- आरोपी कुलदीप साहू की मदद करने वाला आरक्षक बर्खास्त…एसपी ने की कार्यवाही…
- सूरजपुर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक तालिब शेख की पत्नी व बेटी की हत्या का आरोपी व जिलाबदर कुलदीप साहू का हत्याकांड के बाद आरक्षक ने की थी मदद…
सूरजपुर, 29 नवम्बर 2024 (घटती-घटना)। सूरजपुर के पुलिस अधीक्षक में एक बड़ी कार्यवाही करते हुए पुलिस वालों को एक नसीहत भी दे दी है वह नसीहत यह है कि आरोपियों को संरक्षण देना व उनका सहयोग करना पुलिसकर्मी छोड़ दें वरना उन पर भी कार्यवाही होने में देर नहीं लगेगी ऐसा ही कुछ सूरजपुर जिले में देखने को मिला जब सूरजपुर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक तालिक शेख की पत्नी व बेटी की हत्याकांड के मुख्य व कुख्यात आरोपी जिलाबदर कुलदीप साहू इन दिनों जेल में है। पुलिस पर कुलदीप साहू से साठगांठ के आरोप लगे थे। इससे पुलिस की भी खूब किरकिरी हुई थी। पुलिसिया साठगांठ को उजागर करने आईजी ने कोरिया एएसपी मोनिका ठाकुर व बलरामपुर एसडीओपी एम्मानुएल लकड़ा को जांच का जिम्मा दिया था। जांच में यह बात निकलकर सामने आई कि सूरजपुर में पदस्थ आरक्षक प्रदीप साहू ने प्रधान आरक्षक की पत्नी व बेटी की हत्या में शामिल आरोपी कुलदीप साहू की मदद की है। पुख्ता सबूत मिलने के बाद सूरजपुर एसएसपी प्रशांत कुमार ठाकुर ने आरक्षक को बर्खास्त कर दिया है।
गौरतलब है कि 13 अक्टूबर की रात सूरजपुर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक तालिक शेख की पत्नी व बेटी की नृशंस हत्या कर दी गई थी। मामले का मुख्य आरोपी सूरजपुर के बाजारपारा निवासी जिलाबदर कुलदीप साहू फरार था। 14 अक्टूबर को मां-बेटी का शव मिलने के बाद से पुलिस कुलदीप साहू की तलाश कर रही थी। बताया जा रहा है कि 14 अक्टूबर को ही जब लोगों ने कुलदीप साहू का घर जलाया था, उस दौरान सूरजपुर थाने में पदस्थ आरक्षक प्रदीप साहू ने हत्याकांड के सहयोगी आरोपी सूरज साहू की मदद से कुलदीप की मां से घर में रखे 2 लाख रुपए निकलवाए थे। इसकी जानकारी भी आरक्षक ने अपने उच्चाधिकारियों को नहीं दी थी। यह घोर लापरवाही वाला कृत्य है।
आरक्षक के मोबाइल में 18 बार किया गया था कॉल
पुलिस का मानना है कि आरक्षक प्रदीप साहू द्वारा निकलवाए गए रुपयों को फरार कुलदीप उपयोग कर सकता था। वहीं आरक्षक द्वारा डबल मर्डर के सह आरोपी सूरज साहू की बात संतोष साहू से कराई थी। बताया जा रहा है कि आरक्षक के मोबाइल से संतोष साहू के फोन पर 18 बार कॉल किया गया था। यदि पैसा मिल गया होता तो आरोपी फरार हो सकता था और पुलिस को पकड़ने में और दिन लग सकते थे। अपने पुलिस विभाग की मदद ना करके आरोपी की मदद करना कहीं ना कहीं पूरे पुलिस को बदनाम करने जैसी स्थिति निर्मित कर दी आरक्षक ने।
सूरजपुर पुलिस अधीक्षक ने आरक्षक को किया बर्खास्त
जांच में आरक्षक द्वारा कुलदीप साहू के परिजनों ने लगातार संपर्क की बात उजागर हुई थी। जबकि आरक्षक को यह पता था कि आरोपी कुलदीप साहू प्रधान आरक्षक की पत्नी व बेटी का हत्यारा है। आरक्षक द्वारा आरोपियों की मदद का पुख्ता सबूत मिलने के बाद एसएसपी ने उसे पद से बर्खास्त कर दिया। साथी एसपी नहीं भी साफ कर दिया कि जिले में पुलिसकर्मी यदि आगे भी ऐसा कोई कृत करते हैं तो सजा के लिए तैयार रहे क्योंकि ऐसा अक्सर देखा जाता था कि पुलिस के ही सहयोग से आरोपी वह अवैध कारोबारी को संरक्षण मिलता था ऐसे कार्यवाही के बाद अब शायद कोई पुलिस कर्मी संरक्षण देने का काम करेगा सूत्रों की माने तो एक ऐसी कार्रवाई एक और के साथ हो सकती है जिसका नाम का खुलासा भी नहीं हुआ है।