अंबिकापुर,09 जनवरी 2025 (घटती-घटना)। 60 वर्षीय सेवानिवृत पटवारी के निधन पर परिजन नेत्रदान का निर्णय लिया। इस पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नेत्र चिकित्सकों ने उनके निवास पर पहुंचकर दोनों आंखों का कार्निया निकाल सिम्स मेडिकल कॉलेज बिलासपुर भेज दिया।
जानकारी के अनुसार नमनाकला निवासी सेवानिवृत ओम प्रकाश भारती की 60 वर्ष की आयु में बुधवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया। निधन पर उनके परिजन ने नेत्रदान का र्निणय लिया। सूचना पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नोडल एवं नेत्र दान अधिकारी डॉ. रजत टोप्पो टीम के साथ रिषी कुमार भारती के घर पहुंचकर स्व. ओम प्रकाशा भारती के पार्थिव शरीर से सम्मानपूर्वक दोनों आंखों का कॉर्निया निकाल सिम्स मेडिकल कॉलेज बिलासपुर भेज दिया। इस दौरान चिकित्सकों के टीम में डॉ. अभिजीत जैन, डॉ. डोमन साहू, डॉ. दीपा वाधवानी, नेत्र सहायक अधिकारी रमेश घृतकर शामिल थे। नोटल अधिकारी रजत टोप्पो ने कहा कि इनके नेत्रदान से आगामी दिनों में दो दृष्टिहीन व्यक्तियों को इस नेत्र दान से रोशनी मिलेगी। उन्होंने बताया कि आंखों का दान महादान है। लोगों को इसके प्रति जागरूक होने की जरूरत है। यह नेत्र विभाग शासकीय चिकित्सालय अम्बिकापुर एवं राष्ट्रीय अंधत्व कार्यकम की सफलता है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइ विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. रजत टोप्पो ने बताया कि स्व. ओम प्रकाश भारती के पार्थिव शरीर से दोनों आखों के कार्निया निकालकर आई कंटेनर में रखा गया। इसके बाद कंटेनर को कोल्ड चेन में डाला गया। कार्निया को 4 डिग्री तापमान में रखने का नियम है। इसके बाइ आई कंटेनर को सिम्स के लिए भेज दिया गया। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आई बैंक की सुविधा नहीं है। आई बैंक खोलने की तैयारी की जा रही है। अगर जिले में किसी का नेत्रदान किया जाता है तो उसे आई कंटेनर के माध्यम से सिम्स आई बैंक के लिए भेज दिया जाता है। किसी भी व्यक्ति की मौत के छह घंटे बाद परिजन की सहमति से नेत्रदान किया जा सकता है और उसे 72 घंटे तक आई बैंक में रखकर किसी जरूरतमंद को लगाया जा सकता है।
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