रायपुर@अब लेआउट पास कराना हुआ महंगा

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@शुल्क में की गई बेतहाशा वृद्धि
@फाइल के साथ अब न्यूनतम 10 से 60 हजार जमा करना होगा
रायपुर,08 जनवरी 2025 (ए)।
राज्य में अब किसी भी भूखंड में निर्माण के लिए लेआउट पास कराना महंगा पड़ेगा। आवास पर्यावरण विभाग ने इसके शुल्क में कई गुना वृद्धि कर दिया है। अब यह शुल्क भूखंड के आकार (क्षेत्रफल) के अनुसार देना होगा। अब तक किसी भी भूखंड के लिए 3750 रूपए का शुल्क लेआउट प्लान के साथ देना होता था। जो बढ़ाने के बाद न्यूनतम 60 हजार रूपए कर दिया गया है। इस वृद्धि से जहां सरकार को बड़ा राजस्व मिल रहा है। मगर आम लोगों पर इससे आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
आवेदन के साथ जमा करना होगा शुल्क
आवास पर्यावरण विभाग ने छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 के तहत छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम, 1984 में इस संबंध में एक बड़ा संशोधन किया है। इसके मुताबिक ले आउट के प्रत्येक आवेदन शुल्क के साथ होगा तथा ऐसे भुगतान की पावत्ती की एक अभिप्रमाणित प्रति आवेदन के साथ संलग्न की जाएगी। ऐसी किसी पावती के बिना प्राप्त कोई आवेदन विधिमान्य नहीं समझा जाएगा और इसलिए खारिज किया जाएगा। आवेदन शुल्क आवेदन, शुल्क के साथ होगा, जो कि निम्नानुसार होगा। विकास अनुज्ञा के लिए रु. 5000 प्रति हैक्टेयर शुल्क अथवा क्षेत्र को निकटतम पूर्णांक में पूर्णांकित करते हुए गणना की जाएगी । उदाहरण के लिए 1.499 हैक्टेयर को 1 हैक्टेयर माना जायेगा तथा 1.5 हैक्टेयर को 2 हैक्टेयर माना जाएगा। भवन अनुज्ञा के लिए प्रस्तावित निर्मित क्षेत्र का 1 रु. प्रति वर्ग मीटर देय होगा।जो आवेदन शुल्क किसी भी दशा में वापस नहीं किया जाएगा। नगर निवेषक किसी अनुज्ञा को निलंबित या प्रतिसंहृत कर सकेगा यदि उसके पास यह विश्वास करने का कारण हो कि ऐसी अनुज्ञा मिथ्या कथन अथवा दुरभावना के आधार पर प्राप्त की गई हो अथवा अनुज्ञा में अधिरोपित शर्तों का उल्लंघन किया गया हो अथवा अधिनियम अथवा उसके अधीन निर्मित नियमों के उपबंधों का पालन नहीं किया गया हो। परंतु यह कि ऐसा कोई आदेश तब तक पारित नहीं किया जाएगा जब तक कि ऐसे व्यक्ति को जिसने कि अनुज्ञा प्राप्त की हो, सुनवाई का एक अवसर प्रदान न कर दिया गया हो। परंतु यह और कि प्रतिसंहरण अथवा निलंबन का ऐसा आदेश बातिल हो जाएगा यदि आवेदक अधिनियम अथवा नियम अथवा अनुज्ञा में अधिरोपित शर्तों का पालन कर देता है। तथापि, जहां अनुज्ञा मिथ्या कथन अथवा किसी सारवान तथ्य के किसी दुर्व्यपदेशन के आधार पर प्राप्त की गई हो तो प्रतिसंहरण का ऐसा आदेश बातिल नहीं किया जाएगा।
नियमों का पालन नहीं हुआ तो होगी कड़ी कार्यवाही
इसी तरह से कुछ नए नियम जोड़े गए हैं। इसके तहत इन नियमों के उपबन्धों का उल्लंघन अथवा विचलन करने की स्थिति में भवनों को सील करने की कार्यवाही की जा सकेगी। भुखंड के क्षेत्रफल 12.5 मीटर तथा 21 मीटर के स्थान पर पुर्णांक राउंड फिगर में 15 मीटर तथा 24 मीटर किया गया है। इसके लिए शुल्क 30 प्रतिशत के स्थान पर 40 प्रतिशत किया गया है। नगर विकास योजना या योजनाओं हेतु विकास विनियमन में निर्धारित मापदण्ड अनुसार अभिन्यास या उप-विभाग में सामुदायिक खेल स्थल मनोरंजन प्रयोजन के लिए आरक्षित रखे जाएंगे। औद्यागिक क्षेत्र में भूमि के किसी प्लाट, ले-आउट अथवा उप खण्ड में छात्रावास एवं डॉरमेट्री अनुज्ञेय होंगे। नियम 50 के एफएआर एवं भूतल आच्छादित क्षेत्र (ग्राऊण्ड कव्हरेज) सम्पूर्ण भूमि पर विकलनीय होगा।09/15 मीटर खुले क्षेत्र में, नाले की सीमा / उच्चतम बाढ़ चिन्ह से ऊपर मार्ग एवं खुली पार्किंग की गतिविधियाँ स्वीकार्य होगी। जिसमें खुली पार्किंग में कव्हर्ड पार्किंग किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी।100 मीटर या उससे अधिक चौड़ाई वाले पहुंच मार्ग पर, 5 एकड़ या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले वाणिज्यिक भूखण्डों के प्रकरणों में 5.0 तलक्षेत्र अनुपात अनुज्ञेय होगा। ऐसी स्थिति में जहां ऐसे वाणिज्यिक भूखण्ड केन्द्रीय व्यापारिक जिला केन्द्र (सी.बी.डी.) अथवा ट्रांजिट ओरिएटेड डेव्हलपमेंट (टी. ओ.डी.), जैसा कि संबंधित विकास योजनाओं में परिभाषित किया गया हो, में स्थित हो, 2.0 अतिरिक्त तलक्षेत्र अनुपात अनुज्ञेय होगा।


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