डॉक्टर की सेवा समाप्ति का आदेश रद्द किया हाईकोर्ट ने

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बिलासपुर,06 जनवरी 2025 (ए)। हाईकोर्ट में जस्टिस ए.के. प्रसाद की एकलपीठ ने डीकेएस अस्पताल के डॉक्टर प्रवेश शुक्ला की सेवा समाप्ति के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि बिना विभागीय जांच और सुनवाई का अवसर दिए सेवा पर ऐसा धब्बा लगाने वाला (स्टिग्मा टाइज्ड) आदेश पारित करना अवैध है, चाहे डॉक्टर संविदा नियुक्ति पर ही क्यों नहीं हो।
अनवर ढेबर के इलाज से जुड़ड़ा है प्रकरण
यह विवाद 8 जून 2024 को तब शुरू हुआ जब शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर को रायपुर सेंट्रल जेल से इलाज के लिए अस्पताल लाया गया। अस्पताल में लोअर एंडोस्कोपी मशीन खराब होने के कारण डॉक्टर शुक्ला ने उन्हें एम्स रेफर कर दिया। राज्य सरकार ने इसे अनुशासनहीनता और सेवा में कमी मानते हुए डॉक्टर की सेवा समाप्त कर दी और गोलबाजार थाने में स्नढ्ढक्र दर्ज कराई।डॉ. शुक्ला ने अपनी याचिका में कहा कि वे सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं और चिकित्सा क्षेत्र में सेवा के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ लौटे हैं। उन्होंने बताया कि लोअर जीआई एंडोस्कोपी (कोलोनोस्कोपी) के लिए आवश्यक उपकरण अस्पताल में उपलब्ध नहीं थे और यह जांच प्रक्रिया आमतौर पर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट द्वारा की जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस क्षेत्र के विशेषज्ञ नहीं हैं और इसलिए उन्होंने मरीज को अन्य अस्पताल रेफर किया। याचिका में उन्होंने यह भी तर्क दिया कि अनुशासनात्मक जांच समिति गठित करने की उनकी मांग को नजरअंदाज कर दिया गया और उनके खिलाफ बिना किसी उचित जांच के उन्हें कलंकित करने वाला आदेश जारी कर दिया गया।


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