बैकुंठपुर/पटना,@जिनकी पत्नी को पूर्व विधायक पटना नगर पंचायत का कांग्रेस से अध्यक्ष प्रत्याशी बनाने की लड़ रही थी लड़ाई…उन्हीं का पार्टी से निष्कासन वह नहीं रोक पाईं?

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-रवि सिंह-
बैकुंठपुर/पटना,05 फरवरी 2025 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के नवीन नगर पंचायत पटना में पहली बार हो रहे चुनाव की सरगर्मी इतनी तेज होती जा रही है बगावत करने वाले पार्टी कार्यवाही का शिकार भी हो रहे हैं, वर्तमान में जिला कांग्रेस कमेटी कोरिया के जिलाध्यक्ष द्वारा पटना नगर पंचायत में पार्टी के विरुद्ध जाकर निर्दलीय पार्षद प्रत्याशी बनकर चुनाव लड़ने वाले तीन कांग्रेसियों को निष्कासित किया गया है, वहीं एक को इसलिए निष्कासित किया गया है क्योंकि उसने अपनी पत्नी को अध्यक्ष पद के लिए निर्दल खड़ा किया है, वहीं इसमें से एक कांग्रेसी ऐसे हैं जिनकी पत्नी को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाने के लिए ऊपर तक नाम भेजा गया था, स्थानीय कांग्रेस से वहीं पूर्व विधायक उनकी पत्नी को टिकट दिलाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दी थी, पर अंततः उनका टिकट तय नहीं हो पाया और उनके पति अब जाकर दूसरे वार्ड से निर्दलीय पार्षद का नामांकन भरकर चुनाव मैदान में उतर चुके हैं, पर वही पार्टी ने उन्हें निष्कासित भी कर दिया है, अब ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि जिसके लिए पूर्व विधायक कांग्रेस प्रत्याशी बनाने के लिए केवल आगे थी क्या वह निष्कासन से उन्हें बचा नहीं पाई? या फिर दूसरे पार्टी में जाने के लिए उन्हें यह रास्ता मिल गया? माना ऐसा जा रहा है कि निष्कासन कहीं ना कहीं अमित पांडे के लिए भाजपा में जाने का रास्ता साफ कर दिया है, वैसे निष्कासित होने वाले में रियाज कुरेशी, अमित पाण्डेय, अब्दुल इंसार, वाहिद खान है, यह चारों कांग्रेस के सच्चे सिपाही माने जाते थे पर अचानक पार्टी विरोधी कार्य करने की वजह से उन्हें निष्कासन की कार्यवाही से जूझना पड़ रहा है अब ऐसे में उनके लिए आगे का रास्ता क्या होगा यह भी देखने वाली बात होगी। वैसे ऐन चुनावी दौर में जब एक एक वोट की लड़ाई प्रत्याशी और पार्टी लड़ रहे हैं यह निष्कासन नुकसानदायक होगा पार्टी और प्रत्याशी के लिए ऐसा माना जा रहा है क्योंकि निष्कासित सभी जनाधार रखते हैं जो अब कहां जाएगा तय नहीं है। वैसे अध्यक्ष पद सहित पार्षद पद की लड़ाई लड़ रहे निष्कासित चारों कांग्रेसी अब स्वतंत्र हैं और वह तभी मान चुके थे अपना निष्कासन जब उन्होंने पार्टी से बगावत करके नामांकन निर्दल बतौर किया था। अब कांग्रेस का जिला संगठन चार लोगों के निष्कासन के बाद यह मानकर चल रहा है कि अब उन्हें बगावती लोगों से कोई लेना देना नहीं है जबकि वह यह भूल रहे हैं कि बगावती उनके लिए मुश्किल बन सकते हैं।
पूर्व विधायक बैकुंठपुर के खास समर्थक थे अमित पाण्डेय,पत्नी की दावेदारी लिए उनके पूर्व विधायक थीं प्रयासरत,हुआ निष्कासन
अमित पाण्डेय पूर्व विधायक बैकुंठपुर के खास समर्थक माने जाते थे।उनकी पत्नी के पटना नगर पंचायत अध्यक्ष पद की दावेदारी के लिए पूर्व विधायक ही सबसे ज्यादा प्रयासरत थीं ऐसा माना जा रहा था वहीं उनकी पत्नी की दावेदारी जब समाप्त हुई उन्होंने पार्षद पद के लिए वार्ड क्रमांक 15 से निर्दलीय दावेदारी प्रस्तुत कर दी वहीं उनकी निर्दलीय पार्षद पद की दावेदारी से ही पार्टी ने उन्हें छः साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया।वैसे जो अध्यक्ष पद का दावेदार था उसे पार्षद का भी मौका पार्टी ने नहीं दिया और अंत में जब वह निर्दल मैदान में कूदा उसका निष्कासन कर दिया पार्टी से।
रियाज कुरैशी पहले से थे ठान चुके,पत्नी को बनाएंगे अध्यक्ष पद का निर्दलीय दावेदार,अंत में हुए पार्टी से बाहर
रियाज कुरैशी भी कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता थे।उनका पहले से मन बन चुका था कि वह पत्नी को अध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय चुनावी मैदान में उतारेंगे यदि अध्यक्ष पद का आरक्षण अनारक्षित महिला के लिए आरक्षित होता है हुआ भी वैसा ही उन्होंने अपनी पत्नी को सीधे निर्दलीय मैदान में उतारने का निर्णय ले लिया वहीं उन्होंने पार्टी से टिकट की मांग जरूर की लेकिन उनके पक्ष में कांग्रेस का कोई बड़ा नेता खड़ा नहीं हुआ जिस कारण उन्हें मौका नहीं मिला और वह अंत में निर्दलीय चुनाव में उतरने मजबूर हुए। अब उनका भी निष्कासन हो चुका है,पार्टी ने छः साल के लिए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
कांग्रेस पार्टी ने तीन मुस्लिम समुदाय के लोगों को दिखाया पार्टी से बाहर का रास्ता, हो सकता है पार्टी को नुकसान
कांग्रेस पार्टी ने ऐन चुनाव के वक्त पार्टी से तीन मुस्लिम समुदाय के युवकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। मुस्लिम समुदाय कांग्रेस का एकतरफा समर्थक माना जाता है ऐसे में यह निष्कासन ऐन चुनाव के वक्त पार्टी को भारी न पड़ जाए। वैसे पार्टी ने निष्कासन के पहले विचार विमर्श किया होगा यह भी तय है और सोच समझकर ही पार्टी ने निर्णय लिया होगा।
कांग्रेस पार्टी ने टिकट वितरण में किया विलंब इसलिए भी हुई बगावत,निर्दलीय लड़ने वाले कांग्रेसी संख्या में हुए ज्यादा
कांग्रेस पार्टी में सबसे ज्यादा बगावत हुई और इसका कारण था कि पार्टी ने टिकट वितरण में विलंब किया। पार्टी ने अध्यक्ष पद सहित पार्षद पद के लिए बांटे जाने वाले टिकट का वितरण जल्द और नियम से किया होता कोई बगावत या इतनी बड़ी बगावत नहीं होती। अध्यक्ष पद का एक ही टिकट देना तय था नियमानुसार तो अन्य दावेदारों को पार्षद पद के लिए मनाना था लेकिन पार्टी ने अध्यक्ष का टिकट मांगने वाले एक का छोड़कर अन्य को सीधे चुनाव से बाहर कर दिया यह पार्टी की गलती मानी जाएगी क्योंकि पार्टी ने बिना राजनीति टिकट वितरण किया।


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