- बिना नम्बर की ट्रैक्टरों पर वह भी बेतरतीब और नियम विरुद्ध बने ट्रैक्टर के ट्रालियों वाले ट्रैक्टरों पर कार्यवाही क्यों नहीं करता परिवहन विभाग,यातायात विभाग?
- क्या यातयात विभाग परिवहन विभाग भी इनके आगे नतमस्तक है क्या वह इनके मामले में सेट हैं?

-रवि सिंह-
बैकुंठपुर,01 दिसम्बर 2024 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के जिला मुख्यालय से चंद किलोमीटर दूर कुछ ऐसा देखने को मिल रहा है जो पूरी व्यवस्था को ही चिढ़ा रहा है। मामला हरे भरे पेड़ो की कटाई कर उन्हें ढुलाई कर उक्त स्थान तक लाने और वहां से अन्य राज्य भेजे जाने से जुड़ा है जहां हरे पेड़ो के नाम पर कटाई यूकेलिप्टस की होनी बताई जताई जा रही है लेकिन यदि मौके पर जाकर देखा जाए तो वहां अन्य लकडि़यों की भी पेड़ो की भी कटाई कर उन्हें लाया जा रहा है और उन्हें भी यूकेलिप्टस के ही साथ अन्य राज्य भेजा जा रहा है। वैसे इस आशय की एक खबर प्रकाशित की भी गई थी लेकिन प्रशासन की कान में जू तक नहीं रेंगा और मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई और न ही इस मामले में प्रशासन के किसी अंग ने कुछ जांचने का ही प्रयास किया और इसके पीछे की वजह एक बड़े प्रशासनिक अधिकारी की मामले में सहमति बताई जा रही है।
इस मामले में जो हरे भरे पेड़ो की कटाई से जुड़ा मामला है जिसमे ज्यादातर तो यूकेलिप्टस के पेड़ काटे जा रहे हैं लेकिन साथ में अन्य भी पेड़ हरे भरे काटे जा रहे हैं उन्हें अन्य राज्य भेजने यहां जिला मुख्यालय से एकदम करीब सड़क किनारे रखकर बड़ी ट्रकों में लादकर भेजा जा रहा है में हरे पेड़ो को काटकर अन्य अन्य जगहों से लाने के दौरान भी काफी कुछ बड़ी गड़बड़ी दिखाई दे रही है जिसमे लकड़ी माफियाओं की दबंगई ऊनके ट्रैक्टरों से समझी जा सकती है जिनके न ही नंबर प्लेट ट्रैक्टरों में लगे हैं और ही ट्रैक्टरों के डाले ही नियमानुसार निर्मित या बने हैं। ट्रैक्टरों के डाले खुले हुए हैं और उनका आकार प्रकार भी नियम कायदों से अलग है वहीं उनमें अलग अलग जगह से इतनी इतनी लकडि़यां भरकर लाई जाती है कि वह यदि एक भी खिसक जाए या उनमें से एक भी चलने के दौरान लकड़ी फिसल जाए बड़ी दुर्घटना घट जाए सड़क पर वह भी राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर।
लकडि़यों की कटाई क्या नियम से हो रही है?
एक तरफ लकडि़यों की कटाई क्या नियम से हो रही है क्या यूकेलिप्टस के अलावा कोई लकड़ी नहीं कट रही वहीं उसकी भी क्या कटाई की अनुमति ली जा रही है यही स्पष्ट नहीं है और जिम्मेदार विभाग खुली छूट दे रखे हैं माफियाओं को वहीं उनके ट्रैक्टरों को जो नियम कायदे तोड़ते चल रहे हैं वह भी फूल स्पीड उनको लेकर भी परिवहन विभाग और यातायात विभाग मौन है और ऐसा लग रहा है कि वह रिश्तेदारी निभा रहे है माफियाओं से।
प्रकाशित की गई खबर उपरांत भी संज्ञान नही
वैसे पहले प्रकाशित की गई खबर उपरांत ऐसा लगा था कि जिला प्रशासन इस मामले में संज्ञान लेगा और जांच करके मामले में सच सामने लाएगा वहीं परिवहन विभाग और यातायात विभाग भी ट्रैक्टरों को कार्यवाही की जद में लेंगे भूमाफियाओं के ट्रैक्टरों को और उनसे क्षमता से अधिक भार लेकर वह भी बिना नंबर प्लेट की ट्रैक्टरों में साथ ही खुले डालो वाली ट्रैक्टरों में भार लेकर चलने मामले में जवाब लेगा कार्यवाही करेगा या कम से कम जुर्माना ही करेगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ बल्कि अब और अधिक मनमानी पर उतारू हैं लकड़ी माफिया और उनका मनोबल बढ़ा हुआ लग रहा है और उनकी काम की गति भी तेज हुई है कम होने की बजाए।।वैसे जिला प्रशासन, परिवहन विभाग, यातायात विभाग साथ अन्य जिम्मेदार विभाग एकसाथ मौन हैं और इसके पीछे की वजह प्रशासन से ही कहीं सहमति तो नहीं यही लोगों का कहना है वरना इतने बड़े पैमाने पर इस तरह लकड़ी का व्यापार कहीं नहीं होता वह भी सड़क किनारे जहां लकडि़यों से किसी की दुर्घटना भी संभावित है नहीं समाने देखने को मिलता।