रायपुर@ वन स्टेट-वन इलेक्शन लागू करने वाला पहला राज्य बना छत्तीसगढ़

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चुनाव सुधार की दिशा में साय सरकार निकली आगे…
रायपुर,20 जनवरी 2025 (ए)।
वन स्टेट-वन इलेक्शन लागू करने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य बन गया है। आज राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान किया, जिसमें एक ही आचार संहिता में छत्तीसगढ़ में पहली बार शहर और गांव दोनों का चुनाव कराने की घोषणा की गई। निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराने साय सरकार ने कमेटी गठित की थी। उसके सुझाव के बाद एक ही आचार संहिता में चुनाव कराने की घोषणा की गई है।
छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय के चुनाव एक चरण में होंगे। वहीं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव तीन चरणों में होगा, जो 17, 20 और 23 फरवरी 2025 को होगा।
नगरीय निकाय चुनाव की तारीख
11 फरवरी को मतदान होगा.
एक ही चरण में नगरीय निकाय चुनाव कराया जाएगा.
22 जनवरी से नॉमिनेशन से शुरुआत होगी.
31 जनवरी को नाम वापसी तक का समय रहेगा.
15 तारीख को मतगणना होगी.
तीन चरणों में होगा पंचायत चुनाव
27 जनवरी से 3 फरवरी तक नॉमिनेशन होगा.
17, 20 और 23 फरवरी को मतदान होगा.
कमेटी ने एक साथ चुनाव कराने की थी सिफारिश
स्थानीय चुनाव एक साथ कराने की संभावना पर विचार करने और सुझाव देने के लिए राज्य सरकार ने आईएएस ऋ चा शर्मा की अध्यक्षता में अफसरों की कमेटी बनाई थी। इसमें अध्यक्ष सहित पांच अफसर थे। इस कमेटी के गठन का आदेश 4 अगस्त को जारी हुआ था। इस कमेटी ने अक्टूबर में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी. कमेटी ने दोनों चुनाव एक साथ कराए जाने की सिफारिश करते हुए कहा था कि दोनों चुनाव एक साथ कराए जाने से धन और मैन पावर दोनों की बचत होगी।
नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव के मद्देनजर छत्तीसगढ़ में आदर्श आचार संहिता लागू
छत्तीसगढ़ में 2025 के विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने राज्य के सभी विभाग प्रमुखों, संभाग आयुक्तों और कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं। यह आचार संहिता प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी बनाने के लिए लागू की गई है।
शासकीय कर्मचारियों से अपेक्षित आचरण
आचार संहिता के तहत,शासकीय कर्मचारियों को चुनाव प्रक्रिया के दौरान पूरी तरह से निष्पक्ष और निष्कलंक रहना अनिवार्य है। उन्हें किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार का पक्ष नहीं लेना चाहिए। कर्मचारियों को चुनाव प्रचार में भाग नहीं लेना चाहिए और न ही किसी अभ्यर्थी के पक्ष में काम करना चाहिए। इसके अलावा, कोई भी शासकीय कर्मचारी चुनाव अभिकर्ता, मतदान अभिकर्ता या गणना अभिकर्ता के रूप में कार्य नहीं कर सकता है।
मंत्रियों के कार्य और यात्रा संबंधी निर्देश
मंत्री यदि जिले में शासकीय भ्रमण पर आते हैं तो उन्हें सर्किट हाउस या विश्राम गृह में ठहरने के दौरान केवल आवश्यक अधिकारी ही उपस्थित होंगे, लेकिन यदि मंत्री किसी निजी घर में ठहरते हैं तो कोई अधिकारी नहीं जाएगा। यदि मंत्री सरकारी आवास पर ठहरते हैं तो सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी, जबकि निजी आवासों पर सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की जाएगी। चुनावी अवधि के दौरान मंत्री किसी चुनावी क्षेत्र में शासकीय दौरे पर नहीं जाएंगे और चुनाव प्रचार से संबंधित कोई सभा आयोजित नहीं करेंगे।
निर्वाचन प्रचार पर प्रतिबंध
चुनाव प्रचार में लाउडस्पीकर का उपयोग नियंत्रित किया जाएगा ताकि यह आम जनता की शांति में व्यवधान न डाले। छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम का पालन किया जाएगा। चुनाव प्रचार के दौरान सरकारी या निजी संपत्ति को विकृत करने वाली गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वाहनों की व्यवस्था
चुनाव कार्यों के लिए पर्याप्त संख्या में वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे। ये वाहन चुनाव सामग्री और कर्मचारियों की आवाजाही के लिए उपयोग में लाए जाएंगे। सभी विभागों से वाहन सूची तत्काल कलेक्टर को भेजने को कहा गया है। चुनाव कार्य में कोई बाधा न आए, इसके लिए विभागीय वाहनों की समय पर मरम्मत सुनिश्चित की जाएगी।
पेट्रोल/डीजल की व्यवस्था
चुनावों के दौरान वाहनों का बड़े पैमाने पर उपयोग होगा, इसलिए पेट्रोल और डीजल की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी। कलेक्टर पेट्रोल और डीजल के स्टॉक की स्थिति की समीक्षा करेंगे और जहां जरूरत होगी, वहां पेट्रोल-डीजल की व्यवस्था की जाएगी।
विश्राम गृहों में आरक्षण
चुनाव प्रक्रिया के दौरान चुनाव कार्य से जुड़े अधिकारियों के लिए विश्राम गृहों में कमरे आरक्षित किए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य अधिकारियों के लिए प्राथमिकता से कक्ष उपलब्ध कराए जाएंगे।
कर्मचारियों की नियुक्ति और अवकाश
कलेक्टर चुनाव कार्य के लिए विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की सेवाएं ले सकते हैं। हालांकि, चिकित्सकों, पुलिस और अन्य विभागों के कर्मचारियों को चुनाव कार्य के लिए नहीं लगाया जाएगा। चुनाव कार्य में लगी कर्मचारियों को अवकाश नहीं दिया जाएगा, सिवाय इसके कि जब बहुत जरूरी हो।
निर्वाचन अवधि में
प्रचार पर प्रतिबंध

मंत्रियों और अन्य प्राधिकारियों को निर्वाचन की घोषणा से लेकर परिणाम घोषित होने तक किसी भी प्रकार के अनुदान, आश्वासन या विकास कार्यों की घोषणा नहीं करनी चाहिए।
शासकीय संसाधनों का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए सत्ताधारी दल या उनके उम्मीदवारों के पक्ष में नहीं किया जाएगा।
निर्वाचन से जुड़े अन्य प्रतिबंध
निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान राज्य सरकार द्वारा नए विकास कार्य शुरू नहीं किए जाएंगे और जो कार्य पहले से स्वीकृत हैं, उन्हें भी फिलहाल स्थगित रखा जाएगा। चुनाव प्रचार में छत्तीसगढ़ राज्य या केंद्र सरकार की संस्थाओं का खर्चीला प्रचार नहीं किया जाएगा। किसी भी प्रकार के प्रचार के लिए सरकारी खर्च का उपयोग नहीं होगा।
कानून-व्यवस्था की स्थिति
आचार संहिता लागू होते ही चुनावी क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जाएंगे। किसी भी प्रकार की हिंसा, धमकी या अव्यवस्था की स्थिति में तत्काल कार्रवाई की जाएगी।


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