खडगवा@खड़गवां जनपद पंचायत में हो रहे निर्माण कार्यों मेंभ्रष्टाचार रोकने अधिकारी सक्रिय नहीं

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-राजेन्द्र शर्मा-
खडगवा,04 दिसंबर 2024 (घटती-घटना)।
खडगवा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों में विभिन्न विभिन्न योजनाओं से हुए और हो रहे निर्माण कार्यों की अनदेखी तो खुलेआम देखी जा सकती है इस विकास खंड में ऐसे कई मामले सामने आये कि जहां पर सडक नहीं है वहां पर पुलिया का निर्माण कार्य करा दिया गया है और सडक का कोई पता नहीं है और कहीं तो एक ही सडक पर दो तीन अलग अलग नाम से पुलिया बना दिया गया है इस तरह इस विकास खंड के पोडी बचरा सहित कई ग्राम पंचायतों में ऐसे निर्माण कार्य कराए गए हैं जहां पर उनके निर्माण कार्य का आवश्यकता नहीं और इसे छूपाने के लिए सूचना पटल का बनाकर फोटो ग्राफी कर सूचना पटल भी स्थल से गायब इस तरह के निर्माण कार्य विकास खंड खडगवा मे महज ठेकेदारी से चल रहे और किये जा रहे हैं जबकि सथल का प्रस्ताव भी सरपंच से दबाव में या सचिव से साठगांठ लालच से कर कराया जाता है
पुलिया निर्माण की प्रक्रिया में मनमानी
विकास खंड के ग्राम पंचायतों में जिन जगहों पर पुल पुलिया की आवश्यकता है वहां पर निर्माण कार्य नहीं कराए गए है ग्राम पंचायतों में ठेकेदारी करने वाले जिस सथल पर पुलिया का निर्माण कार्य कराना होता है उस सथल का चयन और नापजोख ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के इंजिनियर के द्रारा कर उसका डाईंग डिजाइन स्टीमेट तैयार किया जाता है उसके बाद पुलिया निर्माण कि राशि स्वीकृति के लिए जाती है। सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अधिकारी ही ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा देकर ठेकेदारी करवा रहे हैं।
गुणवत्ता विहीन निर्माणःघटिया सामग्री का उपयोग
विकास खंड खडगवा मे जितने भी निर्माण कार्य मनरेगा एवं अन्य योजनाओं से चल रहे हैं उन सभी कार्यों में कर्मचारियों की भी धडल्ले से ठेकेदारी चल रही है निर्माण एजेंसी तो सिर्फ नाम के लिए मूकदर्शक बनी रहती है ग्राम पंचायतो मे सारा निर्माण कार्य का खेल ठेकेदारों के द्रारा घटिया और गुणवाा विहीन निर्माण कार्य किया जा रहा है जगह जगह घटिया और गुणवाा विहीन निर्माण कार्यों की शिकायते हो रही है खबरें प्रकाशित हो रही और ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अनुविभागीय अधिकारी का एक ही जवाब रटा रटाया रहता है जांच कर कार्यवाही करेंगे और कार्यवाही सिर्फ खानापूर्ति ही होती है। जिससे ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य पूर्ण रूप से गुणवत्ताविहीन हो रहे हैं जिस गुणवत्ता की निर्माण समाग्री निर्माण कार्य में उपयोग किया जाना होता है उसका उपयोग नहीं किया जाता है और ये सारा निर्माण कार्य संबंधित इंजीनियर के समाने किया जाता है और उस निर्माण कार्य का मेजरमेंट भी इंजीनियर के लेन देन के मेजरमेंट के द्रारा किया जाता है इस तरह विभाग की मिली भगत कर भ्रष्टाचार किया जाता है प्रशासन को इस तरह के निर्माण कार्य कराने वालो पर ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।
ठेकेदारी और भ्रष्टाचार का गठजोड़
अधिकारी के द्रारा अपने और ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए मनमाने तरीकें से विभाग के इंजीनियरो से ही स्टीमेट तैयार कर लाभ प्राप्त किया जा रहा है। तीन लाख कि लागत का कार्य की लागत सात से आठ लाख की लागत कि बनाई जाती है इस तरह विकास खंड खडगवा मे ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के इंजीनियर और अनुविभागीय अधिकारी ग्राम पंचायतों में ठेकेदारी को बढावा देकर “इस कहावत को चरितार्थ करते हुए कि सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे” और अपनी भी जेब भरती रहे हैं।


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