अंबिकापुर, 21 जनवरी 2025 (घटती-घटना)। महामाया पहाड़ से अतिक्रमण की कार्रवाई के बाद बेघर हुए लोगों ने नावागढ़ स्थित एक खुले मैदान में शरण लिया है। देखने के बाद ऐसा लग रहा है जैसे किसी आपदा से लोग प्रभावित हुए हैं और मैदान में शरण ले रखा है। लोगों का सारा सामान खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। कडकड़ाती ठंड में लोग मैदान में खुले आसमान के नीचे जीवन गुजार रहे हैं। दिन तो किसी तरह कट जा रही है पर कडकड़ाती ठंड में रात का समय गुजारना लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है। वहीं इनकी स्थिति को देखते हुए कुछ समाजसेवियों ने टेंट व खाने-पीने की व्यवस्था की है। सामूहिक भोजन की व्यवस्था की गई है। विशेष परेशानी छोटे बच्चों व बुर्जुगों को हो रही है। देर रात तक लोगों ने अलाव के पास बैठकर रातें गुजारी। बुघर हुए लोगों ने बताया कि हमारे आसियाने को उजाडऩे के बाद अधिकारी हमारी सुध लेने तक नहीं पहुंचे।
वहीं दो दिनों से बच्चे स्कूत तक नहीं गए हैं। बेघर हुए लोगों ने पुनर्वास व आर्थिक सहायता की मांग को लेकर मंगलवार को रैली निकाल कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान लगभग दो लोग लोग थे। आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण पुलिसकर्मियों ने उन्हें कलेक्ट्रेट प्रवेश करने से रोक दिया। इस दौरान प्रभावित लोगों का प्रतिनिधि मंडल एसडीएम से मिलकर उचित राहत देने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा है। एसडीएम फगेश सिन्हा का कहना है कि जो भी कार्रवाई हुई है वह वन विभाग द्वारा की गई है, ऐसे में वन विभाग को प्रभावित लोगों को राहत देना चाहिए। उन्होंने कहा ज्ञापन में प्रभावित लोगों ने अटल आवास सहित अन्य सुविधा की मांग की है इसके लिए वह उच्च अधिकारियों को इस संबंध में अवगत कराएंगे।
पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा है कि रविवार को प्रशासन ने अचानक मां महामाया पहाड़ पर से अतिक्रमण हटाने का फैसला किया और बुलडोजर से कई घर तोड़ दिए। न्यायालय का इस पर रोक के लिए ऑर्डर आने तक कई लोग बेघर हो चुके थे। प्रशासन ने ऐसा दिन चुना भी जब वहां के लोग न्यायालय भी नजीं जा सकते थे। उम्मीद है कि वन और राजस्व क्षेत्र की जांच कराकर,बिना किसी दबाव के प्रशासन न्यायोचित निर्णय लेगा। पहले चरण में वन विभाग द्वारा सामेवार को 60 घरों अतिक्रमण अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही थी। इस दौरान अधिकांश लोगों ने स्वयं ही अपने-अपने घरों से अल्बेस्टर शीट, खिडकी-दरवाजे सहित अन्य सामान निकालकर घर को खाली कर दिया था। वहीं दोपहर करीब 1 बजे तक लगभग 40 घरों पर बुलडोजर चल चुका था। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई रोक दी गई। इसके लिए हाईकोर्ट ने 5 दिनों का समय दिया है। शेष 20 घर भी खंडहर हो चुके हैं।
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