आईसीएमआर की रिपोर्ट संसद में पेश
नईदिल्ली,11 दिसम्बर 2024 (ए)। आईसीएमआर की नई रिसर्च ने उन अफवाहों को खारिज कर दिया है जो कोविड वैक्सीनेशन को अचानक मौतों का कारण बताती थीं। मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने संसद में जानकारी देते हुए कहा कि कोविड वैक्सीन और अचानक मौतों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वैक्सीनेशन से मौतों का जोखिम बढऩे के बजाय कम हुआ है। यह रिपोर्ट युवाओं और वयस्कों की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर कई अहम बातें सामने रखती है। रिपोर्ट को आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी ने तैयार किया है। इसमें 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों के डेटा का विश्लेषण किया गया।
इसमें 18 से 45 साल के स्वस्थ व्यक्तियों के उन 729 मामलों का अध्ययन किया गया जिनकी अचानक मौत हो गई थी। इसके अलावा, 2916 सैंपल ऐसे थे जिन्हें हार्ट अटैक के बाद बचा लिया गया। रिसर्च से यह निष्कर्ष निकला कि कोविड वैक्सीन की एक या दो खुराक लेने से अचानक मौत की संभावना घट जाती है।
मौतों के पीछे ये वजहें आई सामने
अचानक मौतों के कारणों पर गौर करते हुए, रिसर्च में पांच मुख्य फैक्टर सामने आए। इनमें कोविड-19 अस्पताल में भर्ती रहने का इतिहास, परिवार में पहले से ऐसी मौतें होना, अत्यधिक शराब सेवन, नशीली दवाओं का उपयोग, और मौत से पहले ज्यादा शारीरिक गतिविधि (जैसे जिम में व्यायाम) शामिल हैं। इन कारणों को अचानक मौतों का प्रमुख कारक बताया गया है।
वैक्सीनेशन पर सरकार का भरोसा
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट्स पर लगातार नजर रख रही है। ‘एडवर्स इवेंट फॉलोविंग इम्यूनाइजेशन’ नाम से एक मजबूत सर्विलांस सिस्टम तैयार किया गया है। वैक्सीनेशन केंद्रों पर एनाफिलेक्सिस किट और 30 मिनट का अनिवार्य निरीक्षण सुनिश्चित किया जाता है। इसके अलावा, जागरूकता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया और राज्य सरकारों को दिशानिर्देश दिए गए हैं।
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