नई दिल्ली, 06 फ रवरी2025 (ए)। सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि किसी महिला को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के तहत अपने दूसरे पति से गुजारा भत्ता पाने का अधिकार है, भले ही उसकी पहली शादी कानूनी रूप से समाप्त न हुई हो।अदालत ने स्पष्ट किया कि कानूनी रूप से तलाक का औपचारिक डिक्री आवश्यक नहीं है। यदि महिला और उसका पहला पति आपसी सहमति से अलग हो गए हैं, तो कानूनी तलाक की अनुपस्थिति उसके दूसरे पति से गुजारा भत्ता पाने के अधिकार को प्रभावित नहीं करती।
न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि महिला को राहत मिलनी चाहिए और तेलंगाना हाईकोर्ट द्वारा उसे गुजारा भत्ता देने से इनकार करने का आदेश रद्द कर दिया।
