अंबिकापुर,@महामाया पहाड़ से हटेगा अतिक्रमण,विभाग ने 182 लोगों को नोटिस देकर 24 घंटे का दिया समय

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अंबिकापुर,18 जनवरी 2025 (घटती-घटना)। महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण का मुद्दा पिछले कई वर्षों से चला आ रहा है। वर्ष 2022 में भाजपा नेता आलोक दुबे ने महामाया पहाड़ पर अवैध अतिक्रमण किए जाने का मुद्दा उठाया था। मामले की जांच में 468 लोगों द्वारा अतिक्रमण किए जाने की पुष्टी हुई थी। वहीं 60 अतिक्रमणकारियों को बेदखली की नोटिस भी जारी किया गया था। पर वोट बैंक की राजनीतिक के कारण अतिक्रमण नहीं हटाया गया था।
मां महामाया मंदिर के ऊपर महामाया पहाड़ है। यहां स्थानीय व बाहरी लोगों द्वारा पिछले कुछ सालों से अतिक्रमण किया गया है। खैरबार, बधियाचुआं और नवागढ़ इलाके से लगे इस वन क्षेत्र में वर्षों से अवैध कब्जे की शिकायत पर वर्ष 2017 में जांच के बाद 60 कजाधारियों को बेदखली का नोटिस जारी किया था। पर राजनीतिक दबाव के कारण अतिक्रमण नहीं हटाया गया था। वर्ष 2017 के बाद यहां अतिक्रमण और तेजी से बढ़ गया। वर्ष 2022 में भाजपा नेता आलोक दुबे ने एक बार फिर अतिक्रमण का मामला उठाया था। शिकायत पर जिला प्रशासन ने मामले की जांच कराई थी। जांच में 468 लोगों द्वारा अतिक्रमण किए जाने की बात सामने आई थी। वहीं विभाग ने 60 लोगों को बेदखली की नोटिस भी जारी किया था। इनका अतिक्रमण हटाने विन विभाग द्वारा फोर्स की मांग की गई थी पर राजनीतिक दबाव के कारण वर्ष 2022 में अतिक्रमण नहीं हट पाया था। इसके बाद वर्ष 2023 में प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद भी आलोक दुबे ने मां महामया पहाड़ पर अतिक्रमण की शिकात मुख्यमंत्री के समक्ष की थी। 15 जनवरी को प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्याम सरगुजा प्रवास पर थे। वन मंत्री ने वन विभाग के संभागीय बैठक ली थी। बैठक में डीएफओ से महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण खाली नहीं कराए जाने की बात पूछी। इस पर मंत्री ने डीएफोओ को कड़ी फटकार भी लगाई थी। मंत्री ने हर हाल में 60 घरों को तोडऩे के निर्देश डीएफओ को दिए थे। उन्होंने इसके लिए डीएफओ को अपै्रल तक का समय दिया है।
नोटिस से लोगों में हडकंप
वन मंत्री के कड़ी फटकार व अलिटीमेटम के बाद वन विभाग हरकत में है। निर्देश के दूसरे दिन ही वनमंडलाधिकारी ने अतिक्रमण कारियों को नोटिस थमाते हुए खाली करने के निर्देश दिए हैं। वनमंडलाधिकारी ने 182 लोगों को नोटिस दिया है। इसके लिए विभाग ने 24 घंटे का समय दिया है। वहीं नोटिस मिलने के बाद अतिक्रमणकारियों में हडकंप है। 60 ऐसे अतिक्रमणकारी हैं जिन्हें बेदखली की नोटिस वर्ष 2022 में दिया गया था। ये सभी अपने बचाव में हाईकोर्ट तक भी गए थे। पर हाईकोर्ट से भी इन्हें राहत नहीं मिली थी। वहीं पहले चरण में इन 60 घरों को तोड़ा जाएगा। सूत्रों के अनुसार 3 दिन के अंदर विभाग द्वारा इनका अतिक्रमण खाली करा दिया जाएगा। महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण को लेकर भाजपा नेता आलोक दुबे की शिकायत पर तत्कालीन डीएफओ सरगुजा वनमंडल ने महामाया पहाड़ का सर्वे कराया था। सर्वे में कक्ष क्रमांक 2581 और 2582 में कुल 468 लोगों का अवैध कब्जा पाया गया था। उन्हें भी नोटिस जारी किया गया था। राजनैतिक दबाव के कारण वन विभाग भूमि से अतिक्रमण खाली नहीं करा पाए था। महामाया पहाड़ के 60 कब्जाधारियों को बेदखली का नोटिस भी जारी किया गया था। उन्हें हटाने के लिए डीएफओ सरगुजा ने मई 2022 में सरगुजा कलेक्टर को पत्र लिखकर फोर्स की मांग की थी। पर राजनितिक दबाव के कारण वर्ष 2022 में अतिक्रमण नहीं हट पाया था।


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