन लगाए गए। इसके बाद से उसकी तबियत बिगड़ गई। सोमवार की अल सुबह चिकित्सक द्वारा अस्पताल में उसका इसीजी कराया गया, रिपोर्ट में इसीजी डेड बताया। इसके बाद डॉ. रितेश गुप्ता मरीज को उसके पिता व मां के साथ गंभीर स्थिति में एकता अस्पताल ले गए। यहां जांच के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया गया।

परिजन ने लगाया लापरवाही का आरोप

मृतक के पिता पितांबर सोनवानी व भाई मनोज सोनवानी ने आरोप लगाया है कि पैर के जख्म होने पर उसे भर्ती कराया गया था। उसकी तबियत भी ठीक थी। अचानक उसकी मौत कैसे हो गई। परिजन ने चिकित्सक पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजन का कहना है कि उसे गायत्री अस्पताल से एकता अस्पताल क्यों ले जाया गया। जबकि मरीज रविवार की देर रात तक उसकी तबियत ठीक थी। युवक की मौत के बाद परिजन में आक्रोश है। गायत्री अस्पताल के बाहर परिजन काफी संख्या में सुबह से खड़े रहे। मृतक के भाई का कहना था कि मैंने अपने भाई को इलाज के लिए गायत्री अस्पताल में भर्ती कराया था। उसे एकता अस्पताल में क्यों ले जाया गया। परिजन ने शव लेने से इंकार कर दिया। सुबह से शाम तक शव एकता अस्पताल में ही पड़ा रहा। इधर सूचना पर गांधीनगर पुलिस ने भी गायत्री अस्पताल पहुंच कर मामले की जांच की और परिजन को शव का पीएम कराने की बात कही। काफी समझाइश के बाद परिजन शव का पीएम कराने के लिए राजी हुए। संभवत: शव का पीएम मंगलवार को कराया जाएगा।

मौत का कारण चिकित्सक ने बताया हृदयाघात

इधर परिजन के डर से गायत्री अस्पताल के संचालक डॉ. रितेश गुप्ता एकता अस्पताल में ही दोपहर तक रूके रहे। डॉक्टर रितेश गुप्ता का कहना है कि मरीज को 19 जनवरी को भर्ती कराया गया था। उसके पैर में जख्म था और मवाद भरा हुआ था। रविवार की रात तक मरीज पूरी तरह स्वस्थ था। डॉक्टर का कहना है कि मरीज का इलाज मेरे अस्पताल में पिछले एक वर्ष से चल रहा है। वह हर तरह का नश का आदी था। उसे कई बार बाहर इलाज कराने की सलाह दी गई थी। डॉ. रितेश गुप्ता का कहना है कि हम लोग नहीं चाहते की किसी मरीज की मौत हो। विनोद की स्थिति ठीक थी। अचानक उसकी तबियत बिगड़ जाने पर उसे आईसीयू में भर्ती कराने एकता अस्पताल में लाया गया था। रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। मौत का कारण चिकित्सक ने हृदयाघात बताया है।


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